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बाल दिवस .....

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समाजसेवी विशाल राण्डवा    सन्देश दे गए पथ दे गए बच्चो को दुलारकर उज्ज्वल उनका कल दे गए।।      सन्देश दे गए पथ दे गए रास्ता था कठिन मंजिल थी दूर लेकिन संघर्ष के बल पर हम सबको भारत स्वतंत्रत दे गए।।         बच्चो को दुलारकर         उज्ज्वल उनका कल दे गए नन्हों से असीम प्रेम,स्नेह कर चेहरे पर मुस्कान लेकर बच्चो को भावी निर्माता कह गए।।         बच्चो को दुलारकर         उज्ज्वल उनका कल दे गए स्वतंत्रता के बाद नव विचार कर अपना स्वार्थ त्याग अपना सर्वस्व देश को दान कर गए।।         बच्चो को दुलारकर         उज्ज्वल उनका कल दे गए तुमने इंसान को इंसान कहकर हर भेद मिटा हम बच्चो के चाचा नेहरू बन गए।।           बच्चो को दुलारकर           उज्ज्वल उनका कल दे गए.......!!

देश भक्ति क्या है ओर हम अपने देश को आगे कैसे बढ़ाये

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- लेखक अक्षय हिरवे मंडलेश्वर   ''  देशभक्ति किसी के लिए भी देश के प्रति उसके उच्चतम प्रेम और सम्मान की भावना को व्यक्त करता है। यह किसी देश के सांस्कृतिक मूल्यों तथा कार्यो का अंधाधुंध पालन करने में विश्वास नहीं रखता है बल्कि ये किसी देश के मूल्यों पर गर्व करने तथा देश की समृद्धि के विकास पर कार्य करने कि ओर अग्रसर रहता है। देशभक्ति अति महत्वपूर्ण है और हमें इस भावना को विशेष रूप से देश के युवाओं में पैदा करनी चाहिए ताकि वे जिम्मेदार नागरिकों के रूप में देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।   युवा राष्ट्र के भविष्य है और देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए तथा इसे संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए उनका सर्वोत्तम रुचि के साथ कार्य करना आवश्यक हैं क्योंकि मनुष्य जिस देश या समाज में जन्म लेता है, यदि वह उसकी उन्नति में समुचित सहयोग नहीं देता है तो उसका जन्म लेना व्यर्थ माना जाता हैं।   हमें अपने सरकार की खामियों के बारे में शिकायत करने के बजाये देश की वृद्धि एवं विकास के प्रति कार्य करना चाहिए। हम जानते है कि परिवर्तन लाने के लिए सदैव कुछ न कुछ बदलावों की आवश्यक्ता होती ही है। जिस देश में

"बिरसा मुंडा से हो गए बिरसा भगवान"

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लेखक अक्षय हिरवे नगर मण्डलेश्वर 15 नवंबर  जन्म दिवस पर विशेष   दुनिया में गत दो हजार वर्षों में जितने महापुरुषों ने भारत में जन्म लिया है उतने महापुरुषों ने अन्य किसी देश में नहीं लिया। अपने देश ने इतने आघात सहन किये फिर भी आज हम खड़े हैं यह संभव हुआ है हर परिस्थिति से लड़ने और मार्ग दिखाने वाले विभिन्न प्रतिभाओं से युक्त महापुरुषों के जन्म लेने के कारण, जिन्होंने आवश्यकता के अनुसार कार्य किये। ऐसा लगता है मां भारती के गले में विविध प्रकार के गुणों से युक्त असंख्य महापुरुषों की माला सुशोभित है जिनमें एक महापुरुष बिरसा मुंडा भी है । भारत में प्रथम आक्रमण यवन , शक एवं हूणों का हुआ जो भारत को लूटने के लिए आए। उन्हें अपने वीरों ने दृढ़ता से सामना कर समूल नष्ट किया । द्वितीय आक्रमण मुस्लिम आक्रांताओं का हुआ जो एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कुरान लेकर आए ,जिनसे हमने पांच सौ वर्षों तक संघर्ष किया। यह संघर्ष शक्ति एवं भक्ति दोनों मार्ग से हुआ और जब यह मुस्लिम शक्ति समाप्ति पर आई तब तीसरा आक्रमण अंग्रेजों का हुआ जिन्होंने इस देश की संपूर्ण व्यवस्था में परिवर्तन कर राष्ट्र को समाप्त करने का

