पीला कलर मिलाकर लड्डू बेचने वाले व्यापारी को 06 माह का सश्रम कारावास Color in Laddu



मानव स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित लड्डू बेचने वाले आरोपी को 06 माह का सश्रम कारावास

मनासा। त्यौहारों में हम विभिन्न प्रकार के मिष्ठान्न बड़े चाव से खाते हैं लेकिन जब यह पता लग जाए कि इनमें मिलावट है तो कैसा लगेगा ? कुछ इसी प्रकार के मिलावटखोर को न्यायालय से सजा सुनाई है। श्रीमान मनीष पाण्डेय्, न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, मनासा द्वारा आरोपी विनोद पिता माणकचंद्र अग्रवाल, उम्र-50 वर्ष, निवासी-वार्ड नं. 10, गोविंद कॉलोनी, मनासा, जिला नीमच को प्रतिबंधित पीला कलर मिले हुए मानव स्वास्थ्य के लिए असुरक्षित लड्डू बेचने के आरोप का दोषी पाते हुए धारा 3, 26, 27, 59 खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 06 माह के सश्रम कारावास और 5,000रू. के जुर्माने से दण्डित किया गया।

एडीपीओ विवेक गोयल द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में पदस्थ खाद्य सुरक्षा अधिकारी यशवंत कुमार शर्मा दिनांक 31.10.2013 को शाम के लगभग 6 बजे निरीक्षण हेतु नीमच नाका, मनासा स्थित मैसर्स अग्रवाल मिष्ठान एवं चाट सेंटर पर पहॅुचे जहॉ पर खाद्य पदार्थ मावा, बर्फी, नमकीन, कचैड़ी, समोसा, गुलाब जामुन, ईमरती, लड्डू आदि सामग्री का निर्माण एवं विक्रय किया जा रहा था। मिलावट की शंका होने पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान बेचने के लिए रखे लूज लगभग 10 किलो लड्डू में से 2 किलोग्राम लड्डू का नमूना जॉच हेतु 200 रूपये नकद भुगतान कर लिया तथा फर्म पर उपस्थित व्यक्ति का नाम पूछने पर अपना नाम विनोद अग्रवाल बताया। खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा लड्डू की जॉच खाद्य विश्लेषक, भोपाल एवं रेफरल फूड लेबोरेटरी, मैसूर से करायी, जिसकी रिपोर्ट में लड्डू में प्रतिबंधित अखाद्य पीला कलर मिला हुआ होना पाकर मानव स्वस्थ्य के लिए असुरक्षित होना बताया गया। इसके पश्चात् अभियोजन स्वीकृति प्राप्त होने के बाद आरोपी के विरूद्ध परिवाद मनासा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। 



       अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में अपराध को प्रामाणित किये जाने हेतू खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं अन्य आवश्यक गवाहों के बयान कराकर अपराध को प्रमाणित करते हुए आरोपी को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया। अभियोजन की साक्ष्य एवं तर्को से सहमत होते हुए माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी को धारा 3, 26, 27, 59 खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 06 माह के सश्रम कारावास और 5,000रू. के जुर्माने से दण्डित किया गया। न्यायालय में शासन की ओर से विवेक गोयल, एडीपीओ द्वारा पैरवी की गई।

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