अट्ठासा कुठारा घात.......
ऋतु रात्रि रतिकर कामदेव कन्या कोख भरे
प्रथ्वी, अग्रि, आकाश, जल, वायु पंचतत्व मिले।
माता-पिता पल्लवित पोषित दायित्व से परवरीश करे
सर्वस्त्र राष्ट्र नो दिन नो रात्रि कन्या पूजन समर्पण करे।।
डाक्टर कम्प्यूटर सोनोग्राफी कर कोख में खंजर भरे
कन्या कोख में कोमल अंग रो रोकर चीखे पुकारे।
कोख से नोचके कौवे चोंच काँटे कचरे फेक मारे
हाय हत्या बचाओ माता तड़प-तड़प के विनती करे।।
बालिका बची भ्रण हत्या से दो चार साल से रेप करे
छेड़छाड़ छोरी से करके मनचले छोरे गेंग रेप करे।
गुंडे लोग घर घुसके विवाहिता पति सम्मुख भोग करे
पशुवत प्रवृत्ति असूरी होके दुष्टि घणित दुष्कर्म करे।।
पापी दुष्टि मरण पश्चात भी मगरमच्छ आंसू श्राद करे
गीता रामायण भागवत पढ़के पूजा पाठ कर्मकाण्ड करे।
क्रांतिकारी समाज सेवी पशुपतिनाथ नाम भी धारे
कल्याण नारी कन्य वात्सल्य बाल विकास योजना बने।।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ शासन सिमटाव को बनावे
सरस्वती पार्वती के प्रेम प्रसंग मातृत्व को बदनाम करावे
शिक्षित रेपित समृद्ध पुत्र को लक्ष्मी दहेजी वधु दिलावे
पुलिस प्रशासन गरीब संग अऋासा कुठारा घात करे।
- रामसिंह राजपूत
9977066249
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