कविता - चलो हम त्याग दंभ,आगे हाथ बढ़ाते है

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        विशाल ,  समाजसेवी        कविता   चलो हम त्याग दंभ,आगे हाथ बढ़ाते है चलो हम सद्भाव का दिया जलाते है।   मन की कड़वाहट छोड़ कर अपनों से नाता जोड़ कर आगे कदम बढ़ाते है चलो हम सद्भाव का दिया जलाते है।।   सबके प्रति सम्मान कर हर पंथ का रखते मान कर ज्योत से ज्योत लगाते है चलो हम सद्भाव का दिया जलाते है।।   पुरानी बातें भूलकर नफरतो की दीवारें तोड़कर हर आंगन में फूल खिलते है चलो हम सद्भाव का दिया जलाते है।।   कथनी को करनी कर लोभ को त्याग कर रंज भुला आमोद अपनाते है चलो हम सद्भाव का दिया जलाते है।।   मन में दृढ़ प्रतिज्ञा कर भारत का जय घोष कर इस मिटटी का तिलक लगाते है चलो हम सद्भाव का दिया जलाते है।।   चलो हम त्याग दंभ,आगे हाथ बढ़ाते है चलो हम सद्भाव का दिया जलाते है।।।    

चिकित्सा का व्यवसायीकरण ना हो

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       लेखक राकेश कुमार देशला    सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया सर्वे भद्राणि पश्यंतु मां कश्चित् दुख भाग भवेत् अर्थात सभी सुखी हो सभी नीरा मैं निरोगी हो किसी को किसी प्रकार का दुख ना हो | कहते हैं भगवान के बाद यदि किसी को स्थान दिया जाता है तो, वह है चिकित्सक का अर्थात डॉक्टर का ,यदि जन्म भगवान ने दिया है तो उसकी रक्षा करने का दायित्व चिकित्सक को दिया है | चिकित्सक को भगवान का दूसरा दर्जा यदि कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी| जब कोई व्यक्ति बीमारी से संक्रमित होता है , तो उसके जीवन पर बन आती है जिसके कारण वह अपना जीवन सहजता से नहीं जी पाता उसे अपनी बीमारी का उपचार कराने हेतु वैध या चिकित्सक या डॉक्टर के पास जाना होता है तथा चिकित्सक अपने मरीज को ठीक करना अपना धर्म समझता है | यह इतना पावन कार्य है जिसकी कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती , किंतु आज के समय में यह देखा जा रहा है कि व्यक्ति की बीमारी में डॉक्टर अपनी कमाई देखते हैं| अपनी कमाई को बढ़ाने के चक्कर में अपने सिद्धांतों को पीछे रख में केवल और केवल धन अर्जन करना कि अपना मूल सिद्धांत बना बैठे हैं | उनकी नजरों में मरीज धन देने

