ट्रैक्टर खडा करने की बात पर की मारपीट, पुलिस नही कर रही कार्यवाही, एसपी एवं कलेक्टर कार्यालय में दिया आवेदन
- गांव में आने पर दी जान से मारने की धमकी, अन्य जगह पर रह रहा पीडित परिवार
भारत सागर न्यूज/देवास। ट्रेक्टर खडा करने की बात पर पडोसी ने आदिवासी परिवार के साथ मारपीट कर गालीगलोच करने की। स्थानीय पुलिस द्वारा कार्यवाही नहीं करने पर पीड़ित परिवारजनों ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन दिया। पीड़ित कैलाश पिता बाबुलाल राठौर जाति कोरकू ने बताया कि 11 अप्रैल को 6 बजे अपने घर पर था। तभी चम्पालाल पिता भिमा जाति सिरवी निवासी पोटला का टेक्टर मेरे घर के सामने मेरे दरवाजे पर खड़ा था। मेने चम्पालाल से कहा कि ट्रेक्टर मेरे घर के सामने से हटा ले। तब चम्पालाल ने अपशब्द कहते हुए अश्लील गालियां दी। साथ ही जातिसूचक शब्द कहे। तब मैंने व मेरे परिवार ने इसका विरोध किया तो चम्पालाल ने मेरे साथ लट्ठ व लात घूसे से मारपीट की। इतने में चम्पालाल के परिवार के लोग विकास पिता चम्पालाल, लक्ष्मण पिता भिमा, सुनिल पिता लक्ष्मण, राहुल पिता लक्ष्मण, रामसिह पिता भिमा जाति शिरवी निवासी ग्राम पोटला सभी ने एकजुट होकर मारपीट की ओर मेरा मोबाईल भी छुडा लिया।
लडाई के दौरान मेरी पत्नी रेशमबाई दौडकर आई और मेरा बीच-बचाव किया। मेरी पत्नी रेशमबाई के साथ भी रूखमणी बाई पति चम्पालाल, प्रिती पिता चम्पालाल व सलोनी पिता चम्पालाल ने मारपीट की। जिससे मेरी पत्नी के बाये हाथ, पिट, सिर व कमर मे चोटे आई है। पीडित ने कहा कि मेरी पत्नी विकलांग है। जिसे इन लोगों ने लंगडी बोलकर गालीया दी। साथ ही मेरे लडके अजय पिता कैलाश राठौर को भी उन्होने खम्भे से बाधंकर पीटा। इन लोगों ने हमारे साथ मारपीट कर मेरे लडके अजय को 100 नम्बर पर फोन लगाकर थाने पर भिजवा दिया और उसके विरूद्ध घर में घुसने कि झूठी रिपोर्ट लिखवा दी।
पीडित ने कहा कि मारपीट करने वाले लोगों ने धमकी दी है कि यदि गांव में दिखे तो जान से मार देंगे। इसके डर से पीडित परिवार अपना घर छोडकर अन्य जगह पर परिचित के यहां रह रहा है। पीडित ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानी उदयनगर पुलिस हमारी सुनवाई नही कर रही है। वहीं अपराधियों का साथ देकर हमे दबा रही है। पीडित परिवार ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इन अपराधिक लोगों पर वैधानिक कार्यवाही की जाकर प्रकरण दर्ज किया जाए। उक्त घटना से आदिवासी समाज में आक्रोश व्याप्त है। यदि समय रहते पुलिस कार्यवाही नही करती है तो आदिवासी समाज द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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