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उच्चारण के साथ - साथ उच्च आचरण का होना अनिवार्य हैं - पं . भगवतीप्रसाद तिवारी

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 हाटपीपल्या (संजू सिसोदिया)   तीसरे दिन कथा प्रसंग में ध्रुवजी महाराज के वंश मे राजा अंग, पृथु चरित्र, प्रियव्रत और जडभरत, अजामिल एवं भक्त प्रहलाद , भगवान नरसिंह और हिरण्यकशिपु वध के कथा प्रसंग आध्यात्मिकता से वर्णन सुनाया ।  परमात्मा के बनाऐ संपूर्ण जगत में मनुष्य जब तक नाशवान सुखों को प्राप्त करना चाहता है तब तक उसे अविनाशी सुखों की प्राप्ति नहीं सकती । सारे मनुष्य मात्र हमेशा के लिए सुख शांति , आनंद को प्राप्त करना चाहता है लेकिन अज्ञानता वश क्षणिक नाशवान सुखों को पाने में शाश्वत , अविनाशी सुख की खोज ही नहीं कर पाता है । संसार के नाशवान सुखों को भोगने से दुखों का अंत होने वाला नहीं है, बहुत सुख भोगने पर भी शांति नहीं मिलती है ।  सत्संग के द्वारा हर मनुष्य अपने जीवन को सुखमय , शांतिमय आनंदमय बना सकता है।  श्रीमद् भागवत कथा में सतगुरु शुकदेव मुनि जी महाराज ने राजा परीक्षित जी को कहा संसार के सब सुख सभी को नहीं मिल सकते लेकिन भगवान जी से मिलने वाला सुख शांति आनंद सभी को मिल सकता है। मनुष्य जीवन में भगवान जी के बिना पूर्ण सुख , शांति , आनंद नहीं मिल सकता। चाहे कितना भी धन संपत्ति , परिव

गुरू गोविंद सिंह जंयती के उपलक्ष्य में प्रकाश पर्व पर निकला नगर कीर्तन ......

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शौर्य, गुरू वाणी व जयकारों के बीच निकले गुरू ग्रंथ साहेब जी  देवास। शहर के मुख्य मार्ग शौर्य व गुरू की वाणी व जयकारों से गूंज उठे। गुरू ग्रंथ साहेब को आकर्षक रथ में विराजमान कर पंचप्यारे एबी रोड स्थित गुरूद्वारे से दोपहर में निकले। करीब 3 किलोमीटर का सफर तय कर जुलूस पुन: गुरूद्वारा पहुंचा जहां आतिशबाजी हुई। मंगलवार को दोपहर 3 बजे प्रारंभ हुए जुलूस में महिलाएं भजन कीर्तन करती हुई चल रही थी। छोटे-छोटे बच्चे अखाड़े के करतब दिखाते हुए जा रहे थे, उनके पीछे युवाओं ने भी करतब दिखाए। श्री गोविंदसिंह जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में निकले नगर किर्तन में शहर के साथ जिले से हजारों सिख समुदाय के लोग शामिल हुए, चल समारोह में बेंड की धून पर सिख समाज की महिलाएं गुरूवाणी सुना रही थी।  हाथों में तलवार लेकर पंचप्यारे चल रहे थे, उनके आगे सिख समाज की महिलाएं मार्ग को साफ सुथरा करती हुई जा रही थी। टोकरियों में पुष्प लेकर चल रहे लोग पंचप्यारे और गुरू गं्रथ साहेब जी के आगे राह में फूल बिछाते हुए जा रहे थे। कई स्थानों पर प्रसाद भी वितरित किया गया, वहीं विभिन्न समाज व संगठनों ने स्वागत मंच लगाकर स्वागत भी

शहीदों को समर्पित भागवत कथा में पहुंचे शहीद विपिन रावत के करीबी रिश्तेदार ...