चले संस्कृति की ओर, हो गुणगान वेदों का

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          विनोद पटेल,  मूंदी           भारत सागर न्यूज़  आज के समय को देखते हुए बच्चों व युवा अपने ही संस्कृति से दूर होते जा रहे है आज के  समय को देखते हुए युवा नशे का आधि होते जा रहा है एक युवा पीढ़ी राजनीति में कदम रख कर अपनी मूल रूप शिक्षा ग्रहण नही कर रहा है एक और देखा जाए युवा देश का आधार है और अगर देश का आधार ही नशे का आदि होगा तो देश को आगे बढ़ाने के लिए युवा कैसे मिलेगा एक ओर युवा मूल संस्कृति को छोड़कर फैशन की दुनिया मे चले जा रहा है युवा पीढ़ी में अधिक देखे जाने वाला युवा को अधिक जोश आना बिना सोचे समझे गुस्सा करना इसी के चलते युवा को अपनी संस्कृति की ओर आकर्षित होना चाहिए युवा अपने जीवन मे आने वाली हर समस्या को हल करने के लिए उससे अपने वेदो की ओर लौटना होगा जब वो अपने वेद ,शास्त्र पड़ेगा तो उसकी सोचने की ताकत बढ़ेगी जिससे वो आने वाली पीढ़ी को सच्चे ज्ञान को बता सके ऐसे होने से एक फिर से कलयुग में सतयुग की अनुभूति होने लगेगी जहाँ पर एक धर्म की बाते सुनाई देगी युवा को जातिवाद से दूर होना होगा जिस जातिवाद के कारण कई गरीब वर्ग के युवा अपनी प्रतिभा को सामने नही ला पाते है युवा मददगार हो

युवा पीढ़ी समय का सदुपयोग करना सीखे

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  लेखक :-  शेखर आर्य केहलारी बिता हुआ समय कभी नही लौटता। गया समय फिर हाथ नही आता।। समय का सदुपयोग-जिस प्रकार मुँह से निकली हुई बात, कमान से छुटा तीर,देह से निकली आत्मा,बिता हुआ बचपन, गुजरी हुई जवानी ,नछत्र लोक से टूटे तारे शाखा से टूटी टहनी पेड़-पौधों से कभी फूल नही लौटते उसी प्रकार बिता हुआ समय कभी नही लौटता। समय का किसी के साथ बंधुत्व मित्रता अथवा जाति-बिरादरी का संबंध नही जो उसे जोर देकर लौटा सके।उस पर किसी का पराक्रम भी नही चलता।करोड़ो स्वर्ण मुद्राओ का कमीशन ओर रिश्वत उसके सम्मुख पानी भरते हैं।उसका कोई 'बॉस'नही जिसका वह दबाव माने।उसका कोई गुरु नही,जिसका वह शिरोधार्य करे।अर्थवेद में सच कहा है-समय(काल) विश्व का स्वामी है (काले हि सर्वस्यश्वर:) भाई वीरसिंह कहते हैं,'लंघ गया न मुड़के आवदा'(एक बार जो बीत गया वह फिर लौट कर नही आएगा)वर्जिल कहते हैं 'समय पुनः वापस न आने के लिए उड़ा जा रहा है 'सवायम्भूदेव पूछते हैं गया दियाहं कि एन्ति पडीवा' अर्थात गए हुए दिन क्या फिर लौट कर आते हैं? महात्मा गांधी कहते हैं -एक भी मिनट जाता है तो कभी लौट कर वापस नही आता है। 'दास

आज की शिक्षा पद्धति - डॉ. राकेश कुमार

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              डॉ. राकेश कुमार विद्यां ददाति विनयं विनयाद् याति पात्रताम् । पात्रत्वात् धनमाप्नोति धनात् धर्मं ततः सुखम् ॥   विद्या विनय देती है; विनय से पात्रता, पात्रता से धन, धन से धर्म, और धर्म से सुख प्राप्त होता है । शिक्षा व्यक्ति को सर्वगुण संपन्न बनाने के लिए होती है किंतु आज की स्थिति में ऐसा देखा जा रहा है कि विद्या या शिक्षा धन कमाने का एकमात्र साधन बन चुका है तथा वैदिक काल में शिक्षा पद्धति आश्रम आधारित होती थी जिसमें व्यक्ति आश्रम में रहकर संस्कृति ध्यान योग गणित संस्कार ब्रह्मचर तथा शस्त्र विद्या शास्त्र विद्या आध्यात्मिक विद्या से परिपूर्ण पद्धति होती थी जिसमें व्यक्ति का संपूर्ण विकास होता था जिसके चलते भारत विश्व गुरु के रूप में विख्यात था लेकिन कई वर्षों से हमारी मूल शिक्षा पद्धति को भ्रष्ट कर विभिन्न प्रकार की शिक्षा पद्धतियों का प्रयोग किया जा रहा है जिसके चलते आज की स्थिति में शिक्षा केवल व्यवसाय हो चुकी है अगर वास्तविकता देखी जाए तो आज की पद्धति से व्यक्ति शिक्षित हो रहा है किंतु क्या यह पद्धति रोजगार उन्मुख है यह चिंता का विषय है आज आ लोगों के द्वारा प्राइवेट स्क

