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राज्य शिक्षा शिक्षक संवर्ग ने मांगों को लेकर दिया ज्ञापन 

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देवास। राज्य अध्यापक संघ के आव्हान पर प्रमुख मांगों को लेकर एसडीएम जीवनसिंह रजक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अध्यापक संवर्ग के पश्चात शासन द्वारा नवीन शिक्षा संवर्ग बनाया था जिसमें विसंगतियां थी तथा शेष बची मांगों को लेकर संपूर्ण मध्यप्रदेश में जिला मुख्यालय पर 14 जुलाई को ज्ञापन में मांग की गई कि अध्यापकों को सातवां वेतनमान प्रदान करने हेत आदेश प्रसारित किये जाए। प्रदेश के व्यापम अध्यापकों को राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्ति हेतु पोर्टल पर अपडेट नहीं किया गया है जिससे उनकी नियुक्ति नहीं हुई है अतिशीघ्र उन्हें नियुक्त किया जाए। स्थानांतरण में आ रही विसंगतियों को दूर किया जाए। छटे वेतनमान की विसंगतियों को दूूर किया जाए। ज्ञापन का वाचन अर्जुनसिंह चावड़ा ने किया। इस अवसर पर हिमरतसिंह तोमर, पुरूषोत्तमसिंह सिसोदिया, जितेन्द्र मालवीय, शैलेष राठौर, विपुल चौहान, अशोकसिंह ठाकुर, बिशनसिंह तोमर, यशराजसिंह आदि उपस्थित थे। ज्ञापन के पश्चात बैठक का आयोजन किया गया जिसमें विपुल चौहान को देवास विकासखण्ड प्रभारी नियुक्त किया गया।     

शंकरगढ़  को संरक्षित व हरा भरा करने  के  लिए वन विभाग, रोटरी क्लब व युवा मराठा समाज एक साथ 

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देवास। देवास से 3 किमी दूर खनिज विभाग की खदानों के कारण क्षरित शंकरगढ की पहाड़ी अब खनिज विभाग, ग्रीन ट्रब्यूनल, रोटरी क्लब देवास और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों से पुन: हरियाली की और लौटने को तैयार है, रोटरी क्लब देवास द्वारा विगत दो वर्षो सेे किए प्रयास अब पहाड़ी पर दिखने लगे हैं, प्रोजेक्ट चेयरमेन और क्लब सचिव रोटे. समरजीतसिंह जाधव ने बताया कि ग्रीन ट्रब्यूनल द्वारा खदानों पर रोक लगाने व क्लब द्वारा वहां पर लगातार पोधारोपण से अब नन्हें बीज पौधों का रूप ले रहे हैं। जो आगामी वर्षो में वृक्ष के स्वरूप में दिखेंगे। इसी पहाड़ी पर वन विभाग के अधिकारी रघुवीरसिंह, उपमण्डलाधिकारी ए.के.श्रीवास्तव व अन्य अधिकारियों के साथ रोटरी के नवीन नाहर सहायक मण्डलाध्यक्ष, रोटे गोवर्धनसिंह चंदेल, रोटे अजीत कुरेशी, रोटे उस्मान शेख, रोटे डॉ. जितेन्द्र कुशवाह, अपने पदाधिकारियों के साथ तथा शुभम शर्मा व भरत विजयवर्गीय के नेतृत्व में रोटरी क्लब टीम, क्षत्रिय मराठा समाज के सदस्यों के साथ उपस्थित हुए एवं श्रमदान किया। पहाड़ी पर विगत दिनों लगाए बीजों का अवलोकन किया साथ ही नीम, शीशम, पलाश, करंज के बीजों को एक बडे क्

