खुशयाला में प्रवचन कार्यक्रम के दूसरे दिन श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी
श्रीराम ने सम्पूर्ण मानव समाज को सही तरीके से जीना सिखाया है - वेदान्त सागर
झिरन्या :- मानव जब जंगली अवस्था से सभ्य समाज के रूप में विकसित हो रहा था उस समय एक आदर्श राजा कैसा हो आदर्श भाई आदर्श मित्र आदर्श पुत्र आदर्श पत्नी आदर्श शिष्य आदर्श पति , आदर्श शत्रु कैसा हो यह सम्पूर्ण समाज को सिखाने के लिए ही परमात्मा ने त्रेता युग मे राम के रूप में अवतार लिया । रामायण ने सम्पूर्ण समाज को आदर्श रूप में जीना सिखाया है । उक्त उद्गार प्रवचनकर्ता वेदान्त सागर ने खुशयाला में आयोजित 5 दिवसीय प्रवचन कार्यक्रम के दूसरे दिन दिए । उन्होंने सती का हठ अपने पति शिवजी की बात न मानकर सीता का रूप धरके राम की परीक्षा लेने व उसके परिणाम स्वरूप शिवजी द्वारा मन ही मन सती का त्याग करने व अंत मे दक्ष के यज्ञ में भस्म होने की कथा के माध्यम से उपस्थित महिलाओं को पत्नी धर्म की शिक्षा दी । प्रवचन में सती अनुसुइया की कथा सबरी की भक्ति आदि का भी बड़ा मार्मिक वर्णन किया गया । भक्तराज कालू बाबा ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को शिवरात्रि के अवसर पर कथा में भगवान शिव की महिमा शिवरात्रि का महत्त्व कालू बाबा का जीवन चरित्र व महिमा की जानकारी दी जाएगी । शिवरात्रि के दिन खुशयालेश्वर शिवमंदिर पर कलश चढ़ाया जाएगा अम्बाडोजर के मुस्लिम समाज द्वारा भक्तराज कालू बाबा को चादर चढ़ाई जाएगी ।
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