एक पैगाम युवा शक्ति के नाम......

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आपने सुना होगा एक बार एक भक्तों ने भगवान से प्रश्न किया प्रभु तेरे इसमें मेरी पूरी श्रद्धा है तुझ को मेरे पर विश्वास है या नहीं प्रभु ने कहा तेरी मेरे पे पूरी श्रद्धा होती तो तू यह प्रश्न ही नहीं करता हमें युवा शक्ति पर पूरा विश्वास है इसीलिए हमने मन की बात कह  रहे हैं जहां भी आप जैसे युवा साथियों की जमात खड़ी होती है जानते हो सब की दृष्टि उधर क्यों चली जाती आपके समूह को देखने वालों को उस विराट स्वरूप का बोध होता है जो सृष्टि रचना के पांच तत्वों में छुपा पड़ा है समुद्र में तूफान वायु में आनी अग्नि में दावानल  मिट्टी में सहनशीलता एवं आकाश में तेज सभी कुछ तो है आपके अंदर आप अपनी इन महान शक्तियों को पहचाने और मर्यादा में रहकर इन का सही उपयोग करें किसी भी महापुरुष की जीवनी में उन्होंने जीवन में क्या किया है इसी का कितना रहता है औरों के भले के लिए क्या किया इसी का उल्लेख रहा है कोई व्यक्ति सिर्फ अपना एवं परिवार का ही निर्वाह करता रहे उसे परिवार वाले भी स्मरण नहीं करते राणा प्रताप के चेतक का नाम आप जानते हैं जो आप से 400 वर्ष पूर्व हुआ था क्या आप अपने पूर्वजों के बारे में जानते हैं जो सिर्फ

आंदोलनों में पुलिस बेबस ? क्या लोकतंत्र है खतरे में ? सरकार और विपक्ष दोनों को करना पड़ रहे आंदोलन और रैलियां ! कौन सही - कौन गलत  ? 

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पुतला दहन में पुतले बने पुलिस - प्रशासन के जिम्मेदार , अप्रिय घटना में कौन जिम्मेदार ? देवास। पिछले दिनों भाजपा ने एक किसान आक्रोश रैली निकाली थी जिसमें उपस्थित नेताओं ने राज्य की कांग्रेस सरकार ने खुब खरी-खोटी सुनाई थी। उक्त रैली में भाजपाईयों ने किसानों के ऋण माफ न करने, बिजली बिलों आदि के संबंध में भाषण दिये थे। साथ ही कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री का पुतला जलाने में भी विपक्षी सफल रहे । इस दौरान उपस्थित पुलिस और प्रशासन ने उक्त पुतले को सफलतापूर्वक जलने दिया।  ठीक वैसी ही स्थिति आज के आंदोलन की रही जिसमें  कांग्रेस के नेताओं ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा और केन्द्र से किसी भी प्रकार की मदद न मिलने पर सरकार में काबिज नेताओं को आंदोलन करना पड़ा । इस दौरान नेताओं ने सेस और राष्ट्रीय आपदा की राशि राज्य को न देने की बात कही। इस आंदोलन के दौरान कांग्रेसियों ने प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया और यह पुतला भी कलेक्टर कार्यालय में जलाया गया।  दोनों स्थितियों पर गौर किया जाए तो दोनो पार्टियां एक- दूसरे पर आरोप -प्रत्यारोप कर रही हैं। एक पार्टी कहती है कि हमें केन्द्र से सहायता नही मिलती त

