देश में टेलेंट की उम्र कम होती जा रही है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि पूर्व वर्षों में टेलेंट पहचानने और अपना रास्ता बनाने के लिए सोचने की उम्र काफी बड़ी मानी जाती थी। बच्चों के परिपक्व होने की उम्र में गिरावट देखी जा रही है। अब 6 वर्ष के बालक विराज को ही ले लीजिए। कला ही पहचान तो वैसे उनके पिताजी ने की है लेकिन कैप्टन अमेरिका के घर जाने का सपना विराज का स्वयं का है। लेकिन कैप्तन अमेरिका में दिलचस्पी रखने के साथ विराज ने अपना सपना भी उनके घर जाने का बना लिया। यह बात विराज के पिताजी राजेश चक्रवर्ती, जो एक शासकीय शिक्षक एवं कवि हैं, ने साझा की । मौका था उनके बेटे विराज चक्रवर्ती के जन्मदिवस का। चक्रवर्ती परिवार और मित्रो ने पूरे हर्षोल्लास के साथ विराज का जन्मदिन मनाया। मौसी शिवानी सिंह ने विराज को मंगल तिलक लगाया, मालाएं पहनाई, केक काटा और पटाखे फोड़े गये। दक्ष चौहान, तम्मना परमार, रियांश, प्रतीक,निधी, परी,सहित पूरी टोली उपस्थित रही।सभी ने सप्रेम भोजन किया। राजेश चक्रवर्ती ने विराज की उपलब्धियों के बारे में सबकों बताया विराज को बॉक्सिंग, पेंटिंग, फैशन, मॉडलिंग आदि का शौक है। इस अवसर