हाईवे विस्तार में सावधानियां अपनाई जाएं
आज चीन की यातायात तेज करने वाली परियोजनाएं भी बहुत महंगी हैं। बीजिंग-शंघाई हाई स्पीड लाईन की अनुमानित लागत इस समय 30 अरब डालर है। शंघाई के बीच में से गुजरने वाली एक अन्य तेज (मगलेव) रेल लाईन का बहुत विरोध यहां के नगरवासी इस आधार पर करते रहे कि इस अति तेज रफ्तार की रेल लाईन का उपयोग मात्र कुछ पर्यटक ही करेंगे, जबकि इससे नागरिकों के लिए बहुत सी समस्याएं उत्पन्न होंगी। जहां यातायात तेज करने के नाम पर अरबों डालर के हाईवे बनाए जा रहे हैं, वहां सड़क-शुल्क वसूल करने के लिए जो टोल-बूथ बनाए जाते हैं उनसे यातायात की रफ्तार कम भी होती है। इस शुल्क का भार बहुत बढ़ जाता है तो ट्रक व लारी ओवरलोड करने लगते हैं व इससे दुर्घटनाएं बहुत बढ़ जाती हैं। भारत भी बड़े हाईवे, एक्सप्रेस वे आदि के निर्माण के दौर से गुजर रहा है। कई हाईवे को बहुत जरूरत न होने पर भी किसी व्यापक योजना के अन्तर्गत चौड़ा किया जा रहा है। भारत सहित अनेक देशों के विकास कार्यक्रमों में नए हाईवे बनाने व पहले के हाईवे को और चौड़ा करने को उच्च प्राथमिकता दी गई है और इसे तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। पर इसके जमीनी स्तर पर क्या असर हो रहे हैं