Posts

Showing posts with the label आध्यात्म

आध्यात्म- सद्गुरू शीलनाथ जी भक्त मण्डल का गठन, व्याख्यानमाला आयोजित करने का निर्णय

Image
देवास। शताब्दी वर्ष सद्गुरू शीलनाथ जी की 100वीं पुण्यतिथि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी उत्साह के साथ मनाई जाएगी। उक्त आयोजन को लेकर श्री योगेन्द्र सद्गुरू शीलनाथ भक्तमण्डल की बैठक रविवार को स्थानीय खेड़ापति गार्डन में सम्पन्न हुई। बैठक में शीलनाथ जी के उपदेश, नाथ सम्प्रदाय का इतिहास, भक्तिमार्ग का प्रचार-प्रसार के साथ शीलनाथ जी के शब्दामृत निर्गुणी भजन संग्रह का भजन शैली का प्रचार-प्रसार करने, देश-विदेश में रह रहे गुरूभक्तों को जोडऩे के साथ उनके जीवन चरित्र पर व्याख्यान माला आयोजित की जाने सहित विभिन्न विषयों पर निर्णय लिया गया। इसकी जिम्मेदारी साहित्यकार, इतिहासविद जीवन सिंह को सौंपी गई। तत्पश्चात भक्त मण्डल का गठन किया गया। जिसमें अध्यक्ष पूर्व विधायक सुरेन्द्र वर्मा, सचिव एड. जयंत विपट को सर्वसम्मति से बनाया गया। अध्यक्षता जीवनसिंह ठाकुर ने की।  🚩 चल रही थी चर्चा कि कैसे आयेगी सहायता ? फिर शीलनाथ धुनी पर हुआ लाइव चमत्कार ! देवास के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर गुरु महाराज की प्रसिध्दि अत्यधिक है ! 👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻 https://bharatsagar.in/?p=2157 विशेष अतिथि संत माधवानंद जी गुफा टेकरी ध

माँ क्षिप्रा नदी तट पर कलश यात्रा के साथ श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ

Image
नववर्ष के प्रथम दिन  श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा कथा का शुभारंभ माता बहनों ने अपने सिर पर जल भरकर कलश यात्रा मे शामिल हुई श्री भागवत कथा ज्ञान गंगा की महाआरती हुई और प्रसादी का वितरण पं. राकेश तिवारी ने श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिन भागवत कथा के महत्व बताये  देवास। पुण्य सलीला माँ क्षिप्रा नदी तट पर श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा कथा का शुभारंभ नववर्ष के प्रथम दिन शुक्रवार से कलश यात्रा के साथ हुआ। बड़ी ही धूमधाम के साथ माँ क्षिप्रा नदीतट से कलश यात्रा का निकाली गई। बड़ी संख्या माता बहनों ने अपने सिर पर जल भरकर कलश यात्रा मे शामिल होकर पुरे क्षिप्रा गांव मे भ्रमण किया। ग्रामीणों ने जगह-जगह पर पुष्पमाला कर श्रीमद भागवत कथा, गुरुजी स्वागत किया। तत्पश्चात श्री भागवत कथा ज्ञान गंगा की महाआरती हुई और प्रसादी का वितरण किया गया। पं. राकेश तिवारी ने श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिन भागवत कथा के महत्व बताते हुए कई प्रसंगों को मार्मिक रूप से वर्णन किया। उन्होने भक्ति नारद संवाद एंव गोकर्ण की कथा भी सुनाई। आज शनिवार को महाभारत की कथा के साथ राजा परीक्षित मोक्ष कथा का प्रसंग होगा। उक्त जानकारी गब्बर पटेल पहलवा

