शासन की उपेक्षा का शिकार हो रहे कोटवार, हड़ताल छठवें दिन भी जारी, 17 को रैली निकाल देंगे ज्ञापन !

देवास - ग्रामीण क्षेत्रों की पल-पल की जानकारी प्रशासन तक पहुंचाने वाले कोटवार इन दिनों शासन की उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। कोटवार संघ अपनी मांगों को लेकर कई बार ज्ञापन सौंप चुका है, लेकिन उनकी मांगों पर गौर करने वाला कोई नहीं है। जिसको लेकर अब कोटवार संघ आर पार की लड़ाई के मूड में आ गया है। कोटवार संघ जिलाध्यक्ष अम्बाराम मालवीय ने बताया कि बुधवार को हमारी हड़ताल के छह दिन हो गए। अब तक प्रदेश के मुखिया व स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने हमारी सुध नहीं ली। जिलेभर के कोटवार अपनी मांगों को लेकर 17 मार्च को सयाजी द्वार से रैली के रूप नारेबाजी करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचेंगे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। कोटवारों की मांग है कि प्रदेश के सभी कोटवारों को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए और कलेक्टर रेट पर वेतन दिया जाए। सेवा भूमिधारी कोटवारों को भूमि स्वामी का स्वत्व दिया जाए। शहरी क्षेत्र में कोटवार का पद समाप्त नहीं किया जाए और गांव में एक गांव में एक से अधिक कोटवार पद होने की स्थिति में अतिरिक्त पद को जारी रखा जाए। राजस्व विभाग में रिक्त पदों पर योग्यता के आधार पर पूर्व से कार्यरत कोटवारों को नियुक्ति में प्राथमिकता दी जाए। 19 मार्च तक मांगे पूरी नही होने पर 20 मार्च को प्रदेशभर के समस्त कोटवार भोपाल में धरना प्रदर्शन करेंगे। हड़ताल के दौरान जिला उपाध्यक्ष विजय देवड़ा, मदन पवार, जिला कोषाध्यक्ष नागुलाल पचलानिया, जिला सचिव संतोष शर्मा, मुख्य जिला सलाहकार बाबूलाल कलेसरिया, ललीता बाई पंवार, प्रहलाद मालवीय, सहायक सचिव शंकरलाल धोलपुरिया, धर्मेन्द्र मालवीय, राजाराम चौहान, जिला महामंत्री प्रेम नारायण जाट, अनिल बरला, सबीर खाँ, जिला प्रचार मंत्री अशोक बड़ोलिया, रमेश कुडला, कैलाश सुरावत, देवनारायण सोलंकी, देवकरण चौहान, रवि कचनारिया, देवीलाल राजोरिया कमल सिंह बामनिया, विजेन्द्र आदि अन्य कोटवार उपस्थित थे।

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