वित्तीय साक्षरता किसी भी व्यक्ति के जीवन की आधारशिला है, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम में किया जागरूक
भारत सागर न्यूज/देवास। माइक्रो फाइनेंस इंडस्ट्री नेटवर्क (एमएफआईएन), जो कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त एनबीएफसी-एमएफआई के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का स्व-नियामक संगठन है, द्वारा शुक्रवार को डबलचौकी में एक दिवसीय वित्तीय साक्षरता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आम नागरिकों, विशेषकर ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लोगों को वित्तीय विषयों पर जागरूक बनाना और आत्मनिर्भर बनाना था। कार्यक्रम का उद्घाटन (एमएफआईएन) के रीजनल हेड धीरज सोनी ने किया।
उन्होंने कहा, वित्तीय साक्षरता किसी भी व्यक्ति के जीवन की आधारशिला है। यह कार्यक्रम लोगों को उनके वित्तीय निर्णयों में समर्थ बनाएगा और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि देवास जिले में 38 माइक्रो फाइनेंस कंपनियां कार्यरत हैं जो सभी आरबीआई द्वारा विनियमित हैं। इस अवसर पर आरबीएल फिनसर्व के हेड श्री वेद प्रकाश शुक्ला ने बताया कि, यदि किसी ग्राहक को सेवा से संबंधित कोई शिकायत हो तो वह लोन कार्ड में दिए गए ‘ग्राहक शिकायत निवारण नंबर’ या आरबीआई के टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
हम पारदर्शिता और ग्राहक संतुष्टि के लिए प्रतिबद्ध हैं। कार्यक्रम में वित्तीय शिक्षा के पाँच प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। जिसमें बचत एवं निवेश के सही विकल्प, ऋण प्रबंधन और सावधानी, बजट बनाना और खर्च पर नियंत्रण बीमा योजनाओं की जानकारी, वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव के उपाय आदि चर्चा हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय रीजनल हेड सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक, अरुण सिंह स्टेट हेड सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक ने ग्राहकों को बताए, साथ ही कार्यक्रम में जिला वित्तीय साक्षरता टीम के सदस्य एवं सभी बैंक एवं माइक्रो फाइनेंस स्टाफ उपस्थित रहे।
सभी ने अपने वक्तव्यों में वित्तीय साक्षरता को समय की आवश्यकता बताया और विशेषकर महिलाओं से अपील की कि वे सोच-समझकर ऋण लें और समय पर पुनर्भुगतान करें। यह कार्यक्रम सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक डबल चौकी ब्रांच के सहयोग से आयोजित किया गया। एमएफआईएन ने भविष्य में भी इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों को जारी रखने का संकल्प लिया है, जिससे समाज के हर वर्ग तक सही वित्तीय जानकारी पहुँच सके और अनधिकृत संस्थाओं द्वारा किए जा रहे भ्रामक प्रचार पर रोक लग सके।
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