पिपलेश्वर महादेव मंदिर सोनकच्छ पर धूमधाम से मनेगा अभिनंदन उत्सव 2021

Image
                          अभिनंदन उत्सव 2021 विजेंद्र नागर - 9111148214 सोनकच्छ - कालीसिंध नदी के तट पर स्थित श्री श्री 1008 ब्रह्मनिष्ठ परम् पूज्य बाबा श्री महेश्वरानंद जी उदासीन की तपोस्थली नगर के प्राचीन पिपलेश्वर महादेव मंदिर उदासीन आश्रम पर गतवर्षानुसार इस वर्ष भी अभिनंदन उत्सव 2021 बड़े ही धूमधाम से मनाया जावेगा। महंत श्री लवचंद्रदासजी उदासीन के विशेष मार्गदर्शन में पिपलेश्वर महादेव भक्त मंडल द्वारा अभिनंदन उत्सव 2021 के अंतर्गत तीन दिवसीय धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन रखा गया है,  जिसके अंतर्गत बुधवार 30 दिसंबर को रात्रि 8:30 बजे से संगीतमय सुंदरकांड का पाठ, गुरुवार 31 दिसंबर को रात्रि 8:30 से भजन कीर्तन, शुक्रवार 1 जनवरी को सुबह 11:00 बजे से सहस्त्रधारा से क्षेत्र के भक्तों द्वारा पिपलेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक एवं प्रसाद वितरण आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जावेगा।  मंडल के सदस्यों द्वारा होने वाले इन आयोजनों की तैयारियां बड़े जोर-शोर से की जा रही है।  पिपलेश्वर महादेव भक्त मंडल के सदस्यों ने नगर वासियों व क्षेत्रवासियों से होने वाले इन धार्मिक कार्यक्रमों में अधिक से अधिक संख्

शंकरगढ़ पहाड़ी पर एडवेंचर के साथ धार्मिक पर्यटन भी हो विकसित ! उठने लगी मांग

Image
शंकरगढ़ पहाड़ी को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र के तौर पर विकसित करने की मांग ! 151 फीट की शंकर भगवान और 101 फीट की भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा की हो स्थापना ! प्रतिमाओं की स्थापना से शहर का वास्तुदोष होगा दूर ! श्री सिध्दि विनायक भक्त मंडल का जिला प्रशासन से आग्रह ! इस समाचार को फेसबुक पर देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें साथ ही हमारे पेज को लाइक कर जुड़े रहें देवास की रोचक खबरों के लिए https://www.facebook.com/groups/2529037984039759/permalink/2815081288768759/ देवास । शंकरगढ़ पहाड़ी पर भगवान शंकरजी की प्रतिमा लगाने के लिए शहरभर में सोशल मिडिया पर आवाज बुलंद होती जा रही है। इसी कड़ी में अब कई जन सामने भी आ रहे हैं। आज संस्था सिध्दि विनायक भक्त मंडल ने भी इस दिशा में अपनी आवाज को प्रेस वार्ता के माध्यम से सामने रखा। संस्था के प्रदीप चौधरी ने उक्त विषय में प्रेस वार्ता आयोजित कर अपनी बात सबके सामने रखी। उन्होने कहा कि शंकरगढ़ पहाड़ी का प्राचीन इतिहास है। प्रशासन यहाँ उक्त तपोभूमि शंकरगढ़ की पहाड़ी को पर्यटन के तौर पर विकसित कर रहा है। साथ ही तपोभूमि को धार्मिक पर्यटन क्षेत्र के तौर पर विकसित किया जाना

पीपलरावां- मां अंबे की ज्योत का हुआ विसर्जन .....

Image
साजिद पठान की रिपोर्ट पीपलरावां । ग्राम जोलाय में पांच दिवसीय गरबा उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिदिन ग्रामीणों ने मां अंबे की जोत का पूजन अर्चन किया गया । साथ ही रात्रि को भजन भी गाए गए।  अंतिम दिन सोमवार को मां अंबे की जोत रूपी गरबे का भव्य जुलूस निकाला गया। ग्रामीणों ने गरबे का पूजन अर्चन किया गया । नृत्य गीत गाते हुए गरबे का विसर्जन किया गया । यह जानकारी कवि सुरेंद्र कुमार जोशी ने दी ।

