खुशयाला में आयोजित सत्संग कार्यक्रम का हुआ समापन समापन पश्चात हुआ भंडारा
परमात्मा प्राप्ति हेतु आवश्यक है निष्काम कर्म - वेदान्त सागर
विनोद पटेल की रिपोर्ट
झिरन्या :- यहां से 20 किमी दूर गवला व छेण्डिया के बीच स्थित स्वम्भू शिवलिंग खुशयालेश्वर महादेव के धाम एवं भक्तराज कालू बाबा के समाधि स्थल खुशयाला में आयोहित पांच दिवसीय सत्संग कार्यक्रम के पांचवे व अंतिम दिन प्रवचनकर्ता वेदान्त सागर ने कहा कि श्रीकृष्ण ने गीता में जो संदेश दिया है व अद्वितीय व अध्भुत है ।
श्रीकृष्ण ने गीता के कहा है कि मनुष्य को अपना काम निष्काम भाव से करना चाहिए भले वह जीवन के किसी भी क्षेत्र का कार्य हो ।
कृष्ण ने गीता में सज्जन व्यक्तियों की रक्षा व प्रगति हेतु समय समय पर अलग अलग रूपो में पृथ्वी पर आने की घोषणा की थी वेदान्त सागर ने कहा कि कृष्ण ने इस पृथ्वी पर गीता जैसा उपदेश दिया है जो सबसे बिरला ग्रन्थ है । वेदान्त सागर ने कहा कि गीता हमे सिखाती है कि अब ज्ञान यज्ञ का युग है अब हम सबको जरूरत है अज्ञानता को दूर करने हेतु प्रयास किया जाए तभी हमारा इच्छित विकास सम्भव है । वेदान्त सागर ने व्यास पीठ से भक्तराज कालू बाबा के समाधि निर्माण हेतु संकल्प किया गया एवं उनके द्वारा प्रत्येक कथा से प्राप्त धन को समाधि निर्माण में लगाने की घोषणा की गई इस अवसर पर अनेक दानदाताओ ने समाधि निर्माण हेतु दान की घोषणाएं की गई ।
कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रवचनकर्ता वेदान्त सागर सहित संगीतकारों भजन गायको ट्रस्ट के नए बने ट्रस्टी आजीवन सदस्यो सक्रिय सदस्यो और अन्य दानदाताओ का सम्मान किया गया । इसके पश्चात विशाल भंडारा भी किया गया ।
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