लाल ग्रह मंगल के आकाश में 1800 किमी लंबा सर्पिला बादल ? क्या है रहस्य ?? Mars Cloud

लाल ग्रह मंगल के आकाश में देखे जाने वाली रहस्‍यमय सर्पीली आकृति के बारे में खुलासा हो गया है। दरअसल, यह आकृति व‍िशाल बादल है जो मंगल के आकाश में व‍िचरण करता है। इसकी लंबाई 1800 क‍िमी होती है।




  • - मंगल के आकाश में करीब 1800 किलोमीटर लंबा सर्पीले आकार का बादल तैरता है
  • - यह बादल कई वर्षों से बड़ा रहस्‍य बना हुआ था और अब इस पर नई जानकारी सामने आई है
  • -अध्‍ययन में यह विशाल बादल निकला जो अर्सिया मोन्‍स ज्‍वालामुखी के ऊपर नजर आया था

धरती के पड़ोसी ग्रह मंगल के आकाश में करीब 1800 किलोमीटर लंबा सर्पीले आकार का बादल तैरता है। यह बादल कई वर्षों से वैज्ञानिकों के लिए बड़ा रहस्‍य बना हुआ था। साल 2018 में तो इसके नजर आने पर सोशल मीडिया में चर्चा शुरू हो गई थी कि मंगल ग्रह पर भीषण ज्‍वालामुखी विस्‍फोट हुआ है। हालांकि यह आंखों का धोखा निकला। अध्‍ययन में यह विशाल बादल निकला जो अर्सिया मोन्‍स ज्‍वालामुखी के ऊपर नजर आया था।

अब यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) के वैज्ञानिकों ने इसके सामने आने और लापता होने के बारे में कई नई जानकारी पता की है। सीनेट की रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने एक कैमरे 'द मार्स वेबकैम' का इस्‍तेमाल करके मंगल के रहस्‍यमय बादलों के जीवनचक्र का पता लगाया है। बादलों के क्षणिक होने और मंगल के चारों ओर चक्‍कर लगा रहे यान की कक्षा की वजह से अध्‍ययन करना मुश्किल हो रहा था।




करीब 1800 किमी तक लंबा हो सकता है बादल

इस यान पर लगा कैमरा काफी पुराना है लेकिन इससे काफी विस्‍तृत इलाके की तस्‍वीर आती है। इस कैमरे की इसी खूबी की वजह से उसे मंगल के बादलों के अध्‍ययन के लिए लगाया गया। इस शोध के सह लेखक आगस्‍टीन सांचेज लवेगा ने कहा, 'कई मंगल यान सतह के इस हिस्‍से का दोपहर होने तक अध्‍ययन नहीं कर सकते हैं, ऐसा उनकी कक्षा की वजह से होता है। इसलिए यह मंगल ग्रह के अनोखे बादलों के बारे में पहला विस्‍तृत शोध है।'

यह बादल मंगल ग्रह के बसंत के मौसम के दौरान बनना शुरू होता है और करीब 1800 किमी तक लंबा हो सकता है। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी ने कहा कि यह मंगल ग्रह पर दिखाई दिया सबसे बड़ा पर्वतीय बादल है। इसका मतलब यह हुआ कि यह तब बनता है जब किसी ग्रह की सतह पर हवाओं को स्‍थलीय आकृतियों जैसे पहाड़ या ज्‍वालामुखी की वजह से ऊपर की ओर जाने के लिए दबाव पड़ता है।


दिन की तेज गर्मी की वजह से वाष्‍प में बदल जाते हैं बादल

मंगल ग्रह के ये बादल हर दिन बढ़ते जाते हैं जो सूर्योदय से पहले शुरू होते हैं और बहुत तेजी अर्सिया मोन ज्‍वालामुखी के इलाके से बाहर फैल जाते हैं। हालांकि बाद में ये बादल दिन की तेज गर्मी की वजह से वाष्‍प में बदल जाते हैं। वैज्ञानिकों ने कहा क‍ि पृथ्‍वी पर भी स्‍थलाकृतियों की वजह से बादल पैदा होते हैं लेकिन वे इतना लंबे नहीं होते जितना मंगल ग्रह पर हो जाते हैं।

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