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सूर्य विजय हनुमान मंदिर में भक्तिमय वातावरण देश भक्ति में हुआ परिवर्तित  देवास। सूर्य विजय हुनमान मंदिर पर विगत छ: दिन से महिला मंडल द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा। यह भागवत कथा विगत दिनों सीडीएस जनरल शहीद विपिन रावत उनकी पत्नी के साथ जो सैनिक तमिलनाडु के कुन्नूर में नीलगिरी पर्वत पर विमान क्रेश हुआ था उनकी आत्म शांति के लिए शहीदों को समर्पित की जा रही है।  रविवार को सूर्य विजय हनुमान मंदिर पर महिला मंडल के आमंत्रण पर शहीद विपिन रावत के करीबी रिश्तेदार भोपाल देवास पहंचे और भागवत कथा के दौरान शहीद विपिन रावत की पत्नी सहित सभी शहीदों को श्रद्धांजलि देकर श्रद्धासुमन अर्पित कर सेल्यूट किया। इस दौरान पुरा भक्तिमय वातावरण देश भक्ति में परिवर्तित हो गया।   भागवत कथा के दौरान महिला मंडल की सदस्यों ने बताया कि शहीद विपिन रावत की बहन के देवर मेजर जनरल तेजपालसिंह रावत कथा में पहुंचे और कथा के दौरान शहीद विपिन रावत के बारे में अपने विचार प्रकट कर अपने बारे में भी वहां मौजूद लोगों के बीच जानकारी साझा की। धन्य है वह लोग जो जिनकी वर्दी पहनकर गति होती है..... देश के वीर जवानों को समर्पित भ

सीता के स्वयंवर में रथ ढोल बाजे से आए श्री राम

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धनुष तोड़ श्री राम ने सीता से किया विवाह , भक्तों ने दी बधाई

40 वर्षों से यहां होती हैं मात्र 5 दिनों की दुर्गा पूजा ? सिंदुर की होली की अनूठी परंपरा ... Navratri Special ... Documentary

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भारत सागर न्यूज, देवास। नवरात्रि के नाम में ही नौ दिनों का उल्लेख होता है लेकिन आज हम आपको नवरात्रि की अनूठी परंपराओं से रुबरु करवाने जा रहे हैं और आश्चर्य की बात तो यह है कि यहां नवरात्रि मात्र 5 दिनों की ही मनाई जाती है। यही नहीं यहां माताजी की स्थापना प्रथमा को न होकर षष्ठी को होती है और समापन पर समाज की महिलाओं द्वारा सिंदुर खेला नामक परंपरा के द्वारा अनूठी होली का आयोजन भी किया जाता हैं।  दोस्तों स्टोरी को पूरा देखें और जानें भारत में मनाई जाने वाली अनूठी परंपराओं के बारें में... साथ ही चैनल को सब्स्क्राइब जरुर करें और देश के लोगों तक इन परंपराओं को पंहुचाने के लिए इस स्टोरी को शेयर करें .... भारत सागर न्यूज की खास स्टोरी में देखिए क्या हैं यहां की अनोखी परंपराएं ....  जैसा कि आप जानते ही हैं देवास का नाम दो देवियों के वास से जाना जाता है। यहीं शहर की बंगाली कालोनी में बंगाली समाज के द्वारा माताजी की पूजा बंगाली समाज की परंपराओं के निर्वहन से होती हैं। यहां माताजी की स्थापना षष्ठी को की जाती है और बासी दशहरे को परंपराओं के साथ माता को विदाई दी जाती है।  बंगाली समाज के लोगों द्वारा

