महिलाओं को गम्भीर बीमारियों से बचाव की मुहिम में जुटी आदिवासी महिला वनकर्मी



देवास। ग्रामीण क्षेत्र में आज भी महिलाओं के मासिक धर्म के उपयोग में आने वाले सेनेटरी नेपकिन को लेकर बहुत ही संकीर्ण विचारधारा बनी हुई है। ग्रामीण मजदूर महिलाएं कपड़ो का इस्तेमाल कर अनेक प्रकार की गम्भीर बीमारियों से ग्रसित होती जा रही है। छोटी सी लापरवाही से महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है, किन्तु संकुचित विचारधारा के कारण किसी से कह नही पाती है। इन बातों को ध्यान में रखकर वन विभाग में पदस्थ वनरक्षक ने ज्योति कर्मा ने इस कुरीति के खिलाफ मुहिम छेडक़र महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। ज्योति कर्मा ने अब तक हजारों नेपकिन महिलाओं को नि:शुल्क उपलब्ध कराए है। वे स्वम अपने खर्च से खरीदकर महिलाओं तक यह नेपकिन पहुचा रही है। इसी अभियान के अंतर्गत जिले की सतवास तहसील के आदिवासी ग्रामों में जाकर नेपकिन वितरण किया। सिन्द्राणी, उन्हेल, बाल्या में आदिवासी महिलाओं को खेतों मे जाकर मजदूरी कर रही महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध कराए।



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