चले संस्कृति की ओर, हो गुणगान वेदों का
विनोद पटेल, मूंदी
भारत सागर न्यूज़
आज के समय को देखते हुए बच्चों व युवा अपने ही संस्कृति से दूर होते जा रहे है आज के समय को देखते हुए युवा नशे का आधि होते जा रहा है एक युवा पीढ़ी राजनीति में कदम रख कर अपनी मूल रूप शिक्षा ग्रहण नही कर रहा है एक और देखा जाए युवा देश का आधार है और अगर देश का आधार ही नशे का आदि होगा तो देश को आगे बढ़ाने के लिए युवा कैसे मिलेगा एक ओर युवा मूल संस्कृति को छोड़कर फैशन की दुनिया मे चले जा रहा है युवा पीढ़ी में अधिक देखे जाने वाला युवा को अधिक जोश आना बिना सोचे समझे गुस्सा करना इसी के चलते युवा को अपनी संस्कृति की ओर आकर्षित होना चाहिए युवा अपने जीवन मे आने वाली हर समस्या को हल करने के लिए उससे अपने वेदो की ओर लौटना होगा जब वो अपने वेद ,शास्त्र पड़ेगा तो उसकी सोचने की ताकत बढ़ेगी जिससे वो आने वाली पीढ़ी को सच्चे ज्ञान को बता सके ऐसे होने से एक फिर से कलयुग में सतयुग की अनुभूति होने लगेगी जहाँ पर एक धर्म की बाते सुनाई देगी युवा को जातिवाद से दूर होना होगा जिस जातिवाद के कारण कई गरीब वर्ग के युवा अपनी प्रतिभा को सामने नही ला पाते है युवा मददगार हो वो हर वर्ग के युवा को साथ लेकर चले जिससे देश को अखंड एकता प्रदान हो
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