मालवा निमाड़ के प्रसिद्ध संत श्री सिंगाजी महाराज का लोक उत्सव 20 अक्टूबर को

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  देवास । मालवा निमाड़ के प्रसिद्ध संत श्री सिंगाजी महाराज पंथ के संत श्री 1008 खूबचन्द्र महाराज की कर्मभूमि तथा संत श्री कुंवर महाराज की जन्म स्थली ग्राम रंधनखेडी तहसील टोंकखुर्द में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी दिनांक 20 अक्टूबर को लोकोत्सव मनाया जायेगा। कार्यक्रम में प्रात: 10 बजे ग्राम तथा अन्य मन्नत कर्ता द्वारा निशान चढाया जाता है, जिनका पूजन कर निर्गुणी भजन कीर्तन करते हुए संध्या 5 बजे समाधि स्थल पर निशान चढ़ाया जाता है एंव आरती पश्चात प्रसाद वितरण किया जाता है। समाधि स्थल के संबंध में आश्रम के महंत एंव पुजारी रणछोड़ लाल पटेल ने बताया कि यह समाधि स्थल करीब 250 से 300 वर्ष पुराना है। यहाँ पर सर्पदंश बाहरी बाधा एवं अन्य इच्छित मन्नत पूर्ण केवल समाधि स्थल पर परिक्रमा मात्र से ठीक हो जाती है। मन्नत कर्ता अपनी श्रद्धा अनुसार प्रसाद में गुड़, शकर, नारियल एवं तुलादान तथा शक्ति अनुसार समाधि स्थल पर निर्माण में सामग्री एंव नगदी राशि भी दान में देते है। इस उत्सव में क्षेत्र तथा आसपास के लोगों की मन्नत पूरी होने पर भक्त एंव श्रद्धालु हजारों की संख्या में उपस्थित होकर भजन कीर्तन एंव प्रसादी क

शहर में निकला माँ दुर्गा का ऐतिहासिक विर्सजन चल समारोह, हजारो श्रद्धालुओ ने पहुंचकर माँ जगदम्बे को दी अंतिम विदाई

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        देवास में नवरात्रि समापन पर माता दुर्गा का ऐतिहासिक विर्सजन चल समारोह शनिवार को ग्यारस पर शहर में बढ़ी धूमधाम के साथ निकला, जिसमें शहर सहित आसपास के क्षेत्रों की अनेक माता की विशाल प्रतिमाएं शामिल हुई। जिन्हें निहारने के लिए शहर सहित आसपास के क्षेत्रों के हजारों श्रद्धालु शहर पहुंचे और माता जगदम्बे को अंतिम विदाई दी। दरअसल शहर में माता जगदम्बे का विशाल चल समारोह निकला, जिससे पूरा शहर भक्तिमय हो गया। दोपहर 1 बजे बाद शुरु हुआ। ऐतिहासिक चल समारोह देर शाम तक चलता रहा। जिसमें एक से बढ़कर एक माता की प्रतिमाए निकली जिसे देखने के लिए शहर सहित आसपास के क्षेत्रों के हजारों लोग जुटे। शहर में निकलने वाले मा दुर्गा के ऐतिहासिक चल समारोह को लेकर लोगों में सुबह से उत्साह नजर आ रहा था। चल समारोह में मां तुलजा भवानी व चामुण्डा माता की प्रतिमा बेलगाड़ी पर सवार थी। चल समारोह के दौरान ढोल, ताशे की धुन पर जहां कई युवा थिरक रहे थे तो कई अखाडों में कलाकार एक से बढ़ कर एक हैरतअंगेज कारनामें दिखा रहे थे। प्रतिमाओं के आने का सिलसिला शुरु हुआ। जो शहर के प्रमुख चौराहों सयाजी द्वार से शुरु होकर खेड़ापति मं

कालिका मैय्या के दर पर होती है मांगी मुरादें पूरी.... कई सूनी गोदों को भरने का मिलता है आशीर्वाद

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जलते खप्पर को हाथ में लेकर निकलता है विसर्जन जुलूस ...

Dewas - नौ दिवसीय शारदीय नवरात्री पर्व आरंभ हुआ, पहले ही दिन रही श्रद्धालुओं की भीड़ ...

