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ब्रेकिंग न्यूज़ : भारत सागर न्यूज़ की खबर का बड़ा असर, आशा कार्यकर्ता कोविड-19 के दौरान ड्यूटी पर मौत का मामला

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भारत सागर न्यूज़ पर खबर दिखाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन में मचा हड़कंप ओंकारेश्वर मांधाता,आकाश शुक्ला ✍ ओकारेश्वर पवित्र तीर्थ नगरी में स्थित सिविल अस्पताल क्षेत्र के ग्राम इनपुन पुनर्वास स्थल पर कोरोना महामारी के चलते आशा कार्यकर्ता श्रीमती ममता घाटे के द्वारा गर्भवती महिलाओं को दवा वितरण ,टीकाकरण, सर्वे के दौरान अचानक घबराहट होने के कारण दिनांक17/4/2020 को मौत हो जाने के बाद गरीब परिवार शोक की लहर में डूब गया मृतक महिला की एक छोटी बेटी और बेटा है वही  पति मजदूरी कर व मृतिका आशा कार्यकर्ता का कार्य करके अपने परिवार का गुजर बसर करते थे लेकिन अचानक कोविड-19 के दौरान ड्यूटी करते समय  मृत्यु हो जाने पर पूरे परिवार के सामने दो वक्त के खाने के लाले पड़ गए  वहीं स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी श्रीमती ममता बाई घाटे के घर पहुंच कर सांत्वना देने का कार्य तो बखूबी किया लेकिन गरीब परिवार को शासन की योजना का लाभ दिलाने और बीमा राशि के संबंध में कार्रवाई करने को लेकर लापरवाही बरतने के साथ पल्ला झाड़ते हुए नजर आए।  आशा कार्यकर्ता मृतक महिला के पीड़ित परिवार ने भारत सागर न्यूज़ से

बाहरी तत्वों का खुलेआम नर्मदा किनारे जमावड़ा, नियम कानूनों की उड़ाई जा रही धज्जियां

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ओंकारेश्वर आकाश शुक्ला ✍             ओकारेश्वर पवित्र तीर्थ नगरी से 12 किलोमीटर दूर इंदौर इच्छापुर हाईवे के किनारे स्थित मोरटक्का खेड़ी घाट में खुलेआम सोशल डिस्टेंस मुंह पर मास्क नहीं लगाना लॉक डाउन के चलते नियम कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है वही नर्मदा किनारे बाहरी क्षेत्र के एवं स्थानीय पंडितों के द्वारा नियमित दशा पूजन पाठ कराई जा रही है जबकि देशभर में धारा 144 लगे होने के बाद सार्वजनिक स्थान पूजन पाठ करना एवं नर्मदा के किनारे जाना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है लेकिन उसके बावजूद नर्मदा के किनारे सैकड़ों लोगों को दशा पूजन पाठ करते हुए रोजाना देखा जा सकता है स्थानीय प्रशासन के आला अधिकारी मूकदर्शक बनकर देख रहे हैं ऐसे में बाहरी क्षेत्र से आकर दशा पूजन  पाठ करवाना और एक दूसरे के संपर्क में आने के कारण कोरोना जैसे महामारी फैलने की आशंका बनी हुई है।  इस मामले को लेकर जब पुनासा एसडीएम ममता खेड़ी से मोबाइल पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया मोरटक्का चौकी प्रभारी से भी संपर्क किया तो उन्होंने नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। 

राजनीतिक द्वैषतापूर्ण तरीके से पद से हटाए जाने के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित

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हाटपीपल्या । श्री अखिल भारतीय बलाई महासंघ राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य मनोज परमार के निर्देश पर स्थानीय इकाई हाटपीपल्या ने तहसील कार्यालय जाकर तहसीलदार सुभाष सुनेरे को मुख्य नगर पालिका अधिकारी मोहम्मद अशफाक खान को राजनीतिक द्वैषतापूर्ण तरीके से पद से हटाए जाने के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया । ज्ञापन में मांग की गई कि उक्त ज्ञापन अखिल भारतीय बलाई महासंघ के साथ ही नागरिकों की ओर से भी हैं, यह कि नगर परिषद हाटपीपल्या के मुख्य नगर पालिका अधिकारी मोहम्मद अशफाक खान विगत 5 माह से कार्यरत थे । तथा नगर में कोरोना जैसी महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बगैर सतत 2 माह तक रात दिन नगर में रहकर अपने कर्तव्य का पालन किया । साथ ही नगर में इस महामारी के दौरान अपनी उपस्थिति में नगर में दवाई छिड़काव, नगर की भीषण जल समस्या को सुचारू रूप से करते हुए । विगत 3 वर्षों से नगर के प्रधानमंत्री आवास योजना के रुके हुए कार्य को पुनः प्रारंभ कराते हुए आवासहीन गरीबों के अधूरा आवासों को पूर्ण करवाने में भरपूर योगदान दिया है । साथ ही नगर परिषद हाटपिपल्या के मुख्य नगरपालिका अधिकारी मोहम्मद खान विगत

मालवीय बने अधिवक्ता मंच भारतवर्ष के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष 

