आर्मी का अनावरण
जजबा-ए-जल्वा हौसला है बुलंद
भारत माँ के सच्चे सिपाही है हम
दुश्मन को देंगे मात लात दनादन
खाते है मैथी ओषधी भाजी संग
अणु घड़ी धड़कन क्षण भर हुई बंद
स्वॉसो की पूंजी दुश्मन की खतम
भूख मंडल छाए रहेंगे काले बादल
चमगादड़ो के दिन भी होंगे मुश्किल
फटे कपड़े रोटी के टूकड़े टटोले निर्धन
भूखी आबादी की रोजी रोटी भी खतम
फोकट फंड राशन खाया हमेषा सलंग
तना-तनी आतंक से जीवन गया थम
हज्जारो कली गुलाब फूलो के रंगे
शहीदो को तिरंगा लिपटके करे सेलूट
कलकी काले कपड़ो में दुश्मन का ले खून
सोये शहर भारत में चमकेगा गगन चाँद
प्रत्येक परोक्ष पाक का है जल्द पतन
तरक्की के तार तोड़े तबाही वतन
दुर्गंध दबंग से हुई लज्जा भंग
बिना सिर पेर आर्मी अनावरण
- रामसिंह राजपूत
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