MP Budget - प्रदेश में होंगी 24 हजार 200 शिक्षकों की भर्ती ! बजट में शिक्षा क्षेत्र को बड़ी सौगातें



शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल के पहले बजट में पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया की तर्ज पर शिक्षा व्यवस्था पर खास फोकस रखा गया है। वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश पर आधारित बजट को पेश करते हुए कहा स्कूल शिक्षा शिक्षा की पहली सीढ़ी है। प्रदेश के विद्यालयों मे सर्वसुविधायुक्त अधोसंरचना हो और पर्याप्त व दक्ष शिक्षक हों ऐसी सरकार की कोशिश है।

    जट पेश करते हुए वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि प्रदेश में सीएम राइज योजना संचालित की जाएगी। जिसके तहत प्रदेश के 9 हजार 200 विद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हर बसाहट के 15 किलोमीटर के दायरे में एक ऐसा विद्यालय होगा जो कि सर्वसुविधायुक्त होगा। सीएम राइज योजना के पहले चरण में प्रदेश के 350 विद्यालयों का विकास किया जाएगा जिसके लिए साल 2021-22 में 1 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

    24 हजार 200 शिक्षकों की होगी भर्ती- प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए साल 2021-22 में लगभग 24 हजार 200 पदों पर शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इतना ही नहीं शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए भारत के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईएम (प्प्ड) इंदौर व आईआईटी (प्प्ज्) गांधीनगर में शिक्षकों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी।


    3 साल में ग्रामीण विद्यालयों का विद्युतीकरण- ग्रामीण इलाकों के स्कूलों को मिशन मोड पर लेकर आगामी तीन सालों में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया जाएगा। इतना ही नहीं सभी हायर सेकेंडरी और हाई स्कूलों में आवश्यक फर्नीचर की पूर्ति भी आगामी तीन साल में करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 319 करोड़ रुपए का प्रावधान सखा गया है।

       अनुसूचित जनजाति कल्याण पर खास फोकस- वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग का कल्याण सरकार की प्राथमिकता है और जनजाति वर्ग को शिक्षा से जोड़ने पर सरकार विशेष फोकस कर रही है। इस हेतू कन्या साक्षरता योजना, आदिवासी बालिक विज्ञान योजना, विद्यार्थी कल्याण योजना, सैनिक स्कूल में प्रवेश, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना आदि योजनाएं सरकार की ओर से चलाई जा रही हैं।

    आवासीय विद्यालयों कंप्यूटर लैब और एकलव्य विद्यालयों को ब्ठैम् में अपग्रेड करेंगे- वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि 33 विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में सुसज्जित कंप्यूटर लैब तैयार किए गए हैं जिससे विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर सूचना प्रौद्योगिकी का ज्ञान हो सके। 24 कन्या परिसरों और 4 गुरुकुल आवासीय विद्यालयों को एकलव्य विद्यालय में अपग्रेड किया जाएगा और ब्ठैम् से संबंध किया जाएगा।

    घर से स्कूल पहुंच सुविधा- विद्यार्थियों के लिए कक्षा 9वीं से 12वीं की शिक्षा सुलभ करने के उद्देश्य से उनके घर से विद्यालय तक परिवहन व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट पर शुरु की जाएगी। आगामी सत्र में इसे आठनेर जिला बैतूल, पाली जिला उमरिया, बिरसा जिला बालाघाट, झाबुआ जिला झाबुआ, धरमपुरी जिला धार में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा।

    जिन जिलों में बैगा, सहरिया, भारिया जनजाति समूह निवासरत हैं वहां 38 आश्रम शालाओं का प्रोजेक्ट है और यहां प्री-प्रायमरी कक्षाओं का संचालन किया जाएगा।इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों की बालिकाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 65 आवासीय कन्या परिसर खोले जाएंगे जिनमें से 22 भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष 43 भवनों का निर्माण शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। शिक्षा एवं संबद्ध क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं के लिए सरकार ने बजट 2021-22 में 40 हजार 958 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने का बजट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिये आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का संकल्प सितम्बर 2020 में लिया गया था। मध्यप्रदेश में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप का निर्माण किया गया। जनता के सुझाव प्राप्त किए गए। अधोसंरचना, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार को आधार बनाया गया। इन प्राथमिकताओं के अनुसार दीर्घ अवधि की दृष्टि से बजट का निर्माण किया गया।