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देवास । मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के युवा अधिवक्ता धर्मेन्द्र मालवीय की सक्रियता और कर्मठता को देखते हुए राष्ट्रीय संयुक्त अधिवक्ता मंच भारत के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ संजय दीक्षित संस्तुती ने उन्हें अधिवक्ता मंच भारतवर्ष के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पर नियुक्त किया। संपूर्ण देश में लॉकडाउन है इसिलिए उन्हें यह जानकारी सोशल मिडिया द्वारा दी गई। मालवीय की नियुक्ति पर ईष्ट मित्रों ने शुभकामनाएं प्रेषित कर बधाई दी। 

किसान संघर्ष समिति ने किसान के हितों में योजनाएं लागु करने प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

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हरमीत ठाकरे, मुलताई।   देश मे व्याप्त कोरोना महामारी से किसानों और आम व्यक्ति की कई योजनाएं और कई आर्थिक गतिविधियां असामान्य हो चुकी है। कोरोना महामारी से किसान जनता के सामने उत्पन्न गंभीर समस्याओं से किसान परेशान हैं।  किसान संघर्ष समिति द्वारा देश के अत्र दाता किसान व भारत निर्माता गरीब मजदूरों के हितों में योजनाएं लागु करने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। सौंपे गए जापन में बताया कि वर्तमान में किसानों और मजदूरों की समस्याओं के निराकरण के लिए योजना बनाने की जरूरत है।  किसानों व गरीब मजदूरों के सामने गंभीर समस्याएं उत्पन है। कोरोना महामारी और लगातार जारी लॉकडाउन की स्थिति से किसानों गरीब मजदूरों व छोटी-मोटी गुमठियां लगाकर अपने परिवार का पालन करने वालों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में उनके हितों में व समस्याओं को हल करने के लिए तुरंत कदम उठाया जाना चाहिए। पांच सूत्रीय मुद्दों में प्रमुख रूप से किसानों की देखभाल, गरीबों की देखभाल, प्रवासी मजदूरों की देखभाल व सरकार की आर्थिक राहत योजना सहित अन्य पर जोर देते हुए उन्हें तत्परता से लागु करने की मांग किसा

ओकारेश्वर का सिविल अस्पताल डॉक्टर नहीं होने और व्यवस्थाओं का अभाव होने के कारण बीमार

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ओंकारेश्वर मांधाता,आकाश शुक्ला  ✍ ओकारेश्वर पवित्र तीर्थ नगरी में नवीन सिविल अस्पताल का निर्माण वर्ष 2016 सिंहस्थ पर्व के दौरान हुआ था।  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम बदलकर सिविल अस्पताल तो कर दिया लेकिन व्यवस्थाओं के अभाव में नगरवासी सहित आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा नहीं मिलने से परेशान होते रहते हैं।  वही शिशु रोग विशेषज्ञ, लेडी डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन नहीं होने के कारण नर्सों के द्वारा लैब चलाया जा रहा है और 2 डॉक्टर होने के बावजूद भी मरीजों को 12 किलोमीटर दूर जाकर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है।  जबकि ओकारेश्वर में पवित्र तीर्थ नगरी होने के कारण वर्तमान में लॉक डाउन के चलते तीर्थ यात्रियों सहित बाहरी लोगों का आना प्रतिबंधित है जब यह प्रतिबंध हट जाएगा और सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चालू होगी तो प्रतिदिन ज्योतिर्लिंग दर्शन के लिए 20 हजार से अधिक श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन के लिए आते हैं और सिविल हॉस्पिटल क्षेत्र में 27 गांव होने के कारण ग्रामीण लोग भी इलाज करवाने के लिए यहां पर आते हैं लेकिन सुविधाएं नहीं होने के कारण सिविल अस्पताल खुद बीमार जैसा नजर आ रहा है।   

आष्टा में मानिसक यंत्रणा के शिकार मुंबई से लौटे तीन युवक

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हरमीत ठाकरे, मुलताई मुंबई से वापस आए तीन युवक इन दिनों मानसिक रूप से बुरी तरह प्रताड़ित है। उनके गांव वालों द्वारा उनका बहिष्कार कर उसको मानसिकता रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। इस कोरोना महामारी के दौर में मुंबई से वापस आना ही उनके लिए गले की हड्डी  बना हुआ है। गांव वालों द्वारा उन तीनों युवकों के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है जैसे वे कोई जघन्य गंभीर अपराध करके आए हो।             पूरा मामला मुलताई तहसील के ग्राम आष्टा का है। जहा पर मुंबई से 18 मई को दो स्पेशल  गाड़ी करके लौटे 10 लोग, जिसमे 7 लोग गुजरमाल के है और 3 लोग आष्टा के रहने वाले है। आष्टा के तीनो युवक पिछले 10 दिन से गांव से दूर अलग  बने अपने घर मे ही कोरेनटाइन है।            ग्राम आष्टा के निवासी कपिल देशमुख ने बताया कि जबसे वे लोग वापस आए है उनके साथ गांव वालों का व्यवहार ही बदल गया है, लोग हमारे साथ साथ हमारे परिवार वालो से भी दुर्व्यवहार कर रहे है। जबकि हम लोग मुंबई में पीवीसी का काम करते थे, लॉक डाउन के चलते बेरोजगार होने के कारण वापस गांव लौटना पड़ा। गांव पहुँचने पर मेरे साथ आए सुनील देशमुख और बुधराव देशमुख का भी मेड