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विश्व प्रसिद्ध है, देवास में चामुण्डा व तुलजेश्वरी माता 

भूतडी अमावस्या पर नहीं होगा नर्मदा नदी के तट पर स्नान और न लगेगा मेला .... !

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     भारत सागर न्यूज़, नेमावर । आध्यात्म और तांत्रिक क्रियाओं के लिए माना जाने वाला भूतड़ी अमावस्या के पर्व पर कोरोना के प्रभाव को देखते हुए प्रशासन ने प्रेस नोट जारी किया हैं। गौरतलब है कि उक्त त्यौहार पर आसपास के जिलों से नेमावर तट पर स्नान के लिए श्रध्दालु आते हैं और रात को विभिन्न तांत्रिक क्रियाओं और पूजा पाठ के साथ जागरण करते हैं। हालांकि इस बार कोरोना को देखते हुए नेमावर तट पर स्नान आदि के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। नेमावर में नर्मदा नदी में घाट पर लगने वाले मेले तथा स्नान को अनुविभागीय दंडाधिकारी खातेगांव द्वारा पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है। बता दें इस संबंध में नेमावर में बैठक आयोजित कर सर्व सम्मति से मेले व स्नान को पूर्णतः प्रतिबंधित करने हेतु निर्णय लिया गया । इसके लिए जारी पत्र में सभी सर्वसंबंधितों को सूचित किया गया है कि भूतडी अमावस्या को होने वाले स्नान और मेले पर कोरोना गाइडलाइन को देखते हुए शासन की मंशा अनुसार प्रतिबंध लगाया गया है।  देखे प्रेस नोट - 

दुख, विपत्ति, व्यथा और पीड़ा का कारण अज्ञानता है

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देवास। श्रीराम मंदिर इटावा पर श्राद्ध पक्ष में आयोजित श्रीमद भागवत को प्रारंभ करते हुए पं. इंद्र भानु प्रसाद द्विवेदी ने कथा का सार का विस्तृत विवरण एवं कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि दुख, विपत्ति और पीड़ा का कारण अज्ञानता है। मृत्यु के समय दुख प्राप्त करने का, नरकी ज्वाला में जलने का, भूत-प्रेतों में भटकने का केवल अज्ञानता है। अंधकार से प्रकाश की ओर चलो, मृत्यु से अमृत की ओर चलो, ईश्वर प्रेम रूप है, प्रेम की उपासना करो। स्वर्ग पैसे से नही खरीदा जा सकता, खुशामद से मुक्ति नही मिल सकती। आत्मा का आत्मा से ही उद्धार कीजिए और अपना कल्याण स्वयं कीजिए। कथा प्रारंभ होने के पूर्व कोरोना महा आपदा के कारण जिन परिवारों ने अपनो को खोया है। कथा स्थल पर लगे चित्रों का उनके परिवार द्वारा विधिवत पूजन किया गया, कथा स्थल पर भागवत महापुराण ग्रंथ को मुकुल बांगर, उदित राव बांगर ने अपने हाथों से ढोल-ढमाकों, भजन-कीर्तन के साथ प्रवेश कराकर व्यासपीठ पर स्थापित कर पूजन किया। श्री राम मंदिर समिति के भेरूसिंह ठाकुर, राधेश्याम कारपेंटर, संतोष सिंह चावड़ा, कैलाश मामा गहलोत, हेमंत चव्हाण, नितीन गांगुर्डे, विजय पा

भक्तों के द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ किया गया गणपति विसर्जन, निकाली शोभायात्रा...

