राम है तो राष्ट्र है और राष्ट्र है तो राम है- श्री रामदयाल जी महाराज


देवास। महाप्रभु रामचरण प्राकट्य महाराज त्रिशताब्दी महोत्सव अंतर्गत रविवार को सेन धर्मशाला से बैण्ड बाजे के साथ 400 थाल प्रसाद लेकर ग्राम भड़ापीपल्या के श्रीराम चोधरी के सुपुत्र माखनलाल चौधरी को आज श्री रामद्वारा में शाहपुरा पीठाधीश्वर जगद्गुरू श्री 1008 श्री रामदयाल जी महाराज की आज्ञा से रामस्नेही सम्प्रदाय की परम्परा अनुसार संत श्री रामनारायण महाराज के शिष्य बनाए गए। अब माखनलाल चौधरी अब से संत मानक राम होंगे जो संत रामसुमिरण के छोटे गुरू भाई के रूप में जाने जायेंगे। महोत्सव के दूसरे दिन द्वारका मंत्री ने अपने सुमधुर भजनो की प्रस्तुति देकर भक्तो को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

रामद्वारा सत्संग समिति प्रभारी लोकेश विजयवर्गीय ने बताया कि महोत्सव में आज तीसरे दिन आदर्श रामायण मण्डल रीवा, हीरालाल पाण्डे एवं मण्डल द्वारा भजनो की प्रस्तुति दोपहर 12.15 से दी जाएगी। महोत्सव में सत्संग के दौरान रामदयाल जी महाराज ने कहा कि इस नश्वर संसार में यदि कोई आपको भव से पार कर सकता है तो वो सिर्फ सतगुरू ही है। जीवन को यदि सुचारू रूप से जीना है तो आपको मांस, मदिरा व अन्य व्यसनों से दूर रहना होगा। व्यसन घरों में क्लेश और व्यापार में हानि व व्यवहार में नुकसान करते है। सतगुरू श्री रामचरण जी महाराज ने प्रत्येक जीव के उत्थान के लिए सदमार्ग पर चलने का आव्हान किया, जिससे व्यापार में परिवार में संस्कार, संस्कृति, विश्वास में वृद्धि हो। राम है तो राष्ट्र है और राष्ट्र है तो राम है। ये दोनों आत्मा और शरीर है। जब धर्म ध्वजा गगन में लहराती है तो नगर में, प्रदेश में, राष्ट्र में निरंतर विकास होता है। जब संत का आगमन नगर में होता है तो वह नगर तक तीर्थ धाम बन जाता है और नगर का हर मंदिर, हर इंसान ईश्वर तुल्य हो जाता है। हर इंसान में मानवता के गुण होना चाहिए, जिससे वे हर मानवीय कार्य को अपना कर्म, धर्म मानकर करे। राष्ट्र प्रेम की मिशाल युवाओं के हाथों होना चाहिए। युवा हर दिशा में कार्य कर उन्नत व प्रगतिशील बना सकते है। गुरू पुष्प समान होता है। भक्त का भंवरा, मधुमक्खी होना चाहिए, जिससे वो अपने गुरू की सुगंध से जवीन महक उठे व मधु से जीवन में मिठास बनी रहे। देवास में एक साथ इतने संतों का इक_ा होना इस बात का प्रमाण है। यहां के लोगों के हृदय में प्रभुवास करते है। यहां की धरा को प्यारी है। नर से नारायण तक सुखी रहना चाहते है। इसके लिए एक ही बात, एक ही मंत्र है जाति राम राखे ताहे विधि रहिये। जीवन में मुंह मत चढ़ाओं, बाहे मत चढ़ाओ, चढ़ाना है तो भगवान को जल, दूध, तेल, फूल, प्रसाद चढ़ाओं। संस्कार अपने घरों से आते है। जिन घरों में राम नाम भजते है उनके संस्कार श्रेष्ठ होते है। जिन घरों में टीवी सीरियल चलते है, वहां आपस में दिल जलते है। इस अवसर पर गोविंद अग्रवाल, मनीष अग्रवाल, भरत चौधरी, मनीष सेन, मनोज आहूजा, सीमा सोनी, महेश सोनी, मांगीलाल विजयवर्गीय, रामेश्वर जलोदिया, दुर्गेश अग्रवाल, अशोक सोमानी, अशोक विजयवर्गीय, केसी गुप्ता, राजेन्द्र पोरवाल, सुरेश विजयवर्गीय, विजयकुमार विजयवर्गीय, नंदलाल मुजावदिया, राजेन्द्र परमार, प्रहलाददास विजयवर्गीय, राजीव विजयवर्गीय पोलायकला, देवीलाल पोरवाल, सुरेश फारक्या, महेश गुप्ता, अशोक पोरवाल सहित अनेक समाज के श्रद्धालुजन उपस्थित थे। डॉ. डीपी श्रीवास्तव एवं ओमप्रकाश विजयवर्गीय ने संचालन किया। 

 

Comments

Popular posts from this blog

मध्यप्रदेश की विधानसभा के विधानसभावार परिणाम .... सीधे आपके मोबाइल पर | election results MP #MPelection2023

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक मे प्रबंधक एवं अधिकारीयो ने दिया ईमानदारी का परिचय