प्रेमी के साथ मिलकर पत्नी ने की थी पति की हत्या..

न्यायाधीश ने आरोपियों को अर्थदण्ड के साथ दी आजीवन कारावास की सजा



देवास। जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र खाण्डेगर द्वारा बताया गया कि दिनांक 12.06.2020 को दोपहर 12:55 बजे सूचनाकर्ता/आरोपी छायाबाई पति भगवान सिंह ने अपने पिता के साथ औद्योगिक थाने पर आकर सूचना दी कि उसकी शादी भगवान सिंह पिता उमरावसिंह निवासी सिलाखेड़ी थाना कायथा जिला उज्जैन से पांच वर्ष पूर्व हुई थी। सूचनाकर्ता छाया अपने पति के साथ तीन माह पूर्व आड़ी पट्टी, मल्हार कॉलोनी रहने आ गई थी। उसके दो बच्चे है। उसके पति भगवान सिंह करीब एक वर्ष से प्रेस्टिज कंपनी देवास में कार्यरत हैं। दिनांक 11.06.2020 को उसके पति भगवान ंिसंह कंपनी नहीं गये थे। रात करीब 11 बजे उसका व उसके पति के मध्य काम की बात को लेकर विवाद हो गया था, फिर दोनों सो गये थे। दिनांक 20.06.2020 को सुबह 7 बजे उठकर देखा तो उसके पति भगवान सिंह कमरे में नहीं थे। छाया ने अपने पति भगवान सिंह की तलाश, आसपास व रिश्तेदारी में की, कहीं कोई पता नही चला। उसके पति भगवान सिंह बिना बताये कहीं चले गये हैं। सूचनाकर्ता ने अपने पति का हुलिया बताकर, लिखाई गई रिपोर्ट के आधार से थाना औद्योगिक क्षेत्र में गुम इंसान क्रमांक 49/2020 प्रदर्श पी 14 पंजीबद्ध हुआ।

यह था मामला 

औद्योगिक थाने में गुमशुदा भगवान सिंह पिता उमराव सिंह चौधरी जाति गारी उम्र 30 वर्ष निवासी आडी पट्टी मल्हार कॉलोनी जिसमें गुम इंसान जांच के दौरान साक्षीगणों के कथन लिये गये। जांच में आये गये तथ्यों की तस्दीक के दौरान सूचनाकर्ता छाया पति भगवान सिंह जाति गारी उम्र 25 साल निवासी आडी पट्टी मल्हार कॉलोनी बालगढ़ को तलब कर तकनीकी व अन्य तथ्यों के आधार पर बारिकी से पूछताछ कर कथन लेते हुए उनके द्वारा पे्रमी लाखन के घर पर आने एवं उसके साथ मेरे प्रेम संबंध की बात का पता चलने पर गुमशुदा भगवान सिंह द्वारा आये दिन झगड़ा मारपीट करने पर तंग आकर अपने प्रेमी लाखन व उसके साथी अकील उर्फ अक्कू के साथ मिलकर योजना बनाकर दिनांक 11.06.2020 की रात में इन लोगों को घर बुलाकर अपने पति भगवान सिंह की सभी ने मिलकर मारपीट कर ब्लेड, लोहे का फरशा से हत्या कर दी एवं उसी रात में अपने पति भगवान सिंह की लाश को टाट के बोरे में भरकर अपने पे्रमी लाखन व अकील की मदद से टीव्हीएस की छोटी गाड़ी से बायपास हनुमान मंदिर की तरफ ठिकाने लगाने हेतु भेज दिया तथा लाश को छिपाने के लिये लाश को पेट्रोल डालकर जला दिया व उसकी पत्नि छाया के द्वारा झूठी गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई गई। आरोपीगण के विरूद्ध औद्योगिक थाना में अपराध पंजीबद्ध किया गया। अन्य आवश्यक अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय द्वारा उपरोक्त प्रकरण में वैज्ञानिक साक्ष्य, सायबर साक्ष्य एवं परिस्थितिजन साक्ष्य के आधार पर मात्र 7 माह में प्रकरण का निराकारण किया।

न्यायालय के द्वारा निर्णय पारित करते समय यह टिप्पणी की है कि बीते डेढ़ दशक में प्रेम प्रसंगों के कारण होने वाली हत्याओं की दर बढ़ी है जिससे समाज पर बुरा प्रभाव पर गंभीरता से विचार आवश्यक है। द्वितीय सत्र न्यायाधीश गंगाचरण दुबे द्वारा दिनांक 3.07.2021 को निर्णय पारित कर अभियुक्तगण छायाबाई पति भगवान सिंह को धारा 302,149,120-बी भादस में आजीवन कारावास और 35000/-रूपये के अर्थदण्ड और लाखन पिता बहादुर को धारा 302,149,120-बी भादस में आजीवन कारावास और 35000/-रूपये के अर्थदण्ड एवं अकील उर्फ अक्कू को धारा 302,149,120-बी भादस में आजीवन कारावास और 35000/- रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से राजेन्द्र खाण्डेगर जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा सफल संचालन कर आरोपियों को दण्डित कराया एवं कोर्ट मोहर्रिर दिनेश डामोर व प्रीतम मिमरोट का विशेष सहयोग रहा।


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