किसान को उसकी मेहनत मिल पाती है क्या वो जितनी लागत खेत मे लगता है उससे ज्यादा मुनाफा ले पाता है 


देश का हर वर्ग ऊपर है हर कार्य मे ऊपर है पर देश का आधार तो किसान है जो दिन रात खेती करके अनाज उगता है कड़ी धूप में मेहनत करता है सर्दी में खेतो में पानी देता है पूरी मेहनत करके अनाज को उगता है फिर उससे बाजार ले जाकर बेचता है जब वो अनाज को खरीदता है तो एक मूल्य पर मिलता है पर जब वो बेचने जाता है तो उसके अनाज का भाव लगया जाता है जब किसान उस अनाज को बड़ी मेहनत से उगता है तो उसे उसका सही मूल्य क्यों नही मिल पाता क्या उसके अनाज में परिवर्तन होता है किसान जब अपनी खेती में लगाई लगता का हिसाब करता है तो हमेशा की तरह शून्य प्रतिशत मिलता है और कभी कभी कुछ सालों में उसके जेब से पैसा लग जाता है जब सभी दूर से थक जाता है तो उसके पास ओर कोई रास्ता नही होने के कारण वो आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाता है किसान अपने परिवार का पालन करने कर्ज लेता वो ये सोच कर कर्ज लेता इस बार की फसल अच्छी होगी जिससे उसका सारा कर्ज दूर होगा फसल अच्छी हुई पर उससे बाजार में फसल का अच्छा भाव नही मिला किसान करे तो क्या करे किसान जब अनाज ऊगा कर दुनिया के सभी हिस्सों में अनाज पहुँचता है तो उसके अनाज का सही मूल्य क्यों नही किसान जब देश का आधार है जो सब के पेट का पालनहार है तो उसे अपने अनाज का पूरा मूल्य क्यों नही किसान इस देश का जवान है उस जवान की कोई समस्या दूर नही होगी तो देश कैसे आगे बढ़ेगा।

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