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पर्यावरण की रक्षा के लिए दौड़ा देवास, सांसद ने भी लगाई दौड़

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देवास। पर्यावरण की रक्षा ओर जन जागरण के उद्देश्य को लेकर मित्राय सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा 9 जून, रविवार को देवास मैराथन (एक दौड़ पर्यावरण के लिए) का आयोजन आईटीआई ग्राउंड विकास नगर से किया गया। मैराथन 3 किमी की थी। उक्त जानकारी देते हुए सदस्य अखिल दुबे ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि देवास-शाजापुर के लोकप्रिय सांसद महेंद्र सोलंकी, राजीव खण्डेलवाल, विधायक प्रतिनिधि रवि जैन, पार्षद प्रतिनिधि अजय तोमर, सचिन सोनी सहित शहर के गणमान्य नागरिक, समाजिक संस्था, पर्यावरण प्रेमी हजारो की संख्या मे उपस्थित हुए। मैराथन की शुरूआत सांसद श्री सोलंकी ने सभी को पर्यावरण की रक्षा और पौधारोपण करने के बाद पौधे की उचित देखभाल का संकल्प दिलाकर और हरी झंड़ी दिखाकर की। श्री सोलंकी ने इस अवसर पर कहा कि शहर का बढ़ता प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। मनुष्य को शुद्ध हवा ही नहीं मिलेगी तो वह कैसे स्वस्थ्य रह पाएगा। उन्होंने कहा कि शहर की हवा को शुद्ध रखने का काम सरकार के साथ-साथ हर शहरवासी का भी बनता है। वह भी अगर छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें तो पर्यावरण को स्वच्छ रखा जा सकता है। सांसद ने भी मैराथन मे लोगो के सा

कुशल नेतृत्व के अभाव में संगठन रूपी वृक्ष सूख जाता है- डॉॅ. टेकाड़े

देवास। जब कोई संगठन हार की कगार पर खड़ा होता है तो इसकी तैयारी पहले से हो जाती है कि हार का ठीकरा किसके सर फोडऩा है। परंतु विषम परिस्थितियों में भी अंत तक लड़ता रहूँगा ऐसे कहने वाले और करने वाले एकमेव योद्धा थे छत्रपति शिवाजी महाराज। नेतृत्व को हमेशा सावधान और चौकन्ना रहना चाहिये। कुशल नेेतृत्व के अभाव में संगठन रूपी वृक्ष सूख जाता है। 6 जून गुरूवार को मराठा समाज और महाराष्ट समाज के द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज का 345 वां राज्याभिषेक समारोह मनाया गया। जिसमें नागपुर(महाराष्ट्र) के सुप्रसिद्ध वक्ता डॉ. सुमंत टेकाड़े अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। अपने ओजस्वी वक्तव्य में आपने कहा कि 1193 से 1700 तक जब परिस्थितियाँ बदतर हो चुकी थी, जनता हताशा के घोर अंधेरे में डूब चुकी थी, अत्याचार और अनाचार की पराकाष्ठा हो चुकी थी, गीता के श्लोक यदा कदा ही यदा यदा ही धर्मस्य ग्लार्निभवती भारत... भगवान ने इस धरा पर शिवाजी के रूप में जन्म लिया। माता जीजा बाई के  कुशल मार्गदर्शन में 15 वर्ष की आयु में रक्त रंजीत प्रतिज्ञा करने वाले शिवा ने स्वराज्य निर्मिती का दृढ़ संकल्प लिया। ज्ञान और कौशल्य, शस्त्र और शास

स्त्री धर्म सर्वश्रेष्ठ है, पति सेवा से चित्त शुद्धि होती है और चित्त शुुद्धि से परमात्मा की प्राप्ति - रक्षा सरस्वती

