महिलाओं ने दशा माता का किया पूजन, परिवार की खुशहाली मांगी
देवास। स्टेशन रोड़ गीता भवन के पास स्थित पीपल के वृक्ष की महिलाओं ने बुधवार को दशामाता की पूजा अर्चना की। पूजा के लिए महिलाओं सुबह से ही तांता लगा रहा। कृष्ण पक्ष दशमी के अवसर पर महिलाओं ने दशामाता का व्रत रखा। इस अवसर पर दशामाता की पूजा अर्चना कर कथा सुनी। मंदिर संस्थापक लाखन कुशवाह ने बताया कि मान्यता है कि होली दहन के समय महिलाओं ने सूत की कूकड़ी व हल्दी का गांठें के साथ दिखाकर पूजन किया जाता है तथा दस दिन तक महिलाएं कहानी सुनती है। महिलाओं ने व्रत कर विधिवत रूप से दशामाता का डोरा खोला तथा दशामाता से शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक, आर्थिक संपदा और परिवार में सुख, समृद्धि की कामना की। कुछ महिलाओं ने सुहागिनों को भोजन कराकर दशमाता का उद्यापन किया।
घर की दशा व परिवार की खुशहाली को लेकर महिलाओं ने रखा दशा माता का व्रत
चैत्रकृष्णा दशमी के अवसर पर घर में सुख-शांति व अच्छी दशा की कामना के लिए श्री सिद्धी विनायक गणेश मंदिर राजाराम नगर स्थित पीपल के वृक्ष के नीचे बुधवार को को महिलाओं ने दशामाता का पूजन कर उनकी कथा का श्रवण किया। सवेरे से ही महिलाओं का मंदिर प्रांगण में तांता लगना प्रारंभ हो गया था। मदिर समिति के बाबूलाल पवार ने बताया कि स्थानीय सहित आसपास की महिलाओं ने पीपल पेड़ का श्रद्धा पूर्वक पूजन किया तथा उसकी महाआरती के साथ महिलाओं ने परिक्रमा भी लगाई। महिलाओं ने एकजुट होकर सामूहिक रूप से कहानी श्रवण का लाभ लिया व कई महिलाओं ने दशामाता का उपवास भी रखा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार घर की दशा-दिशा को सूखपूर्वक रखने के साथ परिवार की खुशहाली के लिए महिलाएं ज्यादातर यह व्रत करती है। व्रतधारी महिलाएं हाथों में पूजा का थाल लेकर मंगल गीत गाती हुई मंदिर पहुंची और अपने घर परिवार के लिए खुशहाली की कामना की।
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