शिवपुराण कथा के शुभारंभ पर निकली कलश यात्रा, पीले वस्त्र धारण कर शामिल हुए श्रद्धालु


देवास। राजाराम नगर में कुशवाह परिवार के तत्वावधान में सप्त दिवसीय श्री शिव महापुराण की अमृत ज्ञान गंगा पं. महेश गुरू जी के श्रीमुख से 17 दिसम्बर तक  दोपहर 1 से सायं 5 बजे तक प्रवाहित होगी। आयोजक कुसुम कुशवाह एवं मोनू कुशवाह ने बताया कि शिव महापुराण की श्रृंखला का शुभारंभ रविवार को प्रात: 11 बजे गणेश मंदिर के पास से पूजा-अर्चना के साथ अमृत कलश यात्रा से हुआ। यात्रा में बड़ी संख्या में मातृशक्तियां आकर्षक वेशभूषा में शामिल हुई। इसके साथ ही बैंड पर शिवपुराण पर आधारित विभिन्न भजनों की स्वर लहरियां बिखेर रही थी। समाज जन शिव पुराण शिरोधारा कर चल रहे थे। कई स्थानों पर श्रद्धालुओ ने शिव पुराण पर पुष्प अर्पित कर पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद ग्रहण किया । 





महिलाएं गरबा नृत्य करती चल रही थी। लाल, पीली परिधानों में अमृत मंगल जल कलश शिरोधार्य किए चल रही थी। कथा के प्रथम पं. महेश गुरू जी ने कहा कि जो भी मनुष्य श्रद्वा के साथ श्री शिव महापुराण कथा का श्रवण करता है, उसके जन्म जन्मान्तर के पापों का हरण हो जाता है, वह जन्म मरण के बन्धन से मुक्त होकर अन्त में भगवान शिव के परम लोक को प्राप्त होता है उन्होने कहा शिव का अर्थ होता है कल्याण, वे सदैव अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। श्री शिव महा पुराण भगवान शिव के लीलाओं और उनके महात्मय से भरा पड़ा है। इसमें ज्ञान का अतुलनीय भंडार है। भगवान शिव थोड़े समय में ही थोड़ी सी भक्ति से अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं। इस महापुराण के चौबीस हजार श्लोक शिव भक्ति का संचार करती है। कथा की पूर्णाहूति 17 दिसम्बर को होगी। 18 दिसंबर को भंडारा होगा।

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