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देवास। सेवा का पर्याय नारी है जिसमें धर्म एवं संस्कृति को बचाने की शक्ति है। वो बेटी का धर्म , पत्नी का धर्म, माँ का धर्म का पालन करते हुए घर को स्वर्ग बनाती है। पति को ईश्वर तुल्य मानकर, सेवा करना, संतान को जन्म देकर उसे व्यवहारिक शिक्षा के साथ धर्म एवं संस्कृति से पोषित करती है।  स्त्री धर्म सर्वश्रेष्ठ है। पतिव्रता पत्नी अपने पति की सेवा से चित्त को शुद्ध करती है जिसका चित्त शुद्ध होता है उसे ही परमात्मा की प्राप्ति होती है, संसार में जो सुखी दिखाई दे जहां धर्म एवं संस्कृति के पालन के साथ आध्यात्म का ज्ञान परिजन में दिखाई देता है समझ लेना श्रेष्ठता के साथ स्त्री धर्म का पालन हो रहा है। यह आध्यात्मिक व्याख्यान जवाहर नगर में हो रही श्रीमद भागवत में भागवत रत्न रक्षा सरस्वती ने व्यक्त करते हुए भागवत प्रसंग के महारास का चित्रण किया। आपने कहा कि श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ महारास किया । इस रास दर्शन के लिये भगवान शंकर को भी गोपी बनना पड़ा। श्री कृष्ण की रास लीला दर्शन वही कर सकता है जिसमें बृज की गोपियों की तरह ईश्वरीय आसक्ति के भाव होते हैं। उपासना का अर्थ है परमात्मा के निकट आना। गोपिय

श्रुतपंचमी के अवसर पर कार सेवा सम्पन्न

  देवास। भारतीय जैन मिलन के अभिनव कार्यक्रम कारसेवा के अंतर्गत श्रुतपंचमी के अवसर पर जिनवाणी भंडार की वैयावृत्ति का आयोजन श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर अलकापुरी देवास में किया गया। जैन मिलन शाखा देवास के अध्यक्ष वीर के सी जैन (टाटा ) के नेतृत्व में और भारतीय जैन मिलन क्षेत्र 12 के क्षेत्रीय अध्यक्ष वीर डॉ प्रमोद जैन के निर्देशन में सभी वीर वीरांगनाओ द्वारा जिनवाणी भंडार की सफाई कर पुन: व्यवस्थित तरीके से शास्त्रों को जमाया ,उचित रिपेयरिंग, सुन्दर आकर्षक जिल्द चढ़ाए गई।शास्त्र भंडार को सूचीबद्ध करने का कार्य भी जैन मिलन ने अपने हाथ मे लिया तथा वीर डॉ ऋषभ कुमार को इस कार्य की जिम्मेदारी दी गई।     कार्यक्रम में वीर मुकेश जैन बाँझल, वीर नवीन जैन वीर दीपचंद जैन वीर आर सी जैन वीर के सी जैन (बीओआई) एवम महिला मिलन देवास की अध्यक्ष वीरांगना लक्ष्मी जैन और उनकी टीम वीरांगना आशा जैन, चारु जैन, संध्या जैन ,मुन्नी जैन, चम्पा जैन,मनोरमा जैन ,अनुभा जैन,तनुष जैन एवम ट्रस्ट सचिव ज्योति तलाटी  ,मीना जैन ,राजेश इटावा का सहयोग सराहनीय रहा।  विशेष कार सेवा की श्रृंखला में अगला आयोजन पर्युषण पर्व के पूर्व

युवक कांग्रेस ने मासूम बालिका की हत्या के आरोपियो को फांसी की मांग को लेकर दिया ज्ञापन

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देवास। विगत दिनों उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ के ग्राम टप्पल मे मासूम बच्ची की हुई हत्या को लेकर समस्त देशवासियो मे आक्रोश व्याप्त है। जगह-जगह आरोपी को फांसी की मांग को लेकर ज्ञापन दिया जा रहा है व पूतला फूंका जा रहा है। इसी के अंतर्गत आरोपियो को फांसी की मांग को लेकर युवक कांग्रेस ने जिला उपाध्यक्ष रियाज नागौरी के नेतृत्व महामहिम राष्ट्रपति एवं केन्द्रीय गृहमंत्री के नाम कलेक्टोरेट मे एसडीएम जीवनसिंह रजक को ज्ञापन सौंपा।       श्री नागौरी ने बताया कि देश मे मासूम बच्चियो के साथ दरिंदगी व हत्या की घटनाएं बढ़ती जा रही है, आरोपी खुले रूप से अपनी घटना को अंजाम दे रहे है। पुलिस सिर्फ मामला दर्ज कर जांच करती है और आरोपी पर कठोर कार्यवाही करे बिना ही मामला ठण्डे बस्ते मे चला जाता है। जिससे देश के लोगो मे बच्चियो की सुरक्षा के प्रति भय व्याप्त है। एक ऐसी घटना विगत दिनों हुई। जहां आरोपी ने 10 हजार रूपए कर्ज के विवाद मे 2 साल की मासूम बच्ची की निर्मम हत्या कर दी, जिससे देश के नागरिको मे भारी आक्रोश व्याप्त है। आरोपी ने बच्ची का शव 2 जून को घर के पास क्षत-विक्षत हालत में कूड़े के ढेर में फेंक दिया था

