और अब कांग्रेस के सम्मेलन से डरा ‘‘ओमीक्रॉन’’ ? भाजपा को बताया गोडसे का घर ... और क्या था मंच पर ब्लैक एंड व्हाईट का मेल ...?




राहुल परमार, देवास। और...! एक बार फिर राजनेताओं के सम्मेलन के बाद कोरोना की दहशत खत्म हो गई। भाजपा के बाद अब कांग्रेस ने भी 250 लोगों की अनुमति पर हजारों लोगों की भीड़ जुटा ही ली। यही नहीं उक्त सम्मेलन में कांग्रेस ने नन्हें बच्चों तक को नहीं छोड़ा। हालात ये थे कि कई कांग्रेसियों ने न तो मास्क लगाया था नाही सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल किसी नेता को रहा, जबकि मंच पर कई जवाबदार जनप्रतिनिधि बैठे थे। इनमें से किसी ने भी अपने कार्यकर्ताओं को ना तो मास्क लगाने के लिए कहा, नाही दूरी बनाने के लिए कहा। इसके अलावा बड़े नेता और जनप्रतिनिधि भी मानो कोरोनावायरस का खतरा महसूस नहीं कर रहे थे और वे बोले भी तो कैसे ? स्वयं ही बिना मास्क और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के बैठे थे । दरअसल कांग्रेस के ‘‘घर चलो घर घर चलो अभियान’’ का शुभारंभ आज देवास में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा शुरु किया गया। इससे पहले देवास में पहले ही वार्डवार अपनी रैली पंहुचा चुंके हैं हालांकि यह सब आने वाले चुनावों की तैयारी के बतौर देखा जा रहा है। कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा कोरोना के साथ गठबंधन हो चुका है तभी तो कोरोना गाईडलाइन के नियमों को नियमित तोड़ा जा रहा है। जिले में फिलहाल सैकड़ों कोरोना के एक्टीव मरीज हैं लेकिन प्रशासन राजनीतिक दबाव में सुस्त ही नजर आ रहा है। बता दें जिले में 500 से अधिक कोरोना के मरीज एक्टीव हैं बावजूद इसके एक बड़े सम्मेलन की अनुमति दी गई। अनुमति तक तो ठीक है लेकिन अनुमति मात्र 250 लोगों तक ही सीमित थी लेकिन उक्त सम्मेलन में हजारों की संख्या में लोगों को एकत्र किया गया। क्या कांग्रेस भाजपा में भीड़ जुटाने की प्रतिस्पर्धा हो रही है जो आमजनों को एकत्र कर महामारी की चपेट में आने के लिए भटकाया जा रहा है। 



मंच पर दिखा ब्लैक एंड व्हाईट का मेल ....! 

उपर दिये गए फोटो को ध्यान से देखेंगे तो आप पायेंगे कि मंच पर मात्र दो ही मास्क दिखाई दे रहें हैं वो है एक ब्लैक और दूसरा व्हाईट ...। आखिर नेताओं ने जनता को तो कोरोना की चपेट में आने के लिए एकत्र किया ही लेकिन खुद की सुरक्षा में भी लापरवाही दिखाई। मंच पर गिने चुने नेताओं के मुंह पर मास्क देखा गया। हो सकता है फोटोग्राफी के लिए मुंह दिखाई का यह नजारा हो लेकिन यहां तो भारी जनसमूह से कोरोना पहले ही डर गया होगा।

मंच पर बैठने को लेकर नोंक-झोंक ... ! 

कार्यक्रम के दौरान मंच पर बैठने की बात को लेकर दो नेताओं में नोंक-झोंक की स्थिति निर्मित हो गई। जानकारी अनुसार शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी और महेन्द्रसिंह तालोद के बीच मंच पर बैठने को लेकर आपसी नोंक-झोंक हो गई हालांकि बाद में मनोज राजानी ने महेन्द्रसिंह तालोद को स्वयं मंच पर विराजित होने को कहा । हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस में गुटबाजी साफ देखी गई । कार्यक्रम के पहले दो दिवसों में यह गुटबाजी केवल पोस्टरों और बैनरों तक सीमित थी लेकिन मंच पर मालवा निमाड़ के कांग्रेस से जुड़े कई बड़े चेहरे नदारद थे । कई कांग्रेसी इस दौरान विवाद शांत करवाते रहे। मंच पर कुछ कांग्रेसी उचित स्थान नहीं मिलने से आपस में उलझते हुए दिखाई दिए। मंच पर लगे एक बैनर से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की फोटो भी गायब थी। जिससे दिग्विजयसिंह के समर्थक भी नाराजगी प्रकट करते नजर आए। कार्यक्रम में गुटबाजी भी हावी रही। 

छोटे बच्चें कांग्रेस का दुपट्टा लेकर पंहुचे ...

