MP- बिजली कंपनी के अचानक बदलाव पर उपभोक्ता हो रहे हैरान ! मध्यप्रदेश में 5 मीटर वाचकों की सेवा समाप्त MPEB/Samadhan Yojana




भारत सागर न्यूज। मध्यप्रदेश में बिजली विभाग के अचानक सुर बदल गये हैं। क्या इसका कारण पंचायत और आगामी नगरीय निकाय तो नहीं ! जी हॉं ! आजकल बिजली उपभोक्ताओं से बिजली कर्मचारियों के बात करने का सुर बदल गया है। इसके पीछे आमजन ने अपने अलग-अलग तर्क दिये। कोरोना काल में कमर टूटने के बाद आमजन इस बात से खुश थे कि उनके बिल माफ कर दिये गये हैं लेकिन अब फिर से एक नई योजना मार्केट में आई और प्रचार कुछ ऐसा किया गया कि आपके बिलों पर सरकार ने छूट प्रारंभ कर दी है लेकिन जल्दबाजी में प्रचार करने वाले तथाकथित सेवकों से जब आमजनों ने प्रश्न करना शुरु किया तो नेताजी खुद ही सदमें चले गये । दरअसल प्रदेश में कई छोटे-बड़े नेताओं ने इस आशय से अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बिजली पर दी जाने वाली छूट के संबंध में प्रचार प्रसार शुरु किया था कि उन्हें आने वाले चुनावों में इसका लाभ मिले और वे एक अच्छे जानकारी जनप्रतिनिधि के तौर पर उभरे लेकिन यह योजना तो उल्टा प्रश्न करने पर विचार करवा रही थी। इसे साझा करने वाले लोगों को ही इसकी सही जानकारी नहीं थी। उल्टा समाधान योजना में तो पुराना बकाया छूट के साथ जमा कराने का ऐलान किया जा रहा था। कुल मिलाकर यह प्राइवेट कंपनियों के सैटलमेंट जैसा मामला लग रहा है जिसमें उपभोक्ताओं से आस्थगित राशि के रुप में बकाया वसूला जा रहा है। लेकिन नेताजी द्वारा किये जा रहे प्रचार प्रसार से यह लग रहा था कि वर्तमान में जारी बिलों पर यह छूट होगी। हालांकि सरकार ने इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया और आखिर पुराने बकाया राशि पर शिविरों के माध्यम से जो मिल जाये उस पर काम बेहतरी से किया। 

कई उपभोक्ताओं का यह भी कहना है कि एमपीईबी वाले फोन लगा लगा कर पूछ रहे हैं कि सर बिजली में कोई समस्या तो नहीं आ रही है। कई लोगों का कहना है कि हमारे इधर आने वाले कर्मचारियों का व्यवहार संतोषजनक नहीं था लेकिन अब बिजली कर्मचारियों के व्यवहारों में एकाएक परिवर्तन आ गया है। हालांकि इन सब बातों को उपभोक्ताओं ने कैमरे पर कहने से मना कर दिया। हमने भी उनकी गोपनीयता बनाएं रखी है लेकिन बिजली कर्मचारियों के इस प्रकार व्यवहार परिवर्तन को आमजन चुनावी दृष्टि से देख रहे हैं साथ ही हैरान भी हैं कि आखिर यह परिवर्तन क्यों आया हैं ? जहां बिजली कंपनी कोरोनाकाल के दौर का बिल भी मांगने को उतर आई है वहीं व्यवहार कुशलता भी आ रही है। बहरहाल आगे देखना होगा कि व्यवहार परिवर्तन और भूतकाल की वसूली सरकार पर भारी पड़ती है या फिर हमेशा की तरह जनता पर लाद दिये जाने वाले बिलों का ही वजन बना रहेगा ? 


बताते चलें कि राज्य शासन द्वारा कोरोना महामारी के दौरान निम्न आय घरेलू उपभोक्ताओं को बिल भुगतान करने में आ रही परेशानियों को देखते हुए उन्हें बिल भुगतान करने में राहत दी थी। इसी उद्देश्य से समाधान योजना लागू की है। योजना में आस्थगित राशि (कोरोना में लॉकडाउन के दौरान बिल नहीं भरने वाले) के भुगतान के लिए दो विकल्प हैं। एमपी समाधान योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को बिल भुगतान करने हेतु दो विकल्प दिए गए है। जिसमे उपभोक्ता पहले विकल्प के माध्यम से एक साथ सभी बिजली का भुगतान करने पर 100 प्रतिशत सरचार्ज के साथ 40 फीसदी तक की छूट प्राप्त कर सकते है है। इसके साथ ही दूसरे विकल्प में किस्तों के आधार पर बिजली बिल का भुगतान करने पर 25 प्रतिशत की छूट का लाभ प्राप्त कर सकते है। क़िस्त के रूप में भुगतान करने के लिए उपभोक्ता को 6 किस्तों के रूप में भुगतान करना होगा। 100 प्रतिशत सरचार्ज के साथ 75 प्रतिशत राशि का भुगतान उपभोक्ता करना होगा। यानी की कुल मिलाकर 25 प्रतिशत छूट उपभोक्ता को प्रदान की जाएगी। 

इधर दतिया जिले में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने के आरोप में सेवा प्रदाता कंपनी के माध्यम से दतिया शहर में कार्यरत पाँच मीटर वाचकों को ड्यूटी से पृथक कर दिया है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक सुधीर कुमार शर्मा ने बताया है कि मीटर वाचक विनोद वर्मा, अटल श्रीवास्तव, दिनेश यादव, ठाकुरदास एवं सोनू जाटव को आदेशों की अव्हेलना और मीटर वाचन में गड़बड़ी के आरोप में सेवा से पृथक कर दिया गया है। शर्मा ने बताया कि मीटर वाचकों द्वारा अधिकारियों के निर्देशों के बावजूद लगातार गलत रीडिंग, आकलित खपत के बिल और वसूली कार्य में लापरवाही बरती जा रही थी और निर्देशों का पालन न करते हुए कार्य में सुधार नहीं किया जा रहा था।



मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने मैदानी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि उपभोक्ताओं के परिसर पर एक्युरेसी (शुद्धता) के साथ मीटर वाचन होना चाहिए और मीटर रीडिंग के आधार पर ही उपभोक्ताओं को विद्युत देयक दिए जायें। उन्होंने स्पष्ट किया है कि मीटर वाचकों के कार्य पर निष्ठा एप के द्वारा निगरानी रखी जाये और जो मीटर वाचक कर्तव्य पालन में लापरवाही बरत रहे हैं, उन्हें सेवा से पृथक किया जाये।

प्रबंध संचालक ने कहा कि उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि है। उपभोक्ताओं को कंपनी बेहतर से बेहतर सेवाएँ देने के लिए कृत-संकल्पित है और इसी दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने उपभोक्ताओं को जागरूक रहने के लिये कहा है कि जब उनके परिसर की मीटर रीडिंग होती है तो वे मीटर वाचक द्वारा ली गई रीडिंग और मीटर में दर्ज रीडिंग पर नजर रखें, ताकि सही देयक मिल सके।


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