माँ आशु महारानी के स्थापना दिवस पर भण्डारा एवं भजन संध्या का आयोजन सम्पन्न

Image
देवास। माँ आशु महारानी के 5वें स्थापना दिवस के अवसर पर भण्डारा प्रसादी एवं भजन संध्या का आयोजन 18 दिसंबर को किया गया। मोनू कुशवाह ने बताया कि कुसुम कुशवाह एवं समस्त कुशवाह परिवार द्वारा रेल्वे क्रासिंग पार स्थित राजाराम नगर गणेश मंदिर के पास माँ आशु महारानी के स्थापना दिवस एवं स्व. सत्यनारायण कुशवाह की स्मृति में भण्डारा प्रसादी का आयोजन सम्पन्न हुआ। दोपहर 2 बजे भण्डारा प्रारंभ हुआ जो देर शाम तक चलता रहा, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसादी गृहण की। तत्पश्चात शाम 7 बजे सुप्रसिद्ध भजन गायक द्वारका मंत्री के भजनों की प्रस्तुति का सिलसिला शुरू हुआ। 

आध्यात्म- आत्म देव धुंधली और धुंधकारी की कथा, भागवत कथा से धुंधकारी को मोक्ष प्राप्त हुआ !

Image
भागवत कथा से धुंधकारी को मोक्ष प्राप्त हुआ- पं. महेश गुरू

मुखर्जी नगर में श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ आज से

देवास। श्रीमद् भागवत कथा प्रेम यमुना महोत्सव का संगीतमय शुभारंभ 8 दिसंबर से होगा। गोपाल ठाकुर ने बताया कि जितेन्द्र शर्मा एवं श्रीमती शीला शर्मा द्वारा स्व. कैलाशचंद्र शर्मा एवं चंद्रकांताबाई शर्मा की पुण्य स्मृति के उपलक्ष्य में मुखर्जी नगर स्थित श्री खाटूश्याम मंदिर प्रांगण में 8 से 14 दिसंबर तक आयोजित होने वाली श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ प्रात: 11 बजे कलश यात्रा के साथ होगा। व्यासपीठ पर उज्जैन के भागवताचार्य संत श्री महेश गुरु कथा का रसपान करेंगे। कथा प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 4 बजे तक होगी। समस्त श्रद्धालु भक्तों से अधिक से अधिक कथा श्रवण कर धर्म लाभ लेने की अपील की है।

जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी का संक्षिप्त परिचय

Image
उत्तर प्रदेश के खुर्जा जिले के सावितगढ़ गाँव के एक धर्मपरायण ब्राह्मण परिवार में कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर २४ नबम्बर १९५० को स्वामी जी का जन्म हुआ | स्वामी जी धर्मपरायण  पिता श्री महावीर प्रसाद और ममतामयी माता श्रीमती रुक्मिणी देवी की दूसरी पुत्र संतान हैं | विज्ञान में स्नातक स्वामी जी का मन आरम्भ से ही ईश्वर भक्ति में रमा था | १९६९ में घर त्याग कर आप सघन साधना में लग गए|  स्वामी जी के ब्रहमचारी जीवन के विद्या गुरु ब्रह्मलीन स्वामी प्रकाशानन्द जी थे | जिन्होंने उन्हें गढ़ा | वेदांत, पाणिनि व्याकरण,योग सूत्र,ब्रह्मसूत्र , आदि का अध्ययन काशी में हुआ|  स्वामी जी के सन्यास गुरु विश्व प्रसिद्द प्रात:स्मरणीय ,परम पूज्य निवर्तमान जगद्गुरु शंकराचार्य श्री स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी थे |  ३ दिसंबर १९९८ को भगवान श्री दत्तात्रेय की जयंती के अवसर पर स्वामी जी को श्री जूनापीठाधीश्वर के पद पर अभिषिक्त किया गया |  स्वामी जी के निर्देशन में प्रभुप्रेमी संघ चैरिटेबल ट्रस्ट का सञ्चालन हो रहा है | जिसके माध्यम से समाज में सेवा, स्वाध्याय, सत्संग, संयम, साधना और स्वात्मोत्थान के कार्य किये जाते है

