फर्जी सिमकार्ड से मौलाना और कमलेश दे रहे थे डॉक्टर को धमकी, मिली 10 वर्ष की सजा ! Maulana and Kamlesh were threatening the doctor with fake simcard, got 10 years sentence!

फर्जी सिमकार्ड बेचने वाले 02 आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास 



नीमच। आपके पास आये दिन नये नंबरों से फोन आता है। आप क्या करते हैं ? उन नंबरों को इग्नोर करते हैं और फोन रख देते हैं लेकिन यदि कोई फोन पर आपको धमकी दे तो आप क्या करेंगे ? पुलिस को शिकायत ! जी हां ! मामला नीमच का है जहां फर्जी सिम से फोन करने की कहानी ही कुछ अलग है। ऐसे ही एक मामले में न्यायालय ने सजा के आदेश दिये हैं। 




    

पढ़िये क्या है पूरा मामला .... 

    दरअसल श्रीमती सोनल चौरसिया, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश, नीमच के द्वारा, फर्जी दस्तावेज तैयार कर सिमकार्ड बेचने वाले 02 आरोपियों को धारा 467 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास व 2000-2000रू अर्थदण्ड, धारा 420, 468 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 04-04 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000-1000रू अर्थदण्ड व धारा 471 भारतीय दण्ड संहिता, 1860 में 1-1 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000-1000रू अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। आरोपी सत्यनारायण पिता विनोद शर्मा, उम्र-36 वर्ष, निवासी ग्राम सांकरिया, थाना रठाजना, जिला-प्रतापगढ़ (राजस्थान) व गोविंद पिता कैलाश राठौर, उर्म्र-35 वर्ष, निवासी-ग्राम धमोत्तर, जिला प्रतापगढ़ (राजस्थान) को यह सजा सिम कार्ड के कारण मिली है। 

    इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी करने वाले इमरान खॉन, अपर लोक अभियोजक द्वारा घटना की जानकारी देते हुए बताया गया है कि घटना जून 2016 की है जहां फरियादी डॉक्टर रमेश दक के मोबाईल नंबर पर अन्य मोबाईल नंबर से धमकाने वाला एसएमएस दिनांक 22.06.2016 को आया था तथा उसी दिन शाम को उनके हॉॅस्पीटल के टेलीफोन पर भी मौलाना नाम के व्यक्ति का धमकाने वाला फोन आया था। फरियादी द्वारा घटना की रिपोर्ट पुलिस थाना नीमच केंट पर की गई, जिस पर से अपराध की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गई। विवेचक एस.आई. कैलाश सोलंकी ने विवेचना के दौरान धमकाने वाले मोबाईल नंबर का पता किये जाने पर सिमकार्ड हीरालाल निवासी प्रतापगढ़ की होना पाई गई, जिसके द्वारा बताया गया कि उसने कभी इस सिमकार्ड का उपयोग नहीं किया हैं। साईबर सेल से जानकारी प्राप्त करने पर पता चला की सिमकार्ड को ग्राम-धमोतर के एयरटेल कंपनी के रिटेलर गोविंद राठौर द्वारा हीरालाल के दस्तावेजों को छलपूर्वक प्राप्त कर व फर्जी हस्ताक्षर कर सिम एक्टीवेट करके सब-डीलर सत्यनारायण को दी थी, जिसके पश्चात् बाद में सिमकार्ड कमलेश व मौलाना को प्राप्त हुई थी। विवेचना के दौरान आरोपीगण को गिरफ्तार कर शेष आवश्यक अनुसंधान पूर्णकर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। विचारण के दौरान आरोपी मौलाना व कमलेश के फरार होने से आरोपीगण सत्यनारायण व गोविंद के विरूद्ध विचारण पूर्णकर निर्णय पारित किया गया।

यह भी पढ़े -शहर के पॉश ईलाके में डॉक्टर के घर चोरी, बैग पहले से साथ लेकर आया था, पुलिस मौके पर, जांच शुरु

विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा न्यायालय में फरियादी, विवेचक एवं साईबर विशेषज्ञ सहित सभी आवश्यक गवाहों के बयान कराकर आरोपीगण द्वारा फर्जी दस्तावेजों की सहायता से फर्जी सिमकार्ड बेचने के अपराध को प्रमाणित कराते हुवे उन्हें कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया गया।  न्यायालय द्वारा इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उद्देश्य से आरोपीगण को उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया गया।







Comments

Popular posts from this blog

मध्यप्रदेश की विधानसभा के विधानसभावार परिणाम .... सीधे आपके मोबाइल पर | election results MP #MPelection2023

हाईवे पर होता रहा मौत का ख़तरनाक तांडव, दरिंदों ने कार से बांधकर युवक को घसीटा

मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक मे प्रबंधक एवं अधिकारीयो ने दिया ईमानदारी का परिचय