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किसानों द्वारा भरे गये एक लाख 80 हजार आवेदन

देवास। कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय ने मंगलवार को जिला पंचायत के सभाकक्ष में जय किसान ऋण माफी योजना की प्रगति की समीक्षा की। समीक्षा में बताया गया कि जिले में ऋण माफी हेतु हरे, सफेद व गुलाबी रंग सहित कुल मिलाकर एक लाख 80 हजार आवेदन भरे गये हैं। कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने किसानों से प्राप्त आवेदनों को पोर्टल पर एन्ट्री कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने विकासखण्ड वार किसानों से प्राप्त आवेदनों के ऑनलाइन एन्ट्री की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने उप संचालक कृषि को निर्देश दिये कि आवेदनों की ऑनलाइन एन्ट्री समय सीमा में पूर्ण करने के लिए जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को लक्ष्य आवंटित करें। बैठक में राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा आरआरबी द्वारा किसानों के ऋण खातों में आधार सीडिंग की प्रगति की भी समीक्षा की। कलेक्टर डॉ. पाण्डेय ने एलडीएम को आधार सीडिंग कार्य जल्दी पूर्ण कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आधार सीडिंग न हो पाने के कारण कोई भी किसान योजना का लाभ पाने से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि राज्य शासन के निर्देश अनुसार दिनांक 22 फरवरी 2019 से किसानों

गुमशुदा युवती का पता नहीं चलने पर परिजनों ने पुलिस पर उतारा गुस्सा, रोड जाम किया, टायरों में लगाई आग

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• बड़वानी शहर के देवीसिंह मार्ग स्थित एक युवती 12 दिन पहले घर से बिना बताए कही चली गई थी, जिसका अब तक कोई पता नहीं चला सका है। युवती के परिजनों ने 18 जनवरी को युवती की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। युवती का अब तक पता नहीं लगने पर परिजनों ने पुलिस पर गुस्सा निकला और सोमवार को देवीसिंह मार्ग पर करीब एक घंटे चक्काजाम किया। टायरों में आग लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। हंगामा होता देख बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया। टीआई राजेश यादव ने युवती को जल्द तलाशने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ और रोड से महिलाएं उठी। जानकारी के अनुसार 12 दिन पहले युवती की गुमशुदगी दर्ज कराने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने के विरोध में युवती के परिजनों ने विरोध जताते हुए सोमवार शाम करीब 3 बजे रोड पर हंगामा करना शुरू कर दियाइन्हें शांत करने पहुंची पुलिस के साथ ही धक्कामुक्की हुई। जैसे-तैसे परिजनों को शांत किया गया। मामला शांत होने के बाद महिलाएं बीच सड़क पर बैठ गई। जो करीब एक घंटे बैठी रही। मामले की जानकारी लगते ही समाज के वरिष्ठ लोग पहुंचे और पुलिस ने अब तक क्या-क्या कार्रवाई की इसकी जानकारी देने के बाद महिलाएं स

3 गिलास में भरा था जहर, मां-बेटे रोए तो बच गया मुखिया

खंडवा। पंजाब कॉलोनी में कर्ज से परेशान मां-बेटे ने जहर पी लियाप्रारंभिक पुलिस जांच में आत्महत्या के ये कारण सामने आए हैं। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला हैपंजाब कॉलोनी में मां-बेटे के साथ परिवार के मुखिया ने भी मरने की तैयारी की थी, लेकिन उसके जहर से भरा गिलास उठाते ही मां-बेटे रो पड़े। परिवार के मुखिया बाथरूम में चले गए और इसी बीच मां-बेटे ने जहर पी लिया। जसवाड़ी रोड की पंजाब कॉलोनी में सोमवार को दिल दहला देने वाली घटना से हड़कंप मच गया। फुटवेयर व्यवसायी की पत्नी और बेटे ने सोमवार को जहर पी कर जान दे दी। दोनों ने दोपहर में घर के अंदर जहर पीया। गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने दोनों की मौत हो गई। घटना कोतवाली क्षेत्र के पंजाब कॉलोनी की है। प्रारंभिक जांच में कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात सामने आ रही है। कोतवाली पुलिस द्वारा मामला जांच में लिया गया। सोमवार दोपहर पंजाब कॉलोनी में फटवेयर व्यवसायी कमलजीत सिंह कौर की पत्नी और बेटे के जहर पी लेने की घटना से हड़कंप मच गया। दोपहर में घर पर कमलजीत सिंह अपनी पत्नी अरविंदर कौर सचदेव (45) और पुत्र जगप्रीतसिंह कौर सच