महिलाओ का अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला करवा चौथ का उपवास

Image
रायसिंह मालवीय /सीहोर 7828750941,9399715340          भारतीय संस्कृति में उपवासों का बड़ा महत्व है । भारत में भारतीय संस्कृति को बनाए रखने में महिलाओं का बहुत ही योगदान रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भारत की धरती पर सती सावित्री  जैसी नारी भी जन्मी है जो अपने पति के लिए यमराज से भी टक्कर लेकर अपने पति के प्राण वापिस ला  चुकी है। आगे की कड़ी में बात करे तो महिलाओं द्वारा किया जाने वाला निर्जला उपवास जिसमें पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य  के लिए  महिलाएं करवा चौथ का निर्जला उपवास करती है। रात को जब चांद निकलता है, तब महिला सोलह श्रृंगार कर चांद की पूजा करती है। छलनी में से चांद को देखकर अपने पति का मुंह देखती है और कामना करती है कि मेरे पति की उम्र भी चांद की तरह अखंड रहे ,और पति के हाथों से पानी पीकर उपवास खोलती है। महिला इतना कठिन उपवास अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती है। करवा चौथ उपवास के कारण बाजार में भी काफी रोनक दिख रही है। पति भी अपनी पत्नी को आज सोने चांदी के उपहार , साड़ी और अन्य भेट करते है। वाकई भारतीय नारी महान है।

लकुमड़ी : गाँवो में आस्था का केंद्र बन रहा शनि बाबा का मंदिर

Image
देवास जिले के छोर पर बसा एक गांव जो आजकल भगवान शनि महाराज के चमत्कारों से प्रसिध्द हो रहा है। हम आपको करवाते हैं प्रचलित हो रहे शनि मंदीर के दर्शन लेकिन इसके पहले हमारे चैनल को सब्स्क्राइब कर बेल आइकान जरुर दबा दें ।  मुख्यालय से लगभग 70 किमी दूर एक छोर पर शनि बाबा का एक मंदीर आसपास के क्षेत्रों में आस्था का केन्द्र बना हुआ है। यहां आसपास के जिले के लोग भी दर्शन करने प्रत्येक शनिवार आते हैं। ग्रामवासियों के अनुसार यहां शनि भगवान का लगभग 70 वर्ष पुराना मंदीर है। लेकिन पिछले दो वर्षों में यहां आस्था का माहौल ऐसा हो गया है कि कोई श्रध्दालु अपनी अर्जी लगाने से खुद को रोक ही नही पा रहे है। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार यहां शनि भगवान के 7 वृक्ष हैं जो काफी समय से एक से ही हैं। इनमें परिवर्तन देखें कई समय बीत चुका है।  ग्रामीणों के अनुसार यहां कई लोगों की मनोकामनाएं पूरी हुई है। करते हैं दर्शन ..... Please Subscribe Our News Channel .....  https://www.youtube.com/channel/UC6WAT3GzYnZNzCe1algPiMA?  

श्री खाटू श्याम मन्दिर में इस वर्ष नहीं मनेगा श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

Image
  देवास। अमृत नगर स्थित खाटू श्याम धाम मन्दिर में इस वर्ष  कृष्ण जन्मोत्सव नहीं मनाया जाएगा। मन्दिर संस्थापक श्याम शर्मा, प्रेम अग्रवाल व ओम प्रकाश बंसल ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना को ध्यान में रखते हुवे व प्रशासन की अनुमति न होने की वजह से जन्मोत्सव न मनाने का निर्णय लिया गया है।  मन्दिर के पट खुले रहेंगे। लेकिन श्याम प्रेमियों को बाबा श्याम के दर्शन मन्दिर के गेट से बाहर से ही करने होंगे। श्याम शर्मा ने सभी भक्तो से निवेदन किया है जन्माष्टमी पर मन्दिर न आकर अपने घर पर ही श्याम प्रभु का मनमोहक श्रृंगार कर, अपने आराध्य देव श्याम बाबा का जन्मोत्सव मनाए। भीड़ से बचे व शोशल डिस्टेंस के साथ मास्क पहनने का अवश्य ध्यान रखे।

