खुशयाला में मंगलवार से प्रारम्भ हुए शिव महिमा प्रवचन

शिव निराकार भी है और साकार भी -  वेदान्त सागर



खुशयाला :- जिस विशाल खालीपन को हम शिव कहते हैं, वह सीमाहीन है शाश्वत है। मगर चूंकि इंसानी बोध रूप और आकार तक सीमित होता है, इसलिए हमारी संस्कृति में शिव के लिए बहुत तरह के रूपों की कल्पना की गई। गूढ़ समझ से परे ईश्वर मंगलकारी शंभो, बहुत नादान भोले वेदों शास्त्रों और तंत्रों के महान गुरु और शिक्षक दक्षिणमूर्ति, आसानी से माफ कर देने वाले आशुतोष स्रष्टा के ही रक्त से रंगे भैरव संपूर्ण रूप से स्थिर अचलेश्वर  सबसे जादुई नर्तक नटराज आदि। यानी जीवन के जितने पहलू हैं, उतने ही पहलू शिव के बताए गए हैं। यह बात सावदा से आये कथावाचक वेदान्त सागर ने खुशयालेश्वर महादेव के धाम व भक्तराज कालू बाबा के समाधि स्थल खुशयाला में आयोजित शिव महिमा प्रवचन कार्यक्रम में पहले दिन कही । वेदान्त सागर ने प्रवचन में सृष्टि के आरम्भ विस्तार व संचालन जैसे विषयों पर विस्तार से प्रकाश डाला । उन्होंने भगवान के शिव के नाम का अर्थ एवं भगवान शिव की प्रिय वस्तुये जैसे गले मे नाग  माथे पर  चन्द्रमा तन पर भस्मा हाथ मे त्रिशूल नीलकण्ठ  डमरू आदि का महत्त्व भी बताया । कार्यक्रम प्रारम्भ होने से पूर्व ग्राम छेण्डिया व गवला में कलश यात्राएं भी निकाली गई ।गौरतलब है कि खुशयाला में शिवरात्रि के अवसर पर प्रति वर्ष धार्मिक कथाओ व मेले का आयोजन किया जाता है । इस वर्ष दिनांक 9 मार्च से 13 मार्च तक शिव महिमा प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है भक्तराज कालू बाबा ट्रस्ट के सदस्यों ने श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर प्रवचन सुनने की अपील की है ।

Comments

Popular posts from this blog

मध्यप्रदेश की विधानसभा के विधानसभावार परिणाम .... सीधे आपके मोबाइल पर | election results MP #MPelection2023

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

क्या देवास में पवार परिवार के आसपास विघ्नसंतोषी, विघटनकारी असामाजिक, अवसरवादियों सहित अवैध व गैर कानूनी कारोबारियों का जमघट कोई गहरी साजिश है ? या ..... ?