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अंकित सिंह राजपूत/ सिवनी   मुख्यालय भिलाई में विगत 10 सितंबर से घर-घर एवं बस स्टैंड समिति के द्वारा विघ्न हर्ता सुख कर्ता रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान श्री गणेश जी की स्थापना की गई थी जो कि आज दिनांक 20 सितंबर को बड़े हर्षोल्लास के साथ गणपति जी का जलविहार किया गया श्री गणपति जी की शोभायात्रा- श्री गणपति जी के भक्तों के द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास ढोल-धमाको व गाजे बाजे के साथ निकाली गई, इसमें श्री गणेश जी का जलविहार भिलाई के नजदीकी तालाब मैं किया गया, सभी श्रद्धालुओं ने तट पर बड़े ही श्रद्धा भाव से मंगल कामना की और भगवान श्री गणेश जी का पूजन अर्चना किया एवं महा आरती कर भगवान श्री गणेश जी की विदाई देते हुए अगले वर्ष जल्दी आने का निमंत्रण दिया गया...  गोरतलब है कि सुबह से ही घरों एवं मंदिरों में विराजमान विघ्नहर्ता की पुरोहितों द्वारा विधि विधान के साथ पूजन एवं हवन कर भगवान श्री लंबोदर जी की आरती उतारी गई. भगवान श्री एकदंत जी को नाना प्रकार के व्यंजनों एवं उन्हें सबसे प्रिय मोदक का भोग लगाते हुए कन्या भोजन कराया गया तो वहीं सार्वजनिक पंडालों पर कन्या भोजन के बाद भंडारे का कार्यक्रम किया गया

श्री सिद्धी विनायक को लगा 21 हजार मोदकों का महाभोग, गुलाल महोत्सव के साथ यज्ञ की पूर्णाहूति.....

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  श्री सिद्धी विनायक को लगा 21 हजार मोदकों का महाभोग, गुलाल महोत्सव, यज्ञ के साथ महोत्सव की पूर्णाहूति..... देवास। नागदा स्थित अति प्राचीन भगवान श्री सिद्धि विनायक गणेश में विगत 10 दिनों से चल रहे अनुष्ठान, गणेशोत्सव की पूर्णाहूति श्री सिद्धी विनायक का आकर्षक श्रृंगार, महाभोग एवं हवन,यज्ञ के साथ हुई। मंदिर पुजारी मनीष दुबे ने बताया कि गणेश चतुर्थी से ही भगवान सिद्धिविनायक का प्रतिदिन विशेष अभिषेक, पूजन व श्रृंगार कर सहस्र मोदक से हवन किया गया। साथ ही संगीतमय आरती भजन गायक ललीत बंशीवाल की टीम द्वारा कराई गई।  कोरोना के बाद भी भक्तों की आस्था कम नही हुई है और प्रतिदिन हजारों की संख्या मे दूर-दराज से भक्तजन दर्शन करने नागदा मंदिर पहुंचे। गणेश उत्सव में तुलादान व कामनाएं पूर्ण होने पर विभिन्न प्रसादी का वितरण भक्तों द्वारा किया गया। अनंत चतुर्दशी पर विशेष आयोजन हुआ। श्री सिद्धी विनायक का आकर्षक श्रृंगार पूजन हुई। भक्तों ने श्री सिद्धि विनायक को भी गुलाल लगाया। महोत्सव की पूर्णाहूति हवन, 21 हजार मोदकों का महाभोग व गुलाल महोत्सव के साथ हुई। गुलाल महोत्सव के दौरान भजन गायिका संस्कृति पगारे व

सतपुड़ा एकेडमी में धूमधाम से मना गणेशोत्सव...भव्य महाआरती कर भगवान श्री गणेश को लगाया छप्पन भोग...!