मिशन मोड में कार्य करेंगे 9 नए मिशन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के चार प्रमुख स्तंभ हैं। इसके अंतर्गत 9 नए मिशन संचालित होंगे। भौतिक अधोसंरचना के तहत मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय प्रारंभ होंगे। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अंतर्गत मिशन निरामय और मिशन बोधि प्रारंभ होंगे। अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार के तहत मिशन अर्थ, मिशन दक्ष और मिशन स्वावलंबन शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के एक महत्वपूर्ण स्तंभ सुशासन के तहत भी एक मिशन शुरू होगा, जिसका नाम मिशन जन-गण होगा। सरकार दिन-रात मिशन मोड में कार्य कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।

अधोसंरचना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के लिए बजट प्रावधान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अधोसंरचना विकास के लिए सिंचाई क्षेत्र के लिए 44 हजार 152 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। शिक्षा और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 40 हजार 958 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। कृषि से संबंधित प्रावधान 35 हजार 353 करोड़ रूपये, स्वास्थ्य एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 15 हजार 622 करोड़ रूपये, गरीब कल्याण के लिए 11 हजार 950 करोड़ रूपये, बच्चों, विद्यार्थियों और युवाओं के लिए 11 हजार 136 करोड़ रूपये और महिलाओं के लिये 10 हजार 674 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

बजट की बड़ी विशेषताएँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के बजट में गत वर्ष से 22 प्रतिशत अधिक राशि है। वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश का जीएसडीपी 10 लाख करोड़ रूपये के पार पहुँच सकता है, जो एक कीर्तिमान होगा। राजकोषीय घाटा, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत है। इसे अगले तीन वर्ष में और घटाकर 3 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। राजस्व घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 0.73 प्रतिशत है। इसे भी अगले 3 वर्ष में घाटे से आधिक्य में बदलने का लक्ष्य है। गत 11 माह में सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों के कारण भारत सरकार से 19 हजार 353 करोड़ रूपये के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन प्राप्त हो रहे हैं। बजट में किसी प्रकार के नए कर प्रस्तावित नहीं है और न ही किसी भी कर की दर को बढ़ाया गया है।

बहनों और बेटियों के लिए सौगात है बजट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह बजट बहनों और बेटियों के लिए सौगात लेकर आया है। हर ग्राम पंचायत में एक राशन की दुकान खुलेगी और एक तिहाई दुकानें महिलाएँ संचालित करेंगी। हर जिले में महिला पुलिस थाना प्रारंभ होगा। बजट में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत 900 करोड़ रूपये से अधिक के प्रावधान सहित महिलाओं के लिए कुल 10 हजार करोड़ से अधिक की राशि का प्रावधान राज्य सरकार के महिला कल्याण के लक्ष्य का परिचायक है।

गरीब कल्याण और जन-कल्याण पर फोकस

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीबों के कल्याण और आमजन के कल्याण के लिए बजट में समुचित प्रावधान हैं। संबल के अंतर्गत हितग्राही लाभान्वित होंगे। संबल में 600 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 3,200 करोड़ रूपये, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 602 करोड़ रूपये, सीएम राइज स्कूल के लिए 1,500 करोड़ रूपये, अन्नपूर्णा योजना में 400 करोड़ रूपये, जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर तक नल से जल पहुँचाने के कार्यों के लिए 5,762 करोड़ रूपये, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3,035 करोड़ रूपये, लाड़ली लक्ष्मी योजना में 922 करोड़ रूपये, अटल कृषि ज्योति योजना में 4,592 करोड़ रूपये, नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 300 करोड़ रूपये, उच्च शिक्षा में सुधार के लिए 400 करोड़ रूपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 2,500 करोड़ रूपये, सड़क, पुल निर्माण के लिए 5,739 करोड़ रूपये, व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण के लिए 397 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। महिला स्व-सहायता समूहों की सहायता और युवाओं को रोजगार के लिए संचालित कार्यक्रमों के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। संभाग स्तर पर मॉडल आई.टी.आई. और ग्लोबल पार्क के लिए भी धनराशि का प्रावधान है।