दरिद्र होना अपराध नहीं, दरिद्रता में भगवान को भूल जाना अपराध- रक्षा सरस्वती

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देवास। अमीरी और गरीबी हमारे पूर्वजन्म का फल है। भगवान अमीरों से खुश रहते हैं ऐसा नहीं, जो अमीर होते हुए भी भगवान की सेवा करते है भला वे दुखी कैसे रहेगा दुख और कष्ट उन्हें ही प्राप्त होगा जिसे इस जन्म में अमीर होने का सौभाग्य परमात्मा ने दिया है किंतु वो परमात्मा को भूल चुके हैं। सुदामा गरीब थे मगर श्रीकृष्ण की भक्ति को भूले नहीं यही कारण था कि उन्हें श्रीकृष्ण के दर्शन हुए और उन्हें और परिवार को सुख भोगने का अवसर भगवान ने दिया। इस संसार में दरिद्र होना अपराध नहीं बल्कि दरिद्रता में भगवान को भूल जाना अपराध है। यह विचार कामिका महादेव मंदिर समिति द्वारा जवाहर नगर में हो रही श्रीमद भागवत कथा के विश्राम अवसर पर भागवत रत्न रक्षा सरस्वती ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहे। भागवत मर्मज्ञ सुगणा बाई सा ने कथा के मध्य में आकर अपने प्रवचन में कहा कि भागवत कथा सुनने वाले को यह सौभाग्य इस जन्म के पुुण्य से नहीं बल्कि कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है। आज का युवा भटक चुका है उसमेें युवाओं की गलती नहीं है गलती है उन माता पिता की जिन्होंने उन्हें श्रेष्ठ संस्कारों से पोषित नहीं किया। भागवत कथा

महाराणा प्रताप की जयंती पर निकली विशाल शोर्य यात्रा

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देवास। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (वांकानेर 1897) एवं राजपूत समाज संगठन के तत्वाधान में महाराणा प्रताप की 479 वीं जयंती पर भव्य शोर्य यात्रा निकाली गई। यह जानकारी देते हुए शोर्य यात्रा सयोंजक तंवरसिंह चौहान ने बताया कि देवास में भव्य शोर्य यात्रा महाराणा प्रताप के तेल चित्र को खुली जीप में रखकर निकाली गई। शोर्य यात्रा में ऊंट, घोड़े, बग्गी, सेना, बैंडबाजे शामिल थे। प्रारंभ में भोपाल चौराहा स्थित प्रताप प्रतिमा पर समाज के वरिष्ठ जनों एवं अतिथियों द्वारा माल्यार्पण किया गया। शोर्य यात्रा नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए सयाजी द्वार पंहुची, जहां समापन किया गया। शोर्य यात्रा का नगर के सभी समाज एवं धर्म के नागरिको द्वारा जगह जगह आत्मीय स्वागत किया गया। शोर्य यात्रा में ठा. जयसिंह, ठा. तंवरसिंह चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह राजपूत, भगवानसिंह चावड़ा, भारतसिंह पटलावदा, युवा प्रदेश महामंत्री पंकजसिंह राणा, पोपसिंह परिहार, महिला जिलाध्यक्ष कल्पनासिंह तंवर (रावला), अनिलराजसिंह सिकरवार, जितेन्द्रसिंह परिहार, दिलीपसिंह बिजेपुर, मलखानसिंह बारोड़ पीपल्या, जीवनसिंह सिरोज, पवनसिंह चंदाना, उमे