किसान आक्रोश आंदोलन: नगर निगम के सामने मैदान में होगी सभा, कलेक्टर कार्यालय तक निकलेगी रैली

किसान कर्जमाफी, बिजली बिलों में बढ़ोतरी व फसलों का मुआवजा न मिलने पर होगा आंदोलन
- 4 नवंबर को होगा आंदोलन, बिजली बिलों की जलाएंगे होली



देवास। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश व्यापी आह्वान के तहत 4 नवंबर को दोपहर 12 बजे देवास जिला मुख्यालय पर किसान आक्रोश आंदोलन किया जाएगा। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा चुनाव में किए वादे अनुसार अब तक किसानों की दो लाख रुपए तक की कर्जमाफी न करने, अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को फसलों का मुआवजा न देने तथा किसानों व आम जनता को भारी भरकम बिजली बिल थमाए जाने के विरोध में नगर निगम के सामने स्थित मैदान पर सभा होगी और सभा के बाद कलेक्टोरेट तक रैली निकाली जाएगी। कलेक्टोरेट के बाहर बिजली बिलों की होली जलाई जाएगी। इस संबंध में शुक्रवार को जीतमल गार्डन में हुई बैठक में रूपरेखा तैयार की गई।
भाजपा जिला प्रवक्ता शंभू अग्रवाल ने बताया 4 नवंबर को जिला मुख्यालय पर आयोजित किसान आक्रोश आंदोलन को लेकर शुक्रवार को जिला बैठक हुई। बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई। आंदोलन का नेतृत्व पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा और सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष नंदकिशोर पाटीदार करेंगे। साथ ही जिला प्रभारी वीरेंद्र कावड़िया, समस्त भाजपा विधायक भी आंदोलन में उपस्थित रहेंगे। कार्यकर्ता व पदाधिकारी दोपहर 12 बजे एबी रोड पर नगर निगम के सामने मैदान में एकत्रित होंगे, जहां सभा होगी। सभा के बाद सभी कार्यकर्ता रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर भारी भरकम बिजली बिलों की होली जलाएंगे। जिलाध्यक्ष पाटीदार ने सभी कार्यकर्ताओं से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है।
कांग्रेस सरकार कर रही किसानों की उपेक्षा
बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष नंदकिशोर पाटीदार बताया जबसे मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई, तभी से प्रदेश के किसानों पर उपेक्षा के बादल मंडराने लगे थे। कांग्रेस ने चुनाव से पहले जो वादे किए थे, वह सभी वादों से मुकर गई है। इतना ही नहीं अतिवृष्टि व बाढ़ की चपेट में आकर अपनी फसलों को पूरी तरह बर्बाद होते देखने के बाद किसान असहाय और ठगा सा महसूस कर रहा है। पूरे 32 जिलों में बाढ़ की विभीषिका ने फसलों को चैपट कर दिया, लेकिन सरकार ने मुआवजा देना तो छोड़िए, ठीक से सर्वे कराना भी आवश्यक नहीं समझा।
कर्जमाफी धोखा, सरकार असंवेदनशील
बैठक में सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी ने कहा कि कर्ज माफी के धोखे से जूझ रहे किसानों के लिए बाढ़ का कहर दुःखों के पहाड़ जैसा साबित हुआ। परन्तु असंवेदनशील सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगी। उल्टे किसानों को अनाप-शनाप बिजली के बिल थमा दिए गए हैं। यह अनाप-शनाप बिल उसी कांग्रेस की सरकार ने थमाये हैं, जिसने चुनाव के पहले बिजली के बिल हाफ करने का वादा किया था। पूरा मध्यप्रदेश जानता है कि भारतीय जनता पार्टी के शासन में किसानों का कल्याण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता था। आज भी केंद्र की सरकार किसानों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं लेकर आई है, जिनका क्रियान्वयन मध्यप्रदेश में राजनीतिक विद्वेष के कारण नहीं हो पा रहा है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि हम किसानों की समस्याओं को लेकर इस सरकार को चैन से नहीं बैठने देंगे।
वचन से फिर गई कांग्रेस सरकार
बैठक में जिला प्रभारी वीरेंद्र कावड़िया ने कहा कि चुनाव के पहले कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में मध्यप्रदेश के सभी किसानों का दो लाख रूपए तक का कर्ज माफ करने का वचन दिया था, लेकिन अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के वचन पर भी कांग्रेस सरकार खरी नहीं उतरी और उसने 10 महीने तक किसी भी किसान का दो लाख का कर्ज माफ नहीं किया। मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसी निकम्मी, नकारा और अमानवीय सरकार कभी नहीं देखी गयी, जैसी आज है। भारतीय जनता पार्टी ने बाढ़ पीड़ित किसानों के लिए 40 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग की है, जिसे सरकार को देना पड़ेगा।
बिल हाफ करने का वादा था, बिजली साफ हो गयी।


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