भगवान को भोग लगाए बिना अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए - आचार्य अनिल शर्मा
भारत सागर न्यूज/देवास। सनातन धर्म की परंपरा रही है, कि बगैर भगवान को भोग लगाए अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। जो भगवान को भोग लगाए बिना अन्न ग्रहण करते हैं, वह भोजन फलित नहीं होता। वह भोजन विष के समान है, इसलिए जब भी भोजन करें पहले भगवान का स्मरण कर भोग अवश्य लगाएं। इसे भी पढे - ईश्वर नारायण गुप्ता नगर महामंत्री मनोनीत यह विचार खाटू श्याम महिला समिति चाणक्यपुरी एक्सटेंशन द्वारा चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में श्री राम कथा के तीसरे दिन शनिवार को व्यासपीठ से आचार्य अनिल शर्मा आसेर वाले ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा, कि हनुमानजी ने लंका में सीता माता से पूछा मां मुझे भूख लगी है। मुझे कुछ खाने को दे दो। सीता माता ने कहा हनुमान भूख लगी है क्या खाओगे बोलो। मां मुझे फल खाना है। अच्छा फल खाना है, लेकिन बेटे यहां बहुत सारे राक्षस है। कौन तुम्हें फल खाने देगा। हनुमानजी ने कहा, कि मां मुझे राक्षसों की चिंता नहीं अब आप बताओ कि खाना है कि नहीं। खाना है तो सीता माता ने कहा हनुमान जो फल खाओ पहले रघुनाथ जी को हृदय में उनके चरणों में रखो और फिर खाओ। हनुमानजी चाहते तो फल त