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 सतपुड़ा एकेडमी में धूमधाम से मना गणेशोत्सव भव्य महाआरती कर भगवान श्री गणेश को लगाया छप्पन भोग देवास। मक्सी रोड पर तुलजा विहार कॉलोनी में स्थित सतपुड़ा एकेडमी में स्वामी विवेकानंद गणेशोत्सव समिति द्वारा श्री गणेशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। यहां भगवान की सुंदर प्रतिमा स्थापित की गई थी। मीडिया प्रभारी दिनेश सांखला ने बताया कि गणेशोत्सव के प्रथम दिवस से ही बच्चों व अभिभावकों द्वारा भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना, आरती, भजन किए गए। शनिवार को यहां विभिन्न आयोजन हुए, जिसमें भगवान श्रीगणेश की भव्य महाआरती कर उन्हें छप्पन भोग लगाया गया।  इस दौरान गणपति बप्पा मोरया, भारत माता की जय तथा वंदे मातरम के जयकारे लगाए गए, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया। कार्यक्रम में मप्र पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष तथा भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रायसिंह सेंधव ने गणेशजी का विधिवत पूजन-अर्चन कर आरती की। साथ ही विद्यालय के सभी बच्चों ने भी गणेशजी का पूजन कर आरती की। इसी के साथ बच्चों तथा उपस्थितजनों के बीच छप्पन भोग की महाप्रसादी वितरित की गई। इस अवसर पर संस्था संचालक भानूप्रतापसिंह सेंधव, प्राचार्य नरेश

श्री सिध्दि विनायक का प्रतिदिन हो रहा आकर्षक श्रृंगार...दूर-दूर से आस्था लेकर पहुच रहे भक्तजन...!

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नेवरी में गणेश उत्सव की धूम प्राचीन सिध्दि विनायक का प्रतिदिन हो रहा आकर्षण श्रृंगार दूर-दूर से आस्था लेकर पहुच रहे भक्त जन मनोकामना पूर्ण होने पर कर रहे लड्डूओ से तुलादान समिति सदस्य मोतीलाल पाटीदार का किया तुलादान आरती के बाद दिखाई जा रही आकर्षक झांकी ठा. सुरेश कछावा नेवरी। ग्राम नेवरी में गणेशोत्सव पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। गांव में स्थित स्थित प्राचीन श्री सिध्दि विनायक गणेश मंदिर पर गणेश उत्सव के पांचवे दिन मंगलवार को पंडित पंकज मोदी द्वारा भगवान गणेश का आकर्षक श्रंगार किया। भक्त जनों द्वारा भगवान गणेश के दर्शन कर सुख- समृद्धि की कामना कि गई। गजानंद मित्र मंडल समिति के सदस्य मोतीलाल पाटीदार कोरोना कि चपेट में आ गए थे। घर के सदस्यों ने सिध्दि विनायक से प्राथना कर स्वास्थ्य होने की कामना की गई थी। सह कुशल स्वास्थ्य होने पर सिध्दि विनायक मंदिर पर मोतीलाल पाटीदार का तुलादान किया गया।  इस मौके पर समिति सदस्य मौजूद रहे। इसके पश्चात शंख, डोल, बाजे के साथ महा आरती कि गई। महा आरती में सैकडो़ भक्त जनों ने सिध्दी विनायक के दर्शन किए। सभी को प्रसाद वितरित किया गया। इसके बाद रात्री दस ब

गणेशोत्सव की तैयारियां शुरू, प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे कलाकार.....

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 गणेशोत्सव की तैयारियां शुरू, प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे कलाकार.... देवास। हिंदू धर्म की आस्था का प्रतीक गणेश उत्सव का शुभारंभ आगामी 10 सितंबर से होने जा रहा है। गणेशोत्सव पर्व के चलते मूर्तिकार गणपति की मूर्तियों को आकार देने में जुटे हैं। इस साल कोरोना वायरस की लहर के खतरे को देखते हुए बड़ी मूर्तियां की जगह फिलहाल छोटी मूर्तियों को आकार देने के साथ ही अंतिम रूप देने में मूर्तिकार लगे हैं।  लखन कुशवाह ने बताया कि रेल्वे स्टेशन रोड़ स्थित गीता भवन में कलकत्ता के प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा रिद्धी-सिद्धी के दाता श्री गणेश एवं माँ दुर्गा की मिट्टी से बनी आकर्षक प्रतिमाएं तैयार की जा रही है। मूर्तिकार संतोष पाल अपने अन्य साथियों के साथ इस मूर्ति निर्माण में लगे हुए है। श्री गणेश की प्रतिमाएं लगभग बनकर तैयार हो चुकी है। कलाकारों द्वारा 3 फीट से 9 फीट तक की प्रतिमाए बनाई गई है। गणेश उत्सव समितियों के ऑर्डर अनुसार मूर्तिया तैयार की गई है। वर्तमान में 5 से 7 फीट तक की प्रतिमाओं की मांग ज्यादा है, इस बार भगवान गणेश की सांचे में विविध स्वरूप की मूर्तियां तैयार की गई है।  इस शैली की मूर्त