मरुस्थलीकरण रोकने की मुहिम, ताकि बची रहे जमीन

भारत ने 2030 तक 2.1 करोड़ हेक्टेयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने के अपने लक्ष्य को बढ़ाकर 2.6 करोड़ हेक्टेयर करने का फैसला किया है। इसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूनाइटेड नेशन्स कन्वेंशन टु कॉम्बैट डिजर्टिफिकेशन (यूएनसीसीडी) के 14वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए की। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भूमि क्षरण जैसे मुद्दों पर भारत के सहयोग का भरोसा दिलाया और कहा कि सरकार ने ठान लिया है कि भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए कोई जगह नहीं होगी। उन्होंने जानकारी दी कि 2015 और 2017 के बीच भारत में पेड़ों और जंगल के दायरे में आठ लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है। पर्यावरण की रक्षा को लेकर प्रधानमंत्री का संकल्प एक शुभ संकेत है। उम्मीद करें कि सरकार की नीतियों में यह और भी प्रखर रूप में झलकेगा। उपजाऊ जमीनों का मरुस्थल में बदलना निश्चय ही पूरी दुनिया के लिए भारी चिंता का विषय है। इसे अब एक धीमी प्राकृतिक आपदा के रूप में देखा जाने लगा है। संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन संबंधी अंतर-सरकारी समिति (आईपीसीसी) ने पिछले महीने अपनी रिपोर्ट

संपादकीयः घाटी के हालात

मीर में हालात सामान्य बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के कदम से यह उम्मीद बंधती है कि घाटी के जिलों में जनजीवन जल्द पटरी पर लौटेगा। हालांकि सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को कोई निर्देश नहीं दिया है, लेकिन जो कहा है वह भी कम महत्त्वपूर्ण नहीं है। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले पीठ ने कुछ याचिकाओं पर सनवाई के दौरान कहा कि आंतरिक सुरक्षा और राष्ट्रहित को देखते हए सरकार को ऐसे कदम तत्काल उठाने चाहिए, जिनसे जनजीवन सामान्य हो सके। पिछले महीने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद से राज्य में बनी स्थिति को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। रोजाना खबरें आ रही हैं और टीवी चैनलों की रिपोर्टों में भी देखने को मिल रहा है कि घाटी में सब बंद जैसा ही है। पूरा क्षेत्र एक तरह से कैदखाने में तब्दील हो चुका है। घाटी में लंबे समय से संचार सेवाएं ठप-सी हैं। सडकों पर सन्नाटा है। काम-धंधे भी बंद हैं। स्कूल खुल नहीं रहे। सड़कों पर फौज और सुरक्षा बल चप्पे-चप्पे पर गश्त दे रहे हैं। अखबार छप तो रहे हैं, लेकिन जर्बदस्त प्रतिबंधों के बीच। ये सारी स्थितियां बता रही हैं कि घाटी में सब कछ सामान्य

निजता और नियंत्रण

सुप्रीम कोर्ट ने आधार को सोशल मीडिया प्रोफाइल से लिंक करने के मामले में केंद्र सरकार से 24 सितंबर तक जवाब मांगा है। उसने यह जानना चाहा है कि सोशल मीडिया को नियंत्रित करने के लिए सरकार के पास क्या योजना है। उसने यहां तक टिप्पणी की कि अगर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है तो हमें ही कुछ करना होगा। ___ गौरतलब है कि तमिलनाडु सरकार ने सोशल मीडिया प्रोफाइल को आधार से लिंक कराने की पहल की है। उसकी दलील है कि ऐसा होने से सोशल मीडिया के जरिए राष्ट्रविरोधी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी लेकिन इस कदम पर फेसबुक ने . आपत्ति जताते हुए कहा है कि आधार को सोशल मीडिया अकाउंट से लिंक करने पर यूजर्स की प्राइवेसी खत्म हो जाएगी। इस सिलसिले में मद्रास, बॉम्बे और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में मामले चल रहे हैं। फेसबुक ने याचिका दाखिल करके मांग की थी कि इन मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। केंद्र सरकार ने कहा है कि उसे इस पर कोई आपत्ति नहीं है। दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से सोशल मीडिया के रुपयोग के एक से एक खतरनाक मामले इतनी तेजी से सामने आ रहे हैं कि इस पर नजर रखने की जर