किसान-कल्याण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि अर्थ-व्यवस्था का आधार है। कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए 1000 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। नई मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना प्रारंभ होगी। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2,220 करोड़ रूपये की राशि बजट में रखी गई है।

शहरों को मिलेगा नया स्वरूप

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बजट में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहरों के विकास और सौन्दर्यीकरण पर 900 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी। मेट्रो रेल सुविधा बढ़ाने के लिए 262 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। आपदा प्रबंधन और राहत के लिए 1680 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है।

प्रत्येक कार्यकाल में बुनियादी क्षेत्रों को रखा केन्द्र में

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने बुनियादी क्षेत्रों के विकास को सदैव केन्द्र में रखा है। जहाँ उन्होंने प्रथम कार्यकाल में सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी, वहीं द्वितीय कार्यकाल में सिंचाई क्षेत्र के विस्तार का कार्य प्रमुखता से किया गया। इसके पश्चात तृतीय कार्यकाल में विद्युत उत्पादन बढ़ाने और सुचारू बिजली प्रदाय पर ध्यान दिया गया। इस कार्यकाल में उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल की सुविधाएँ तेजी से बढ़ाने का निश्चय किया है। इसके क्रियान्वयन की शुरूआत हो चुकी है। यह बजट आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति में सहयोगी होगा।

अन्य प्रमुख विशेषताएँ

  • ओंकारेश्वर में विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट और 6 जिलों में नये सोलर पार्क के लिए बजट।

  • 65 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए बजट।

  • पुलिस में चार हजार और शिक्षकों के लिए 24 हजार पदों पर भर्ती का निर्णय।

  • पाँच विकासखंडों में कक्षा 9 से 12वीं के विद्यार्थियों को स्कूल के लिए परिवहन व्यवस्था का पायलट प्रोजेक्ट।

  • चंबल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बजट।

  • प्रधामनंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 6 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों के निर्माण का लक्ष्य।

  • शहरी क्षेत्रों के लिए भी जल-जीवन मिशन।

  • 13 जिलों में 86 स्थानों पर वन धन केन्द्र का विकास।

  • 3 विमुक्त विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, सहरिया और भारिया की 38 आश्रम शालाओं में पायलट बेसिस पर प्री-प्रायमरी कक्षाओं का संचालन।

  • मुख्यमंत्री स्व-रोजगार ब्याज परिदान योजना प्रारंभ होगी।

  • इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए 'स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज' पर तेजी से अमल प्रारंभ होगा।

  • 50 बिस्तर का पुलिस चिकित्सालय बनेगा।

  • पन्ना में डायमंड म्यूजियम बनेगा।

  • छतरपुर जिले में जटाशंकर पर रोप-वे का निर्माण होगा।

  • भोपाल गैस पीड़ितों के लिए केन्द्रीय पेंशन योजना समाप्त हो जाने के फलस्वरूप मध्यप्रदेश सरकार अपने बजट से पेंशन की व्यवस्था करेगी।

  • प्रदेश में 9 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए मंजूरी।

  • संबल योजना पुन: प्रारंभ की गई है।

  • छोटे और सीमांत किसानों को वर्ष में 10 हजार रूपए की राशि मिलेगी। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के साथ ही मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना का लाभ भी प्राप्त होगा।

बजट - किस क्षेत्र में कितनी राशि 

क्रं.

क्षेत्र

बजट का हिस्सा (प्रतिशत)

1.

अधोसंरचना विकास

20.35

2.

शिक्षा

18.87

3.

कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र

16.29

4.

स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध क्षेत्र

7.20

5.

गरीब कल्याण

5.51

6.

महिला

4.92

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