कार्यक्रम के दौरान छोटे बच्चों की एक टोली को रैली के रुप में एंट्री दी गई । पूछने पर बच्चों ने कहा कि वे टेकरी के नीचे की एक कालोनी से लाए गए हैं। इसके बाद वहां पहुंचे एक युवक ने उन्हें सम्मेलन में भेज दिया। 



अभियान की शुरुआत से पहले पूर्व मुख्यमंत्री पंहुचे माता के दरबार में .... 

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ टेकरी पर मातारानी के दरबार में आशीर्वाद लेने पंहुचे । उन्होंने टेकरी पंहुचकर मॉ तुलजा भवानी और माता चामुंडा के दरबार में पूजा कर आशीर्वाद लिया। 



     



इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां इतने धर्म कितनी जातियां हैं कितनी भाषा है दे त्यौहार कितने देवी देवता  है यही भारत की महानता है । कांग्रेस और देश की संस्कृति आज अपना देश एक झंडे के नीचे खड़ा है कांग्रेस की महानता है इसी संस्कृति पर आज आक्रमण हो रहा है । हम बात करें भारतीय जनता पार्टी के घर की इनका घर तो गोडसे का घर है इनका घर हमारे बेरोजगारों नौजवानां का घर है सबसे बड़ी चुनौती हमारे नौजवानों के भविष्य को बचाने का है । मैं सौदा करता कर सकता था मुख्यमंत्री निवास में बैठकर पर मे सोदे से कुर्सी नहीं बचाने वाला में मध्यप्रदेश की पहचान सोदे से नही करने वाला 15 महीने की सरकार मुझे साढ़े ग्यारह माह का समय मिला लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी लोकसभा का चुनाव आया कौन सा गुनाह मैंने किया मैंने किसानों का कर्जा माफ किया27 लाख किसानों का कर्जा माफ किया और शिवराज जी पहले तो चिल्लाते रहे थे कर्जा माफ नहीं हुवा मुझे विधानसभा में आंकड़े पेश करना पड़े शिवराज सिंह जी का तो झूठ का घड़ा भर चुका है सो रुपए में सो यूनिट विद्युत बिजली दी थी कौन सा गुनाह किया है ।  गांव में गौशाला का निर्माण किया कौन सा पाप किया हमसे कहते हैं कि हमें हिसाब दो अपने कार्यकाल का मैं कहता हूं आ जाइए आमने सामने देवास आ जाइए एक तरफ आप और एक तरफ मैं दो दो बात कर लेते हैं बेहिसाब देता हूं कौन सी गलती करी मैंने आरक्षण दिया विकास की योजनाएं बनाई । आज 18 साल की तस्वीर पूरे प्रदेश के सामने है बेरोजगार में नंबर वन किसानों की आत्महत्या में नंबर वन महिलाओं पर अत्याचार नंबर वन आज ऐसा प्रदेश मुझे सौंपा था और आज इन सब पर नंबर वन है शिवराज जी तो आएंगे लंबी चौड़ी बातें करेंगे कुछ भी बोल दो कुछ भी कह दो शिवराज जी आज नो जवान बिना काम के , किसान बिना धाम के, छोटे व्यापारी बिना व्यापार के शिवराज जी आप किस काम के तस्वीर हमारे सामने  है । आज हमें तय करना है मोदी का रास्ता क्या है अब वो नौजवानों की, किसानों की बात नहीं करते हैं राष्ट्रवाद की बात करते हैं मैं मोदी जी से पूछता हूं कि एक भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जुड़ा हो आपकी पार्टी से जुड़ा हो तो बता दे आज राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ा रहे हैं मोदी जी की जितनी दाढ़ी बड़ी होती है पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ जाते है दाढ़ी थोड़ी सी कट गई तो पेट्रोल डीजल का दाम थोड़ा सा गिर जाता है । यह तस्वीर देश और प्रदेश की आपके सामने हैं मैं तो आपसे यही निवेदन करना चाहता हूं कि देश व प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रखिए देवास हमारी संस्कृति का प्रतीक है जिस प्रकार की एकता यहा है हर समाज में हर धर्म में आपको यह प्रतीक रहना है तो मैदान उतरना पड़ेगा । कमलनाथ का साथ मत देना कांग्रेस का साथ मत देना लेकिन सच्चाई का साथ देना आपने अगर सच्चाई का साथ दिया तो देवास में इतिहास बनेगा । 

जनता को घर-घर जाकर जागरुक करना अच्छी बात है लेकिन जनता को महामारी के बीच एकत्र कर उनकी जान को जोखिम में डालना कहा की समझदारी है ? वैसे ही दूसरा कोरोना काल कई परिवारों के लिए काल का ग्रास बन गया था और राजनीतिक पार्टियां तीसरी लहर को भी चुनौती दे रही है। केवल चुनौती ही नहीं वे इस महामारी के प्रकोप को और भयानक होने के लिए आमंत्रण भी दे रही है। देखना होगा कि 250 की अनुमति पर विरोध करने वाले कांग्रेसियों की हजारों लोगों की जनसभा पर प्रशासन की क्या प्रतिक्रिया होती है ? 


 




















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