संकट का उद्योग

भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग करीब साल भर से जिस घोर संकट से गुजर रहा है, वह चिंताजनक है। सोमवार को ऑटोमोबाइल कारोबार से जुड़े संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सिआम) ने जो रिपोर्ट जारी की, वह बता रही है कि पिछले बाईस साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब उद्योग हांफ रहा है। साल 2000 और 2008 की मंदी में भी हालात इस कदर नहीं बिगड़े थे कि कारखानों के चक्क थम रहे हों, उत्पादन रोका जा रहा हो, बिक्री ठप पड़ गई हो और कामगारों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा हो। पर आज की तस्वीर भयावह है। सबसे गंभीर बात तो यह है कि इस उद्योग से जुड़े लोगों की नौकरियों पर तलवार लटक गई है। पिछले छह महीने में साढे तीन लाख लोगों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गयापिछले दस महीनों से वाहनों की बिक्री में गिरावट की खबरें आ रही हैं। हर आने वाले महीने में पिछले महीने के मुकाबले गिरावट का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। जुलाई के महीने में वाहन बिक्री में इकतीस फीसद की गिरावट रही थी और अगस्त में इसमें एक फीसद का और इजाफा हो गया और गिरावट बनीस फीसद हो र बत्तीस फीसद हो गई। यह बात हैरान करने वाली इसलिए भी है कि हमेशा गुलजार रहने वाला भ

एक और धमाका, कुछ और मौतें

पंजाब का बटाला शहर 16 सितंबर को श्री गुरु नानक देव जी का 531वां विवाह उत्सव मनाने की तैयारी जोर-शोर से कर रहा था। हर जगह साफ-सफाई, टूटी-फूटी सड़कों की मरम्मत, बिजली-पानी की सुचारू व्यवस्था की जा रही थी, ताकि इस उत्सव में किसी किस्म की कमी न रह जाए। लेकिन इस बड़े आयोजन से पहले इस शहर में शोक पसर गया है। बुधवार को पाकिस्तान सीमा से लगा बटाला शहर धमाके से दहल गयायह काम किसी बाहरी दुश्मन का नहीं था, बल्कि घर में बैठे दुश्मन का ही था। वो दुश्मन जिससे लड़ने, जड़ से खत्म करने का दावा हर राजनैतिक दल और हर सरकार करती है, लेकिन फिर भी वह अपनी जड़ें फैलाए जा रहा है। यह खतरनाक दुश्मन है भ्रष्टाचार । इस भ्रष्टाचार की वजह से ही देश के कोने-कोने में कई अनैतिक काम, कई अवैध कारोबार पनपते हैं और इन पर चर्चा तभी होती है, जब कोई बड़ी दुर्घटना हो जाए। बटाला में पटाखा फैक्ट्री में हुआ धमाका इसी भ्रष्टाचार की देन है। शहर में चल रहे इस पटाखा कारखाने में शाम 4 बजे के आसपास विस्फोट हुआ, जो इतना जबरदस्त था कि इसकी गूंज कम से कम पांच किमी के दायरे में सुनाई दी। फैक्ट्री में काम करते मजदूरों और मालिक के समेत 23 लो

