क्रोध के समय थोड़ा रुक जाए और गलती के समय थोड़ा झुक जाए इससे संसार की सभी समस्या हल हो जाएगी : पं. राज कृष्ण शास्त्री

  • नेवरी में सात दिवसीय सुनाई जा रही श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन दिए अनमोल वचन
  • शिव पार्वती विवाह में झूम उठे भक्त जन
  • बड़ी संख्या में कथा सुनने पहुच रहे महिला- पुरूष भक्त जन



ठा. सुरेश कछावा, नेवरी। जीवन में सत्संग, शास्त्रों व बड़े बुजुर्ग द्वारा बताए गए आदर्शों का पालन करते रहना चाहिए। सत्संग में वह शक्ति है, जो व्यक्ति के जीवन को बदल देती है। व्यक्तियों को अपने जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, माया, हिंसा आदि का त्यागकर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए। यह प्रेरणादाई संदेश ग्राम नेवरी हाटपूरा बायपास पर सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन बुधवार को पंडित राज कृष्ण शास्त्री ने कथा में उपस्थित भक्तजनों से कही। उन्होंने और कहा कि झूठे व्यक्ति की ऊंची आवाज सच्चे व्यक्ति को चुप करवा देती है। लेकिन सच्चे व्यक्ति का मोन झुठे व्यक्ति कि जड़े हिला देता है। क्रोध के समय थोड़ा रुक जाए और गलती के समय थोड़ा झुक जाए, इससे संसार की सभी समस्या हल हो सकती है। भगवान का उन्हीं लोगों के हृदय में वास होता है, जो सत्कर्म करते हैं। अनैतिक कमाई का लाभ तो कोई भी उठा सकता है। परन्तु तुम्हारे अनैतिक कर्मों को तुम्हें ही भोगना होगा। इसलिए कर्म हमेशा करते रहना चाहिए। व्यक्ति अपने जीवन में जिस प्रकार के कर्म करता है। उसे उसी के अनुरूप  मृत्यु मिलती है। भगवान ध्रुव के सत्कर्मों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ध्रुव की साधना,उनके सत्कर्म तथा ईश्वर के प्रति अटूट श्रद्धा के परिणाम स्वरूप थी। इसलिए उन्हें वैकुंठ लोक प्राप्त हुआ।शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग बताते हुए कहा कि भक्ति में दिखावा नहीं होना चाहिए। जब सती के विरह में भगवान शंकर की दशा दयनीय हो गई। सती ने भी संकल्प के अनुसार राजा हिमालय के घर पर्वतराज की पुत्री होने पर पार्वती के रुप में जन्म लिया। पार्वती जब बड़ी हुईं तो हिमालय को उनकी शादी की चिंता सताने लगी। एक दिन देवर्षि नारद हिमालय के महल पहुंचे और पार्वती को देखकर उन्हें भगवान शिव के योग्य बताया। भगवान शिव का विवाह पार्वती के साथ हुआ। कथा स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह कराया गया। इस पर भजन बड़ा शुभ दिन हैं आया... भोले ने ब्याह रचाया... मात्र गोरा को है पाया... लगता है सारे संसार की शादी है... आज मेरे भोले की शादी है... आज मेरे महाकाल की शादी है। यह भजन पर महिला- पुरुष भक्तजन झूम उठे। महाआरती के बाद महाप्रसादी का वितरण किया गया। कथा में तीसरे दिन बड़ी संख्या में महिला-पुरुष कथा श्रवण करने पहुंचे। कथा प्रतिदिन दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक सुनाई जा रही है। 

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