अजब-गजब - यहां जलते अंगारों पर यूं नंगे पैर चलती हैं महिलाएं, जानें क्यों करती हैं ऐसा ?
- नेवरी में धधकते हुए अंगारों पर से निकली महिलायें
- गल महाराज के स्थान पर पूजा कर मांगी मन्नत
- सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा का गांव वाले आज भी कर रहे निर्वहन
- धधकते हुए अंगारों पर से निकलने पर होती हैं हर मनोकामना पूरी
सुरेश कछावा /नेवरी। भारत संस्कृति का देश है जहां अनेकों परंपरायें और कई प्रकार के रीति-रिवाज माने जाते हैं। इन्हीं में से एक मान्यता देवास के नेवरी गांव में भी मानी जाती है। देखिए कैसे यहां धधकते अंगारों पर आमजन निकल रहे हैं।
ग्राम नेवरी में रविवार को शाम को शितला सप्तमी के दिन आसपास के गांव से सैकड़ों महिलाओं द्वारा हाटपुरा में स्थित गल महाराज के स्थान पर डोल बाजे के साथ कंकू, चावल, नारियल, बाटी से पुजा अर्चना की गई। इसके बाद गांव के चौकीदार द्वारा गल महाराज के स्थान पर लकड़ी जलाकर अंगारे किये गये। जिस पर सैकड़ों महिलाओ ने गल महाराज के स्थान पर मन्नत मांग कर नंगे पैर चूल (अंगारों) से होकर निकली। धधकते हुए अंगारों पर से सबसे पहले पूजा कर गांव के मोहन लाल पड़ियार निकले। इसके बाद युवती व महिलाये धधकते हुए अंगारो से होकर निकली। गांव में सुख शांति व खुशहाली के लिए गांव के वसूली पटेल मुकेश जाट भी अंगारो से होकर निकले। पुरानी परंपरा अनुसार कहा जाता है कि गल महाराज के स्थान पर पांच बार अंगारों से होकर जो महिला व युवती निकलती है। गल महाराज देवता उनकी जो भी मनोकामना है वह पुर्ण करते हैं।
इसी दिन शीतला सप्तमी का कई महिलाओं व युवती को इंतजार रहता है। नेवरी में इसी दिन से शीतला सप्तमी से लेकर तेरस तक साथ दिवसीय मेला भी लगाया जाता हैं। लेकिन बढ़ते कोरोना वायरस को देखते हुए प्रशासन ने मेला प्रतिबंधित का आदेश दिया है। इस मौके पर ग्राम वसूली पटेल मुकेश जाट, वीरेंद्र पूरी गोस्वामी, अशोक शर्मा, देवेन्द्र रघुवंशी, धीरज सिंह दरबार, सुरेश राजपूत, अनोखीलाल पाटीदार, राघवेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।
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