#बाबा_रामदेव के भक्त यात्रियों की ऐसे होती है आवभगत ...

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 नेवरी गांव जहां राम रसोड़ा पर बाबा रामदेव भक्त यात्रियों का हर प्रकार से रखा जाता है ध्यान । 4 वर्ष से बाबा की सेवा में लगे पाटीदार समाज के लोग। यात्रियों की एक माह से भोजन विश्राम की निशुल्क व्यवस्था  की।                          ठा.सुरेश कछावा की रिपोर्ट। नेवरी- नेवरी रामदेवरा तक पैदल जाने वाले यात्रियों के लिए जगह जगह खुले राम रसोड़े में भक्तों के लिए भोजन व सोने की निशुल्क व्यवस्था की जा रही है। इसी तरह नेवरी ग्राम वासियों पाटीदार समाज नेवरी की और से भूत महाराज बाबा रामदेव का राम रसोड़ा एक माह से आयोजित किया जा रहा था। जिसका आज मंगलवार को भंडारा करके समापन किया गया।  भंडारे में सर्वप्रथम बालिकाओं को प्रसाद दिया एवं पुरुष महिलाएं व आने जाने वाले यात्रियों को भी रोक-रोक कर भंडारे में भोजन प्रसाद खिलाया गया। इस मौके पर समस्त पाटीदार समाज के सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। Advt.विधायक श्री सज्जनसिंह जी वर्मा को जन्मदिन की हार्दिक बधाई.जितेंद्र सिंह राणा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष Advt.लोकप्रिय विधायक श्री सज्जनसिंह जी वर्मा को जन्मदिन की बधाई.सज्जनसिंह जी वर्मा  मित्र मंडल देवास Advt.लोकप

उज्जैन महाकाल मंदिर में सालों में पहली बार हुआ ऐसा....नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुले और श्रद्धालुओं पर रहा प्रतिबंध....!

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 रिपोर्ट-प्रियंक, उज्जैन उज्जैन महाकाल मंदिर में सालों में हुआ पहली बार हुआ ऐसा नागपंचमी पर खुलने वाले नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुले और श्रद्धालुओं पर रहा प्रतिबंध  ऑनलाइन माध्यम  से ही कराए गए श्रद्धालुओं के दर्शन   कोरोना संक्रमण ने जहां अर्थव्यवस्था को डांवाडोल कर दिया है वहीं आस्था के कदम को भी पूरी तरह से रोक दिया है। वर्ष में एक बार खुलने वाले आस्था के सबसे बड़े मंदिर महाकालेश्वर के तृतीय तल पर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर के पट आज रात 12 बजे खोले गए ।  यह पहला अवसर था जब आम श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया सिर्फ ऑनलाइन ही श्रद्धालुओं के दर्शन चालू  रहे । परंपरा अनुसार रात को नागचंद्रेश्वर की शासकीय पूजा हुई और अनवरत 44 घंटे के लिए पट को खोल दिया गया ।   धार्मिक नगरी में विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के तृतीय तल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट वर्ष में एक बार नागपंचमी के अवसर पर खोले जाते हैं। प्रतिवर्ष यहां आस्था लेकर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या से रिकार्ड टूटता है। लेकिन  इस बार यह  पहला मौका था जब नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट तो खुले  लेकिन मंदिर क