पंडित जी के पिताजी उस समय थे ज्वेलर इसिलिए उनका नाम पड़ा ‘‘ जवाहरलाल’’ - शहर कांग्रेस अध्यक्ष !


- राहुल परमार , देवास


 



बचपन से हमें पढ़ाया गया कि बाल दिवस भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है । नेहरुजी को बच्चे अतिप्रिय थे इसिलिए उनके जन्मदिवस को बालदिवस के रुप में मनाया जाता है। बच्चे उन्हें चाचा नेहरु कहकर बुलाते थे। वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। लेकिन उनके पिताजी के बारे में हमें इतना बताया गया था कि वे एक धनी बैरिस्टर थे और काफी अमीर घराने से संबंध रखते थे। कभी हमें ऐसा नही बताया गया कि प्रथम प्रधानमंत्री जी के पिताजी हीरे, जवाहरात के व्यापारी थे इसिलिए उनका नाम जवाहर पड़ा । सम्मानीय प्रधानमंत्री जी के नाम संबोधन पर ''भारत सागर'' को कोई आपत्ति नही लेकिन उक्त इतिहास हमें सोशल मिडिया पर उपलब्ध एक विडियो से प्राप्त हुआ जिसमें बाल दिवस के दिन एक समारोह में देवास के शहर कांग्रेस के अध्यक्ष मनोज राजानी ने इन शब्दों का प्रयोग किया जिसमें उन्होंने कहा कि पंडित नेहरु जी के पिताजी ज्वेलरी का व्यवसाय करते थे। हीरे, जवाहरात का व्यवसाय होता था । संभवतः आशय था कि जवाहरात से जवाहर नाम प्रचलित हुआ। उनकी गिनती अरबपतियों में होती थी। उनकी उस समय देश के प्रति समर्पण की भावना थी। भाषणों में इतिहास के पहलुओं का बोध तो कई लोग करते आये हैं लेकिन आज हमें इतिहास के बारे में कुछ अनोखा सुनने को मिला । इस विषय में हमारे द्वारा विभिन्न माध्यमों पर पर श्री जवाहरलाल नेहरु के पिताजी श्री मोतीलाल नेहरु के जीवन से जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाही लेकिन उनमें कहीं भी उनके पिताजी का ज्वेलर होना नही बताया गया। अब सवाल यह है कि आदरणीय ने कौन से इतिहास की किताब से यह जानकारी दी? हो सकता है कि उन्हें उनके जीवन की कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हो लेकिन हमउ क्त जानकारियां प्राप्त करने में असमर्थ रहे हों अथवा उक्त जानकारियां ग्रहण अथवा प्राप्त न कर सके हों। संभवत : राजानी जी सही हो लेकिन यदि उक्त जानकारी भ्रमित हैं तो उपस्थित लोगों को इस प्रकार की अधुरी जानकारी देकर कौन से नेता का दायित्व निभाया जा रहा था? 
बहरहाल पाठकों से निवेदन है कि सोशल मिडिया पर निम्न विडियों अवश्य देखें जिसमें पंडित जी के पिताजी के जीवन से जुड़े कुछ तथ्य बतायें गए हैं और ऊपर सर्वप्रथम राजानी जी का वह विडियों जिसमें वे उक्त संबोधन कर रहे हैं -



उक्त विडियों हमें सोशल मिडिया के माध्यम से प्राप्त हुए हैं इसिलिए उक्त आर्टिकल लिखा गया है तथा जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा देश के इतिहास से जुड़े स्वतंत्रता सेनानियों के बारें में टिप्पणी का उल्लेख होने से सही - गलत जानकारी देने का कोई ईरादा नही । किसी भी व्यक्ति को सही गलत ठहराने का भी इस पोर्टल का कोई उद्देश्य नही हैं। 


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