पुलिस हुई ठगी का शिकार ! ASI ने ASP के नाम पर पेट्रोल पंप से डलवाये 50-50 हजार ... ?

  • क्या एडिशनल एसपी के नाम पर एएसआई हुए ठगी के शिकार.....?
  • पुलिस का कहना : नहीं हुई कोई ठगी, पैसा हस्तांरित नहीं हुआ 



भारत सागर न्यूज, देवास। अब तक यही सुनने में आया है कि आम आदमी साइबर क्राइम का शिकार हुआ है, अभी तक ऐसा कोई प्रकरण सामने नहीं आया कि कोई पुलिस कर्मी या अधिकारी साइबर क्राइम का शिकार हुआ हो। लेकिन अब पहली बार ऐसा सामने आया है जहां जिलेे के पीपलरांवा थाने पर पदस्थ एएसआई ठगी का शिकार हुए हैं। बताया गया है कि एएसआई को उनके मोबाइल पर एक फोन आया जिसमें सामने वाले खुद को एडिशनल एसपी बताया और कहा कि तीन पेट्रोल पंप से मेरे खाते में 50-50 हजार रूपए डलवा दो, मैं बाद में राशि भिजवा दूंगा। बताया गया है कि एएसआई ने बगैर कुछ सोचे समझे क्षेत्र के दो पेट्रोल पंप पर जाकर नगद राशि बताए गए बैंक खाते में हस्तांतरित करवा दी थी। जब मामला एडिशनल एसपी के संज्ञान में आया तो उन्होनें बड़ा आश्चर्य जताते हुए कहा कि कानून के जानकार एएसआई ने ऐसी हरकत कैसे कर दी यह समझ से परे है। वहीं इस बात का खुलासा तब हुआ जब एडिशनल एसपी ने एएसआई को निलंबित करने की बात कही थी। हांलाकि आज सुबह इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारी ने बताया कि साइबर क्राइम होने से बच गया किसी भी पंप से पैसा हस्तांतरित नहीं हुआ है। फिलहाल कहा जाए तो साइबर क्राइम करने वाले अज्ञात आरोपियों के हौंसले इतने बुलंद है कि उन्होनें एक पुलिस एएसआई के साथ भले ही जालसाजी ना की हो किंतु एडिशनल एसपी के नाम से फर्जी फोन लगाकर जालसाजी का कांड करने की जो हिम्मत जुटाई है वह पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। 



जिले के सोनकच्छ तहसील के ग्राम पीपलरांवा थाने में पदस्थ एएसआई खान के पास कल दोपहर में एक फोन आया और सामने वाले ने खुद को एडिशनल एसपी मंजीत सिंह चावला बताते हुए कहा कि तीन पेट्रोल पंप पर जाकर मेरे खाते में 50-50 हजार रूपए डलवा दो। सूत्रों के द्वारा बताया गया है कि एएसआई खाने ने दो पेट्रोल पंप संचालक से आए फोन के मुताबिक रूपए डलवा दिए थे। वहीं इस बात का खुलासा तब हुआ जब एडिशल एसपी के पास मामला संज्ञान में आया था, तब उन्होनें एएसआई को निलंबित करने की बात कही थी। वहीं इस मामले में आज सुबह जब पुलिस अधिकारी से चर्चा की गई तो उन्होनें इस बात से साफ इंकार कर दिया कि पैसा हस्तांतरित नहीं हुआ है। वैसे अब तक आम आदमी ठगी का शिकार हुआ है पहला ऐसा मामला सामने आया है जहां पुलिस विभाग में पदस्थ एएसआई ठगी का शिकार हुए हैं। कहा जाए तो साइबर क्राइम करने वाले अज्ञात आरोपियों के हौंसले इतने बुलंद है कि उन्होनें एक पुलिस एएसआई के साथ भले ही जालसाजी ना की हो किंतु एडिशनल एसपी के नाम से फर्जी फोन लगाकर जालसाजी का कांड करने की जो हिम्मत जुटाई है वह पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। अब सवाल उठता है कि पुलिस विभाग साइबर क्राइम करने वाले आरोपी को तलाश कर अपराध दर्ज करेगी या पुलिस के साथ हुए अपराध को छुपाने का प्रयास किया जाएगा। 

फोन लगाकर जिस अज्ञात आरोपी ने धोखाधड़ी करने का प्रयास किया था, वह पैसा हस्तांतरित नहीं हुआ है। फिलहाल आरोपी को तलाशने के लिए टीम जुट गई है। 

- डीएसपी किरण शर्मा

मामला हमारे संज्ञान में आते ही भुगतान होल्ड पर कर दिया था। जिस एएसआई के पास फोन आया था वे बहुत पुराने है किंतु अधिकारी का फोन समझकर गलती कर बैठे थे। हांलाकि पैसा किसी भी खाते में नहीं गया है, हम उस आदमी की तलाश कर रहे हैं जिसने इस प्रकार का फर्जीवाड़ा किया है।

- अमित सिंह जादौन थाना प्रभारी पीपलरांवा

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