20 हजार से ज्यादा किसानों के खाते आधार से लिंक नहीं

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खरगोन। जय किसान फसल ऋण माफी योजना में प्रक्रिया में शामिल होने को लेकर किसानों की मुश्किलें दूर होने के बजाय उल्टे बढ़ रही हैजिन किसानों के खाते से आधार कार्ड लिंक नहीं है उनको बैंक से आधार केंद्र तक के चक्कर काटना पड़ रहे हैंकिसानों के नाम सोसायटियों में अलग है तो आधार कार्ड में अलगखाते व आधार कार्ड में नाम अलग- अलग होने से किसान प्रक्रिया पूरी करने में जूझ रहे हैं। ऑनलाइन के बाद 5 फरवरी तक ऑफलाइन आवेदन सोसायटी, बैंक या स्थानीय निकाय में जमा करना जरूरी हैप्रक्रिया पूरी न होने पर ऋण माफी योजना का लाभ मिलने में संदेह है। जिले में योजना में 1.81 लाख से ज्यादा किसानों ने हरे, सफेद और गुलाबी आवेदन जमा किए हैं। इसमें 20 हजार से ज्यादा आवेदनों का आधार लिंकअप नहीं है। ऐसे किसान कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। किसानों ने कहा कि ऋण माफी योजना में कई परेशानी आ रही है। ऐसे में लगता है कि लाभ मिलेगा या नहीं। सोमवार को कई किसान पंजाब नेशनल बैंक, डीडीए कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने समस्याएं रखी। इसके बाद किसान विधायक रवि जोशी से मिले। विधायक ने अफसरों से चर्चाकर तीन दिन का आश्वासन दिया है। विधायक

छले जाने हेतु अभिशप्त हैं किसान

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राजू पाण्डेय अर्थव्यवस्थाओं के आकलन की वर्तमान विधियों के अनुसार कृषि क्षेत्र की जीडीपी में घटती हिस्सेदारी विकसित अर्थव्यवस्था का द्योतक है। यह कहा जाता है कि ऐसा नहीं है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में कृषि क्षेत्र का विकास अवरुद्ध हो जाता है बल्कि उद्योग, निर्माण और सेवा क्षेत्र में तीव्र गति से उन्नति होने के कारण कृषि क्षेत्र की भागीदारी जीडीपी में कम हो जाती है। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी जीडीपी में 50 प्रतिशत थी जो वर्तमान में घटकर 17.32 प्रतिशत रह गई है। जबकि अब औद्योगिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 29.02 प्रतिशत है। आज जीडीपी में सर्वाधिक 53.66 प्रतिशत योगदान सेवा क्षेत्र का है। आर्थिक विकास के इस मॉडल को कृषि और ग्रामीण विकास विरोधी तथा बेरोजगारी बढ़ाने वाला कहने का साहस हममें से शायद किसी के पास नहीं जब से हिंदी पट्टी के तीन राज्यों-छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हुआ है और इसके लिए किसानों में व्याप्त असंतोष तथा गुस्से को एक प्रमुख कारण माना गया है तब से किसानों की समस्याओं के प्रति राजनीतिक दल न केवल गंभीर हुए हैं बल्कि पहली बार किसान

राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं

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कहा जाता है कि राजनीति में कोई किसी का सगा नही होता । देवास के नगर निगम आयुक्त विशालसिंह चौहान भी अंततः राजनीति की भेंट चढ़ ही गये । कांग्रेस नेताओं की आँख की किरकिरी बन रहे चौहान की देवास निगम से तुरंत निगम स तुरत बिदाई का आदेश आया है । मिली जानकारी के अनुसार भोपाल में आहूत मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक में शिकायत के बाद मुख्यमंत्री के आदेश के बाद चौहान की देवास से रवानगी हो गई है और उन्हें भोपाल में सामान्य प्रशासन विभाग में पदस्थ किया गया है। चौहान लम्बे समय से कांग्रेसी नेताओं के निशाने पर थे और इस बिदाई को देवास में कांग्रेस के पर्व महापौर जयसिंह ठाकर से उनके कछ माह पहले हुए विवाद से भी जोड़ा जा रहा है जिसके चलते आयुक्त द्वारा जयसिंह ठाकुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की नौबत आई थी । सिंहस्थ में उनकी पदस्थापना के समय कथित रूप से भ्रष्टाचार की शिकायतों की भी चर्चा सामने आई है । हालांकि चौहान की शैली हालांकि चौहान की शैली से वे लोग तो नाखुश थे जिनके हित प्रभावित हो रहे थे मगर शहर में उनके काम करने के तरीके और शहर की सूरत बदलने के उनके अथक प्रयासों की तारीफ करने वाले भी कम

एक कदम आगे राहुल

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देश की राजनीति में गरीब और गरीबी एक बार फिर हाशिए से उठकर मुख्यधारा में दिखने लगे हैं। यूं हिंदुस्तान जैसे देश में गरीबों को देखने के लिए किसी खास चश्मे की जरूरत नहीं होती। अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक को जाति, धर्म के संदर्भो से अलग हटकर समझें तो अमीर अल्पसंख्यक 27 मंजिला महलनुमा निवासों में बसते हैं और बहुसंख्यक गरीब हर गली, हर मोड़, हर नुक्कड़, हर चौराहे पर जिंदा रहने के लिए संघर्ष करते देखे जा सकते हैं। आंकड़े भले ही कुछ भी कहें, लेकिन सामने यही नजर आता है कि हिंदुस्तान की आजादी के साल जैसे-जैसे बीतते जा रहे हैं, वैसे-वैसे सुविधाविहीन आबादी भी बढ़ती जा रही है। भोजन, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन हर क्षेत्र में जनसंख्या का बड़ा तबका बड़ी मुश्किलों से या तो अपना हक प्राप्त कर रहा है, या फिर इन अधिकारों से वंचित ही रह जा रहा है। इस वंचना को ही राजनीतिक दल अपने घोषणापत्र में प्रमुखता से स्थान देते हैं और इनके आधार पर चुनावी बाजियां जीतते हैं। 1971 में इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था, कांग्रेस को तब आम चुनावों में 518 में से 352 सीटों पर जीत मिली थी। इस नारे का प्रयोग 5 वीं पंच