महाकाल मंदिर में मध्य प्रदेश के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित

Image
कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन ने जारी किये आदेश  प्रियंक, उज्जैन । मध्यप्रदेश और उज्जैन जिले में कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिस को ध्यान में रखते हुए सोमवार से महाकाल मंदिर में मध्य प्रदेश के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। वही शहर में रविवार को टोटल लॉकडाउन की घोषणा की गई है। इस दौरान शहर के आम श्रद्धालु भी महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन नहीं कर सकेंगे। जिला प्रशासन द्वारा शनिवार को एक आदेश जारी किया गया। जिसमें श्री महाकालेश्वर मंदिर में मध्य प्रदेश के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंध कर दिया गया। यह आदेश सोमवार से प्रभाव शील माना जाएगा। जबकि रविवार को उज्जैन जिले में टोटल लॉकडाउन की घोषणा के अनुसार आम श्रद्धालु महाकाल मंदिर में भी दर्शन के लिए नहीं जा सकेंगे। हालांकि उक्त आदेश पंडे पुजारियों के लिए नहीं दिया है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सहित उज्जैन में पिछले 1 सप्ताह से कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जिस को ध्यान में रखते हुए जिला

वेदोक्त ध्यान व साधना का प्रसिद्ध स्थान तपोवन आश्रम-

Image
‘वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून का आगामी ग्रीष्मोत्सव स्थगित वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून आर्यसमाज के प्रसिद्ध विद्वान संन्यासी महात्मा आनन्द स्वामी जी की प्रेरणा से अमृतसर के बावा गुरमुख सिंह जी द्वारा स्थापित यज्ञ, योग, साधना तथा वेदप्रचार का वैदिक धर्म का एक प्रमुख केन्द्र है। यहां वर्ष में दो बार वार्षिकोत्सव के रूप में ग्रीष्मोत्सव तथा शरदुत्सवों का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष आश्रम का पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव 13 मई से 17 मई, 2020 तक आयोजित करने का निश्चय किया गया था। देश में कोरोना महामारी का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। इसके अनेक कारण हैं। कुछ लोगों के अन्धविश्वासों व मिथ्या धारणाओं के कारण इस रोग का अधिक प्रसार हुआ है जिससे देश के सभी लोगों को कष्ट पहुंचा है। हमारी व्यवस्था में रोग फैलाने वाली मानसिकता के लोगों का उपचार करने का कोई उपाय दिखाई नहीं देता। सारा देश लाकडाउन है। आशा थी कि यह लाकडाउन आगामी 14 अप्रैल, 2020 तक जारी रहेगा और उसके बाद स्थिति सामान्य हो जायेगी परन्तु दिल्ली में निजामुद्दीन स्थित मरकज के लोगों ने सारे देश की आशाओं पर पानी फेर दिया। यह लोग आज भी अपनी गलत

"अष्टम देवी माँ महागौरी की वंदना"

Image
वर देती अभय देती डमरू और त्रिशूल धारण किए चारभुजाओं वाली देवी हैं , श्वेत वसन और आभूषण भी श्वेत हैं माँ के  तभी श्वेताम्बरधरा कहलाने वाली देवी हैं , बृषभ है आसन माँ का शंख चक्र कुन्दपुष्प सम गौर वर्ण असीम कांति वाली देवी हैं , गङ्गा के स्पर्श से दमका था रूप महागौरी का अष्टम स्वरूप कहलाने वाली देवी हैं।। आरती अक्षय गोस्वामी देवास मध्यप्रदेश 

"सप्तम देवी माँ कालरात्रि की वंदना"

Image
  शुभ फल देने वाली माता शुभंकरी शुभदा रूप मातु का अति विकराल है , दैत्य असुरों का संहार करने वाली दानवी शक्तियों की बनी माता काल है , चतुर्भुजी माता के बिखरे हैं केश रूप वीभत्स कण्ठ चमके विद्युतमाल है , सप्तम रूप शक्ति का माता कालरात्रि तीन नेत्रधारी देवी प्रतीत होती महाकाल है ।। -आरती अक्षय गोस्वामी देवास मध्यप्रदेश 