पौधे सभी लगाए अभियान का आरंभ, मातृशक्तियो ने किया पौधारोपण

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देवास। उस्ताद फाउंडेशन द्वारा पौधे सभी लगाए अभियान की शुरूआत रविवार को नारी शक्ति प्रमुख गीतांजलि राठौर के नेतृत्व में स्थानीय वार्ड क्र. 04 प्रभारी सपना कारपेंटर के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण की रक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करने की अपील की गई एवं स्थानीय लोगो को पेड़-पौधो का पर्यावरण संतुलन बनाये रखने में महत्व बताते हुए कहा कि पेड़-पौधे जलवायु को संतुलित रखते हैं। पौधे लगाने से जहां पर्यावरण दूषित होने से बचेगा, वहीं आम लोग को भी इससे लाभ होगा। पौधारोपण पश्चात रौपे गए पौधो की रक्षा का संकल्प लिया। इस अवसर पर दौरान कमला कारपेंटर, कृष्ण कारपेंटर, माधुरी ठाकुर, मेघा पटेल, किरण मालवीय, खुशी सूर्यवंशी, मानसी पांचाल, सीता इवने, गीता चौहान, सावित्री बाई, पायल परिहार, साधना कुरील, निधि कारपेंटर, अध्यक्ष धनंजय गायकवाड़, मोंटी जाधव, धीरज राव कोसे, वार्ड पार्षद धर्मेन्द्र जाधव, सन्नी कारपेंटर (इम्मी), धनंजय अहिरवाल, सतीश पवार, सचिन सिसोदिया, प्रतीक कारपेंटर, लाखन चौधरी, प्रतिक कारपेंटर, संतोष गोस्वामी, राजेन्द्र वर्मा सहित स्थानीय लोग उपस्थित थे।

विद्युत मंडल की तानाशाही केे विरोध में बिजली बिलों की होली जलाई 

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देवास। विद्युत मंडल द्वारा निर्दयतापूर्ण दिए जा रहे भारी बिलों के विरोध में औद्योगिक क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं ने जितेन्द्र सेंगर के नेतृत्व में बिजली बिलों की होली जलाई। उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली विभाग हमें बिजली बेचने वाली एक संस्था है जिससे हम बिजली खरीदते हैं। पर मुख्य बात यह है जब 50 युनिट बिजली उपभोग की जाती है तो उसके कम रेट है और जैसे ही यूनिटों में बढ़ोतरी होती है रेट पाँच गुना तक बढ़ा दिए जाते हैं। इसी प्रकार इस बार 16-17 रू युनिट तक के बिल गरीबों को थमाए गए हैं। अब विषय यह आता है कि जब हम बाजार से कोई भी वस्तु कम मात्रा में लेते हैं तो उसका मूल्य ज्यादा होता है और जितनी ज्यादा हम वस्तु लेते है तो उस वस्तु का रेट कम होकर थोक भाव में हमें कम रेट पर मिलता है। यहां विद्युत मंडल ठीक उसका उलटा यूनिटों का रेट ज्याद लगाकर गरीबों को अनाप शनाप बिल थमाकर उनका आर्थिक एवं मानसिक शोषण कर रहा है। इसी के विरोध में आंदोलन के दूसरे दिन बिजली बिलों की प्रतियां जलाकर उपभोक्ताओं ने अपना रोष जताया। इस अवसर पर सरदारसिंह, दिलीप डॉक्टर, भानू जादोन, कृष्णा पाटीदार, शुभम चावड़ा, जीवन, रमेश यो

बलाई समाज जिला देवास ने केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत का सम्मान किया 

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देवास। देवास मध्य क्षेत्रीय बलाई समाज के जिलाध्यक्ष सोनकच्छ निवासी मांगीलाल मालवीय के साथ जिला कोषाध्यक्ष बाबूलाल मालवीय, सोनकच्छ धर्मशाला निर्माण समिति अध्यक्ष प्रहलादसिंह बिजोनिया, सह अध्यक्ष राधेश्याम मालवीय, कोषाध्यक्ष भवानीलाल मालवीय, पूरणसिंह सोलंकी, आत्माराम सेंधालकर, करणसिंह सिंदल, ओमप्रकाश मालवीय सहित कई समाज बंधुओं ने उज्जैन में बलाई समाज द्वारा आयेाजित केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत के सम्मान समारोह में भाग लेकर शाल श्रीफल एवं पुष्पमालाओं से स्वागत किया। इस अवसर पर देवास संसदीय क्षेत्र के सांसद महेन्द्रसिंह सोलंकी तथा कई पूर्व एवं वर्तमान विधायक उपस्थित थे।  श्री गेहलोत ने अपने उद्बोधन में अपनी जीवन गाथा तथा उतार चढ़ाव का विस्तृत विवरण देते हुए समाज को आगे बढऩे की पे्ररणा दी। श्री मालवीय ने सदन को देवास जिले की समाज की गतिविधि तथा सोनकच्छ स्थित धर्मशाला में समाज एवं केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत के योगदान का उल्लेख कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया।     