महाबली........... कविता

  कविता आधारकार्ड राषनकार्ड, बैंक ने नाम बदलदिया मोदी नाम जगत बदल के योद्धा नाम रख दिये स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को 5 अगस्त कर दिया संसद में सबके सामने सत्ता बम्म भी फोड़ दिया झंडा लाए, डंडा गड़ाए कष्मीर में तिरंगा फहरा दिया तीन सौ सत्तर का सिर काट के 376 भी कर दिया अमित शाह सेना पाक रेप में शामिल कर लिये मोदी नाम जगत बदल के योद्धा नाम रख दिये पहले हमारे पुराने नोट छीने, बोट प्रेम से ले लिए प्रथम सावन सोमवार को चंद्रयान ”दो” उड़ा दिए दूसरे सोमवार तीन तलाक तीर वीर पे चला दिए तीसरे सोमवार 370, 35ए कष्मीर से हटा दिए इतिहास भूगोल दोनो स्वर्ण अक्षरो में लिए दिए मोदी नाम जगत बदल के योद्धा नाम रख दिये सत्तर साला काला कानून क्रूर हुर से छीन लिया जम्मू कष्मीर पुर्नगठन बिल भी पास कर लिया रक्तपात आतंकवाद माउवाद दाग धब्बा धो दिया संयुक्त राष्ट्र अंग्रेजो के गाल पे थप्पड़ जड़ दिया एक राष्ट्र, एक विधान, एक निषान देष कर दिए मोदी नाम जगत बदल के योद्धा नाम रख दिये केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह केन्द्र प्रदेष बना लिया 70 साला कुषासन मिटा के भारत में विलय कर लिया जन धन परिलक्षित कर स्वतंत्र कष्मीर बना लिय

निर्मम समाज में स्वच्छता सेनानियों की गुमनाम शहादत

- डॉ राजू पाण्डेय गुजरात में वडोदरा से 30 किलोमीटर दूर डभोई तहसील के फरती कुई गांव में एक होटल के सीवर की सफाई के दौरान मैन होल में उतरे 7 लोगों की जहरीली गैस से दम घुटने के कारण मौत हो गई। मैन होल से सर्वप्रथम अंदर जाने वाले महेश पाटनवाडिया के बाहर न निकलने पर उनकी कुशलता जानने के लिए एक के बाद एक सात सहकर्मी मैन होल से अंदर प्रविष्ट हुए और 15 मिनट में सभी की मृत्यु हो गई। इनमें 4 सफाई कर्मचारी और 3 होटल कर्मी थे। यह भयंकर और हृदयविदारक घटना इस तरह की लगातार घट रही दुर्घटनाओं से जरा भी भिन्न नहीं थी। सफाई कर्मियों को बिना किसी सुरक्षा उपाय के यह कार्य करने के लिए विवश होना पड़ता था। स्थानीय प्रशासन को अनेक बार संभावित अनहोनी की आशंका से अवगत कराया गया था किंतु कोई कदम नहीं उठाया गयाअब दोषियों की गिरफ्तारी और मुआवजे की घोषणा जैसे रस्मी कदम उठाए जा रहे हैं। होटल मालिक पर जो धाराएं लगाई गई हैं वह उसके अपराध की तुलना में बहुत हल्की हैं। यदि मीडिया मामले को निरन्तर उठाता रहा तो शायद इनमें कुछ इजाफा भी हो जाएगा। किन्तु जैसा अब तक होता रहा है सीवर सफाई करने वाले कर्मचारियों को निर्ममतापूर्वक

