पंजाब नेशनल बैंक शाखा विक्रमपुर के मैनेजर की मनमानी के चलते, फ़सल बीमा कराने के लिए दर-दर भटक रहे किसान

अनिल उपाध्याय
खातेगांव/कन्नोद
किसानों की फसल के उनको  वाजिब दाम मिले उनको फसल बीमा करवाने मे किसी प्रकार की परेशानी ना हो  इसके लिए प्रदेश की कमलनाथ सरकार लाख दावा करें लेकिन शासन के नुमाइंदे सरकार की जन हितेषी किसान हितेषी योजना के क्रियान्वयन में किसानों को परेशानी से दो-चार होना पड़ रहा हूं ऐसा ही मामला विक्रमपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा किसानों को परेशान करने में कोई कोर कसर नहीं रखी  जा रही, अऋणी किसानों से बैंक वाले चक्कर लगवाते नजर आ रहे है। और उन्हें बैंककर्मी टालते नजर आ रहे है।


दरअसल देवास जिले की पंजाब नेशल बैंक की शाखा विक्रमपुर में अन्नदाताओं को कभी खसरे-बीवन तो कभी मूल पावती को लेकर परेशान किया जा रहा है, जिसके चलते किसानों की फ़सल का बीमा नही हो पा रहा है। ऐसे में किसान जाए तो कहाँ?? जबकि कलेक्टर के आदेश में कहीं भी नही लिखा है कि किसानों को खसरे या मूल पावती लेकर बैंक में जाना है। 
किसान दिनेश पंवार ने आरोप लगाते हुए बताया कि में भी फसल बीमा के लिए पूरे कागज लेकर पांच बार बैंक के चक्कर लगा चुके हु।, लेकिन फिर भी मैनेजर ने मुझे बैंक से भगा दिया।
              कई किसानों ने बताया कि हमारी पावती गुम हो गई है, मेरे पास उसकी फोटो कॉपी है, जो मेने फार्म के साथ लगाई, साथ ही कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा सत्यापित करने के बाद भी हमे परेशान किया जा रहा है। ओर पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर ने यह कहते हुए मना कर दिया कि हम क्या करे पावती गुम गई तो, फ़ोटो कॉपी से काम नही चलेगा, तुम्हारा फसल बीमा नही होगा, या तो पावती बनवा कर लाओ, या फिर घर जाओ।
                         ऐसे कई ग्राहक है जिनके खाते से आधार नम्बर लिंक नही किये जा रहे है। लखन लाल ने बताया मेरे लड़के के स्कूल के 600 रुपए है जब में निकलने गया तो मुझे मना कर दिया, ओर यह कह दिया कि वो तो तुम्हारे क्रॉप लोन में बराबर हो गए। इस संबंध में किसानों को फसल बुआई का प्रमाण पत्र दे रहे ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से बात की गई  तो उनका भी यही कहना है कि हा वाकई में बैंक का मैनेजर अन्नदाताओं से अभद्रतापूर्ण व्यवहार कर अन्नदाताओं को कागज के नाम पर वापस भगा रहा है, उनका फसल बीमा नही कर रहा है, जब मैने स्वयं जाकर मैनेजर से बात की तो मुझसे भी अभद्रता पूर्वक बात की गई, ओर मुझे भी यहाँ तक कह दिया कि तुम्हे भी नोकरी से निकाल देना चाहिए। इस तरह से बदसलूकी की जा रही है। ओर जब इन सब मामलो में मीडिया ने पंजाब नेशनल बैंक विक्रमपुर के मैनेजर से बात करना चाही तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया और कैमरे के सामने से भागते नजर आए। लेकिन बात सिर्फ यही खत्म नही होती है, 31 दिसम्बर फसल बीमा की आखिरी तारीख है, ओर अगर किसानों का फसल बीमा नही होता है, तो वे किसान फसल बीमा से वंचित रह जाएंगे। ओर आने वाले समय मे अगर फसल पर कोई प्राकृतिक आपदा आ जाती है तो बीमा से छूटे हुए किसानों का क्या होगा। इसको लेकर क्षेत्र के किसानों ने मांग की है कि इस मैनेजर को तुरंत यहाँ से हटाया जाए। अगर ऐसा नही हुआ तो बैंक के सामने ही धरना प्रदर्शन करेंगे।
इधर नीलम सिंह चौहान डिप्टी डायरेक्टर कृषि विभाग देवास का कहना है कि फसल बीमा में खसरे की जरूरत ही नही है,  पंजाब नेशनल बैंक विक्रमपुर के मैनेजर की जानकारी मिली है वह किसानों को खसरे व अन्य कागज को लेकर परेशान कर रहे है। यह बिल्कुल गलत है। इस संबंध में मैने कलेक्टर साहब को अवगत करा दिया है।



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