शराब दुकानों के बारे में फैला लोकवाद, किनकी होगी दुकानें ठेकेदार या शासन ? जानिये क्या है सच्चाई !


देवास । शहर सहित अंचलों में एक लोकवाद दबे पांव घर कर रहा है। लोकवाद यह है कि शराब के ठेकेदारों का पिछले माह से लॉक डाउन के चलते बहुत नुकसान हुआ है और अब वह अपनी दुकान नही चलायेंगे और उनकी दुकानें शासन के द्वारा चलायी जाएगी। एक जानकारी यह भी थी कि ठेकेदार ने अपनी प्रतिभूति राशि जमा नही की है। इसिलिए उनका ठेका निरस्त होगा और दुकानें शासन चलायेगा। 


हमारे पाठकों को हम इन लोकवाद का संपूर्ण विवरण देंगें। हमनें पिछले दिनों हमारे पाठकों के लिए ‘‘ जनता का सवाल’’ नामक सिरीज प्रारंभ की थी जिसमें जनता के मन में उठ रहे सवालों की गहराई तक जाने  प्रयास हमारे न्यूज नेटवर्क के माध्यम से किया जाएगा और जनता को उनके मन में उठ रहे सवालों का जवाब पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। 
जिले में पसरा यह लोकवाद कि शराब दुकानें प्रशासन चलायेगा यह पूर्णतः भ्रामक है। जिला आबकारी आयुक्त विक्रमदीपसिंह सांगर ने बताया कि शराब ठेकेदार द्वारा बैंक गारंटी जमा नही कराई गई थी। इसिलिए कलेक्टर महोदय ने ठेकेदार कंपनी वाईन वर्ल्ड को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया था। इस हेतु मंगलवार की तारीख ठेकेदार को दी गई थी। यदि मंगलवार तक इनके द्वारा बैंक गारंटी जमा नही कराई जाती तो संभवतः कार्रवाई की संभावना थी। लेकिन ठेकेदार द्वारा सोमवार शाम को ही शत प्रतिशत बैंक गारंटी लगभग 25 करोड़ जमा कर दी गई। उक्त बैंक गारंटी संबंधित दस्तावेज सहित जानकारी कल मंगलवार को कलेक्टर महोदय के समक्ष अवलोकन हेतु प्रस्तुत किये जायेंगे। वहीं लायसेंस फीस जमा न करने की स्थिति में जमा किये जाने वाले पोस्ट डेटेड चेक भी ठेकेदार कंपनी के द्वारा जमा करा दिये गए हैं। यदि ठेकेदार कंपनी उक्त बैंक गारंटी जमा नही कराते तो ठेके निरस्त होने की पूर्ण संभावना थी। गौरतलब है कि दुकानों के खोलने के लिए और अपनी मांगों के लिए पूरे प्रदेश में शराब ठेकेदारों द्वारा माननीय न्यायालय में याचिका भी लगाई गई है। 


बैंक गारंटी की यह होती है शर्तें - 
बैंक गारंटी ठेकेदारों की दुकानों के कुल टेंडर का लगभग 11 प्रतिशत होता है। यह राशि ठेकेदारों को टेंडर मिलने के 7 दिनों में 20 प्रतिशत जमा करना अनिवार्य होता है। शेष गारंटी भी अगले सात दिनों में 20 प्रतिशत तथा बची हुई गारंटी अगले लगभग 45 दिनों के अंदर 60 प्रतिशत जमा अलग अलग नियमो के अनुसार करना होती है। यदि ठेकेदार यह बैंक गारंटी जमा नही करेंगे तो इस स्थिति में  ठेकेदार द्वारा मिला टेंडर निरस्त किया जा सकता है।



देवास जिले में हैं कुल 95 दुकानें - 
देवास जिले में वर्तमान में कुल दुकानें हैं। इनमें देवास के नगर निगम क्षेत्र की दुकानें बंद हैं। जिले में 16 दुकानें बंद हैं। बाकी दुकानें चालू हैं। वहीं ठेकेदारों द्वारा प्रदेशभर में की गई बातों के अनुसार ठेकेदारों द्वारा दुकानों के नुकसान होने की स्थिति में कोर्ट में याचिका के मामले में स्पष्टता है कि जिन दुकानों की स्थिति बंद की है उन्हें वार्षिक फीस के अनुसार राहत दी जाना है। चालू की गई दुकानों में दिनांक 05 मई से दुकानों के चालू होने का मामला शासन ने माना है। चूंकि 2 दिन ठेकेदारों ने दुकानें बंद रखी थी वो उनका व्यक्तिगत मामला है। प्रशासन उनसे 5 मई से ही वार्षिक फीस लेगा। जो 16 दुकानें लॉकडाउन में बंद थी उन दुकानों को आनुपातिक छूट लायसेंस फीस में दी जाएगी। जितने दिन जो दुकानें बंद रही होंगी उन सभी दुकानों को बंद अवधि की वार्षिक फीस में से आनुपातिक छूट मिलना है। वहीं याचिका के बारे में अभी किसी प्रकार की कोई सूचना प्राप्त नही हो सकी है। देखना होगा कि आगे शराब के मामले में यह संशय कब तक जारी रहेगा। बहरहाल ठेकेदार द्वारा बैंक गारंटी और पीडीसी आदि जमा करा दिया गया है। सो दुकानें ठेकेदार ही चलायेंगे और शासन के निर्देशानुसार ही चलेंगी। 


यदि किन्ही पाठक का कोई सवाल है तो हमें मेल करके आप बता सकते हैं। आपके सवाल का जवाब हम संबंधित से खोजने का प्रयास करेंगे।



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