नहीं रहे अहिंसा और भूदान सिद्धान्तों के कर्मयोगी धीरूभाई मेहता
भारत सागर न्यूज़। 88 साल की उम्र में गांधी विचारक, चार्टर्ड अकाउंटेंट और सामाजिक जगत में सात दशकों से सक्रिय श्री धीरू भाई मेहता का देहांत हो गया। गांधी-विनोबा विचार के संस्थानों के संरक्षक रहे श्री धीरू भाई मेहता ने सोमवार सुबह मुम्बई के नामदेव अस्पताल में अंतिम सांस ली। श्री मेहता की कल तबीयत बिगड़ने से उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, जहां डाक्टरों के अथक परिश्रम के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। श्री धीरूभाई मेहता को विनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण और श्रीमती सुशीला नय्यर जैसे महात्मा गांधी के उत्साही अनुयायियों के निकट संपर्क में रहने का सौभाग्य मिला। धीरूभाई मेहता पत्रकारिता के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे, उनके 200 से अधिक आलेख पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए, जिसमें सरदार वल्लभभाई पटेल- द स्टीलमैन ऑफ इंडिया पर एक पुस्तक भी शामिल है। श्री धीरूभाई किसी भी राजनीतिक दल के प्रति पूर्वाग्रह के बिना सरकार और उसकी नीतियों के साथ-साथ विपक्ष के भी कट्टर आलोचक रहे, लेकिन दृढ़ता से इस बात की वकालत करते रहे कि गांधीवादी दर्शन भारत के विकास के लिए आदर्श मार्ग है। वे गुजराती समाचार पत्र जन्मभूमि स