प्रभु प्रेमी संघ का मासिक सत्संग हुआ ,जनमानस ने लिया धर्म लाभ !
रायसिंह मालवीय /7828750941,9399715340
आष्टा सतसंग एक दिशा है जो हमे प्रभु से जोड़ती है सत्संग एक विधा है जो हमे हमारी सनातन संस्कृति से जोड़ती है। सत्संग में वह शक्ति है जो उस परात्पर परब्रह्म को केंद्रित कर भक्तो के बीच उपस्थित होने पर विवश करती है। सुखद संयोग से हम इस सत्संग में भक्तो के बीच स्वयम को पाकर अभिभूत हैं। नगर के मध्य स्थित श्रीनाथ जी की हवेली के दिव्य परिसर में प्रगति परिवार द्वारा आयोजित प्रभु प्रेम संघ के मासिक सत्संग में अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से विभूषित वल्लभ सम्प्रदाय आचार्य गोस्वामी डॉ ब्रजोत्सवी बाबा श्री ने यह प्रवचन दिए। रविवार की संध्या को श्रीजी की हवेली में नियमित आयोजनों, भव्य आरती, ब्रज में फूलो की होली और भक्ति रस की गंगा के मध्य मासिक सत्संग में उपस्थित वैष्णव और प्रभु प्रेमीजन ने ईश्वर की भक्ति और फागुन की आध्यात्मिक मस्ती का जम कर आनन्द लिया। श्रद्धा और आनंद से ओतप्रोत इस भव्य आयोजन में पूज्य वल्लभाचार्य श्री के श्री मुख से मासूम और निष्काम भक्ति के महात्म्य और भक्त सम्मेलन में व्याप्त आलौकिक आनन्द पर भी प्रकाश डाला गया। उन्होंने आष्टा को धर्म और संस्कृति का गढ़ बताते हुए पूज्य जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानन्द जी के प्रेरक संतत्व और आष्टा के प्रति उनके अनुग्रह और अनुकम्पा को नगर वासियो का सौभाग्य बताया वहीं धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय प्रभु प्रेमी संघ की प्रशंसा करते हुए आशीर्वाद दिया। प्रवचन के बाद हवेली में श्रीनाथ जी की भव्य आरती हुई। सत्संग की शरुआत में प्रभु प्रेमी संघ और हवेली के पदाधिकारियों ने दीप प्रज्ज्वलन कर सभी वैष्णव जन की ओर से पूज्य बाबाश्री का सम्मान किया।कार्यक्रम में शास्त्रीय भजन गायक राम श्रीवादी, कु. कौशिकी श्रीवादी, सुमित चौरसिया, जीवनराज, अजयराज, रफीक मंसूरी खड़ी तथा हिना बैरागी ने शानदार भजन प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में निकटस्थ पर्व होली और महाशिवरात्रि के भजनों के बीच फूल बरसा कर होली मनाई गई। अंत मे परंपरागत ढंग से मंत्रोच्चारण, ओंकार नाद, गुरुमंत्र जाप और हनुमान चालीसा के पाठ के साथ पादुका पूजन की गई। प्रगति परिवार द्वारा सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया।
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