दवा और भोजन के अभाव में मस्ते बच्चों के देश में ऐश्वर्य का फूहड़ प्रदर्शन ।

हमारा देश वास्तव में महान कहलाने का सही हक़दार है , क्योंकि इसी देश में हाल ही पिछले दिनों और अभी भी बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिलों में फैली चमकी बुखार से मात्र 15 दिनों में गरीब लोगों के 170 नन्हें बच्चों की कपोषण ,दरिद्रता और दवा के अभाव में दर्दनाक मौत हो गई है । समाचार पत्रों की एक रिपोर्ट के अनुसार इन अभागे बच्चों के 287 गरीब परिवारों के लगभग दो-तिहाई माँ-बाप मिट्टी के घरों में अपना गजारा करते हैं वे लोग केवल औसतन प्रतिदिन 148 रूपये रोज मजदरी में मिले रूपयों से अपने परिवार का पेट पालते हैं, उन्हें साफ पानी तक पीने को मयस्सर नहीं 6 ज्ञातव्य है मुजफ्फरपुर में मरे 170 बच्चे सिर्फ गरीबों के दाने-दाने को मुहताज कपोषित बच्चे मरे हैं, यह बात पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने अपनी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से लिखी है 8 इसके विपरीत इसी देश में आज के लगभग सभी समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों के अनुसार 20 और 22 जून को दक्षिण अफ्रीका के उद्योगपति ने उत्तराखंड के चमोली जिले के औली नामक स्थान पर अपने बेटों की शादी में दो सौ करोड़ रूपये खर्च करके भारत के भूख से बिलब

मौसम की उलटबांसी

यह कैसी विडंबना है कि एक तरफ देश के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में हैं, दूसरी तरफ कुछ हिस्से सूखे का संकट झेल रहे हैं। यह मौसम में भारी असंतुलन का संकेत है और आगे यह और बढ़ने वाला है। इसे एक चेतावनी की तरह लेते हुए हमें अपने रहनसहन में भारी बदलाव करना होगा। इन दिनों पूर्वोत्तर राज्यों, खासकर असम में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के अनुसार इस बार असम के 33 में से 30 जिले बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। हालांकि सरकार की तत्परता की वजह से इस बार अब तक 30 लोगों की ही मौत हुई है, जबकि 2018 में 45 लोग मारे गए थे और 2017 में 85 जानें गई थीं। बाढ़ का तात्कालिक कारण भारी वर्षा है लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि नॉर्थ-ईस्ट में मॉनसूनी बरसात में लगातार कमी आती जा रही है। पूर्वोत्तर राज्यों, खासकर असम में सन 1870 से ही औसत मॉनसूनी बारिश में लगातार कमी देखी जा रही है जबकि अचानक भारी बरसात से आने वाली बाढ़ का ट्रेंड बढ़ गया है। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है। औसत वर्षा में कमी आने की गति 1981 में तेज हुई। असम में औसत वार्षिक वर्षा 1,524.6 मिलीमीटर होती

स्वर्णिम संसार का संकलन 

स्वर्णिम संसार का संकलन  थोड़ी धीर धरोधरणी धरती माँ  तेरे कदमों में सतयुग आ जाएगा  है नहीं वक्त ज्यादा कुछ ही वर्षो में  देश दुनिया का नक्शा बदल जाएगा  सतयुग आने से बीघा में सौ मन मिले  तीस बत्तीस में सोना भी बिक जाएगा  चूडिय़ों में भी हीरे बहुत जड़े जाएंगे दूध घीं की सुधा धार बह जाएगी  सौर मण्डल से सोने का धूमकेतु मिले  लोहा निकल धातु भी मिल जाएगी हिमालय से हीरे की खान मिलेगी  हर व्यक्ति अरबपति हो जाएगा  धर्म का राज भारत में छाएगा  सब में मानव सदाचार आ जाएगा कोई भी भूखा नहीं रह पाएगा   ऐसा सुंदर सुगम वक्त आ जाएगा  जितने पापी कुकर्मी इस दुनिया में हैे  उनका नामो निशान भी न रह पाएगा  सारे संसार के संतों की है ये वाणी  सारे मानव का मेल भी धुल जाएगा  चेतो प्यारो चलो धर्म पर आ डटो उस प्रभु की नबी की इबादत करो  वर्ना सतयुग के आने से पहले ही  बच्चा तेरा कचुमर निकल जाएगा  सूरज पूरब का पश्चिम से उग सकता है  दिन दहाड़े ग्रहण रात हो सकती है  जय गुरू देव दयाल की अटल है वाणी  काल भगवान भी सतयुग नहीं रोक पाएगा      -  रामसिंह राजपूत