नल-जल योजना का ट्यूबवेल सूरवा, सरपंच ने डेढ़ किमी दूर अपने खेत से पहुंचाया पानी

सरपंच ने खुद के खर्च पर गांव में की पानी की व्यवस्था



निंबोला (खण्डवा)। जिले में गिरते जलस्तर के कारण लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। समस्या के निराकरण के लिए पीएचई विभाग और पंचायतें जूझ रही हैं। ऐसे में बसाड़ पंचायत के सरपंच व्यवस्था को कोसने के बजाय खुद इसका निराकरण खोज लाए हैं। उन्होंने गांव में नल-जल योजना के तहत पानी प्रदाय बंद होने के बाद डेढ़ किमी दूर अपने खेत से ग्रामीणों के लिए पानी की व्यवस्था की। वे अपने खर्च पर गांव तक पानी पहुंचाकर ग्रामीणों को निशुल्क मुहैया करा रहे हैं। इससे गांव के दो हजार ग्रामीणों ने बड़ी राहत महसूस की है। ग्राम बसाड़ में ट्यूबवेल से पाइप लाइन जोड़कर गांव के 11वार्डों में पानी प्रदाय किया जाता है, लेकिन भूमिगत जलस्तर गिरने के कारण हफ्ता भर पहले नल-जल योजना का ट्यूबवेल भी सूख गया। इस कारण घरों तक पानी पहुंचना बंद हो गयाग्रामीणों ने सरपंच ज्ञानेश्वर पाटील को समस्या बताई। इस पर सरपंच ने किसी और को दोष देने के बजाय डेढ़ किमी दूर अपने खेत से ग्रामीणों के लिए पानी की व्यवस्था की। उन्होंने पहले दूर स्थित अपने खेत के कुएं से गांव के पास अपने ही दूसरे खेत के कुएं में पानी पहुंचाया। यहां से 50 फीट का पीवीसी पाइप, दो वाल्व और चार हजार रुपए कीमत की सर्विस केबल लगाकर गांव तक पानी पहुंचाया। छह मजदूरों से यह काम पूरा कराने के बाद रविवार शाम 6 बजे से ग्रामीणों को पानी मिलने लगा हैइस पूरी व्यवस्था पर सरपंच को 15 हजार रुपए खर्च आया है। इसके बाद ग्रामीणों को पानी के लिए खेतों में भटकने से छुटकारा मिला है। ग्रामीणों ने बताया बसाड़ ताप्ती नदी किनारे बसा है। पेयजल व्यवस्था के लिए गांव में तीन हैंडपंप और नल-जल योजना का ट्यूबवेल था। लेकिन यह पहली बार हुआ कि ताप्ती नदी पूरी तरह सूख गई। इस कारण भूमिगत जलस्तर भी काफी नीचे चला गया। हैंडपंप, कुएं सहित अन्य जलस्रोत भी दम तोड़ गए। हफ्ते भर पहले नल-जल योजना बंद होने के बाद दूर स्थित खेतों से पानी ला रहे थे। समस्या को देखते हुए पंचायत में पहली बार हुआ है कि सरपंच ने अपने ही खर्च पर अपने खेत से गांव तक पहुंचाकर लोगों को पानी मुहैया कराया हो। जब तक बारिश नहीं होती, ग्रामीणों को पानी दूंगा - सरपंच ज्ञानेश्वर पाटील ने कहा ग्रामीणों ने मुझे अपना जनप्रतिनिधि चुना है। उनकी समस्या, मेरी समस्या है। जलसंकट की इस स्थिति में मैं उन्हें परेशानी में नहीं देख सकता। इसलिए अपने खेत के कुएं से पूरे गांव के लिए पानी उपलब्ध कराया है। छह घंटे खेत में सिंचाई करने के बाद बाकी के छह घंटे गांव में पानी प्रदाय किया करने के बाद बाकी के छह घंटे गांव में पानी प्रदाय किया जाएगा। जब तक बारिश नहीं हो जाती, ग्रामीणों को इसी तरह पानी उपलब्ध कराऊंगा।


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