आत्मा से परमात्मा बनने के लिये जरूरी है सिद्धचक्र मण्डल विधान 

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इंद्र इंद्राणियों ने सिद्ध चक्रमण्डलजी पर 256 अर्ग समर्पित किए, सिद्ध प्रभु की आराधना जारी  देवास। आत्मोत्थान की चरम अवस्था को परमात्मा कहा जाता है। परमात्मा पाप पुण्य के परे होते हैं वह न इंद्रिय जन्य है और न ही शास्त्रों के अभ्यास से पाई जाती है इसलिये आत्मा कर्मबंध के कारण परमात्मा नहीं बन पाती है। आगम के अनुसार अरिहंत सगुण सकल परमात्मा है। और सिद्ध निगुर्ण निकल परमात्मा है। इसलिये आत्मा को तप ध्यान से कर्म मुक्त कर सिद्ध परमात्मा बनाया जा सकता है।  हम सिद्ध बनें इसलिये ही सिद्ध समूह की उपासना के लिये सिद्ध चक्र विधान के माध्यम से आराधना की जाती है। इस मण्डल विधान से समस्त लौकि क सुखों की प्राप्ति तो सहज ही होने लगती है लेकिन परालोकिक सुख प्राप्त नहीं हो पाते। जैसे किसान अनाज प्राप्ति के लिये बीज बोता है लेकिन फल के साथ भूसा रूपी कर्म भी प्राप्त होते हैं, जिनकी निर्जरा जरूरी है ये उद्गार अलकापुरी स्थित श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में पं.श्री संजय जैन नेे अपने उद्बोधन में कहे। दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति की परम्परा के अनुसार विगत दिनों से चल रहे श्री सिद्ध चक्र महामण्डल विधान के छटे

उच्च वस्तु-तुच्छ मोल का विरोधाभास ही प्रभु प्राप्ति में बाधक है- साध्वी सुधर्मगुणा श्री

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श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु के तेले के साथ प्रारंभ हुई चातुर्मास बेला देवास। हमें उच्च वस्तुु चाहिये लेकिन उसका मोल तुच्छ देने की कोशिश ही हमें वस्तु प्राप्ति से वांछित कर देती है। ठीक इसी प्रकार तीर्थंकर परमात्मा जो कि तीनों लोक में सर्वोच्च शक्ति वस्तु है यदि उसकी प्राप्ति करना है तो उसका मोल भी तुच्छ नहीं सर्वोच्च देना होगा। तुच्छ मोल में हम प्रभु को चाहते हैं यही प्रभु प्राप्ति की मुख्य बाधा है। ये उच्च मोल है - उच्च भावपूर्ण श्रद्धा, उच्च तपश्चर्या, उच्च जीवन चारित्र । उल्लेखनीय है चातुर्मास की प्रारंभिक बेला में श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु के त्रिदिवसीय उपवास एवं आराधना इसी उच्च तपश्चर्या को ध्यान में रखकर प्रारंभ की है। इस तपश्चर्या में बड़ी संख्या में समाज के महिला पुरूष भाग ले रहे हैं। श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर तुकोगंज रोड पर चातुर्मास की बेला में तेले की तपस्या को प्रारंभ करते हुए प्रवचन के दौरान साध्वी सुधर्मगुणा श्री जी ने यह बात कही। आपने कहा कि श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथ प्रभु तीर्थंकर बनने के कई वर्ष पहले ही अपनी प्रतिमा रूप में तीनों लोक में पूजे गए। प्रभु ने त