ईश्वर सुयोग्य व पात्र भक्त व उपासकों की प्रार्थना स्वीकार करता है 

Image
मनुष्य अपने पूर्वजन्म के कर्मों वा प्रारब्ध के अनुसार इस सृष्टि में जन्म लेता है। उसने जो कर्म किये होते हैं उनका सुख व दुःख रुपी फल उसे अवश्य ही भोगना होता है। जाने व अनजानें में मनुष्य जो कर्म करता है उसका कर्म के अनुसार परमात्मा की व्यवस्था से फल अवश्य मिलता है। मनुष्य को सुख व दुःख मिलने का एक अन्य कारण आधिदैविक, आधिभौतिक तथा आध्यात्मिक सुख व दुःख भी होते हैं। मनुष्य सुख की कामना तो करता है। दुःखों, रोगों व प्रतिकूल परिस्थितियों से सभी लोग बचना चाहते हैं। इसका प्रथम उपाय तो यही होता है कि हम सब सद्ज्ञान अर्थात् ईश्वर, आत्मा व सृष्टि विषयक ज्ञान प्राप्त करें और उस ज्ञान के अनुसार उन कर्मों का सेवन करें जिनका परिणाम दुःख न हो। हमें ऐसे कर्म करने चाहियें जिनके करने से दुःख होने की सम्भावना न हो। हम ऐसे कर्मों को करें जिनसे हमें सुखों की प्राप्ति हो। प्रायः अधिकांश लोग ऐसा ही करते हैं। इसके साथ ही मनुष्य अज्ञानतावश राम व द्वेष में फंस कर दूसरों से द्वेष करता है। उसमें लोभ की प्रवृत्ति भी होती है। इन लोभ व द्वेष के वशीभूत होकर कर्म करने से उसे कई बार दुःख प्राप्त होता है। लोभ में मनुष्य

"षष्टम देवी माँ कात्यायनी की वंदना"

Image
  अमोघ फलदायिनी पुत्री हैं कात्यायन की दुख शोक विनाशिनी हैं मात पराम्बा , सिंह की सवारी करतीं चार हैं भुजाएँ मातु की स्वर्ण सी दमकती हैं मात पराम्बा , संताप भय रोग शोक दूर करती जन्मों के पाप से भी तारती हैं मात पराम्बा , धर्म अर्थ काम मोक्ष के फल देतीं षष्ठम स्वरुपिणी कात्यायनी हैं मात पराम्बा ।। आरती अक्षय गोस्वामी देवास मध्यप्रदेश 

"पंचम देवी माँ स्कंदमाता की वंदना"

Image
चेतना निर्माण करतीं भक्ति देती ज्ञान देती शक्ति का वरदान देतीं हैं स्कंदमाता , अधिष्ठात्री देवी हैं सूर्यमण्डल की , कांति तेज का अभयदान देतीं हैं स्कंदमाता , शुभ्र वर्ण और कमल है आसन माँ का इसलिए पद्मासना कही जाती स्कंदमाता , स्कंददेव पुत्र इनके पंचम माता कहाती  जगतजननी जगपालिका स्कंदमाता ।। - आरती अक्षय गोस्वामी देवास 

"चतुर्थ देवी माँ कुष्मांडा की वंदना"

सिंह की सवारी करतीं अष्ट हैं भुजाएँ जिनकी मुस्कान मधुरिम माता आदिशक्ति की , हर रोग और शोकों का समूल नाश कर देती निर्मल भक्ति माता आदिशक्ति की , दसों दिशाएं और दिनकर भी आलोक पाते जिससे वह शक्ति है माता आदिशक्ति की , चौथी देवी कहलाती माता कुष्मांडा हैं महिमा अपार जग में माता आदिशक्ति की ।।  - आरती अक्षय गोस्वामी देवास मध्यप्रदेश