सीएम हैल्पलाईन एवं जनसुनवाई में शिकायत के बाद भी निराकरण नही होने से ग्रामीण होने लगे मायूस शासन की योजना आवास


, शौचालय निर्माण एवं पट्टे का नही मिल रहा लाभ

देवास। सीएम हैल्पलाईन एवं जनसुनवाई प्रशासन द्वारा लोगो की त्वरित समस्याएं हल करने के लिए बनाई गई है। लेकिन इन पर हजारो की संख्या में शिकायते दर्ज होने के बाद भी अधिकारियो द्वारा लोगो की समस्याओ का निराकरण नही हो रहा है। आमजन अब अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है। ग्राम नागुखेड़ी के ग्रामीणो ने पचासो बार सीएम हैल्पलाईन एवं 6 से 8 बार जनसुनवाई में शिकायत के बाद भी समस्याओ का निराकरण नही किया जा रहा है। कलेक्टर सहित आला अधिकारियो द्वारा सीएम हैल्पलाईन की लंबित समस्याओ को शीघ्र हल करने के निर्देश दिए जाते है, लेकिन वे निर्देश सिर्फ औपचारिकता के रूप में ही रहते है, उन पर पूर्ण रूप से अमल नही होता। यदि लोगो की समस्याओ के शीघ्र निराकरण शासन के अधिकारियो द्वारा किए जाते तो आज जनसुनवाई में लोगो की इतनी भीड़ नही लगती और नाही सीएम हैल्पलाईन पर एक व्यक्ति द्वारा 4 से 5 बार शिकायते दर्ज कराई जाती। मंगलवार को ग्राम नागूखेड़ी (दुर्गानगर) तहसील देवास के पात्र व्यक्तियों को शासन द्वारा दी जा रही शासकीय योजना प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय निर्माण की राशि एवं पट्टा वितरण का लाभ सही ढंग से नही दिया जा रहा है, शासन के अधिकारीध्कर्मचारियों द्वारा ग्रामीणों के साथ की जा रही लापरवाही के विरोध में ग्रामीणों ने एकत्रित होकर जनसुनवाई में कलेक्टर को ज्ञापन सौपा। 

ग्रामीण जसवंत दिवानिया ने बताया कि ग्राम नागूखेड़ी अंदर जो आवासीय कालोनियां है, उपरोक्त कालोनियों में हरिजन आदिवासी के लोग विगत 50 वर्षों से अधिक से वहां निवासरत है। उपरोक्त सभी ग्रामीण गरीब होकर मेहनत मजदूरी करते हुए अपना व अपने परिवार का पालन पोषण करते है, वर्तमान में केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा जो योजनाएं आवासीय पट्टे एवं उक्त पट्टे पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान निर्माण हेतु राशि प्रदाय की जा रही है, किंतु पात्र ग्रामीणों को कई वर्षों से उक्त योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है। पट्टे का लाभ उन लोगो को दिया जा रहा है जो सक्षम है, दलित और मजदूर वर्ग के लोग इस योजना से वंचित है। ग्रामीणो ने जनुसनवाई में दिनांक 10.1.2017, 27.6.2017, 4.7.2017, 18.7.2017, 8.5.2018 को कलेक्टर के समक्ष ज्ञापन सौंपा। किंतु आज दिनांक तक कार्यवाही नही हुई और हमेशा की तरह मायूसी हाथ लगी। गांव में अत्यधिक हरिजन, आदिवासी के लगभग 80 प्रतिशत आबादी है। पंचायत के जिम्मेदार लोग जिनके द्वारा सही सर्वे करवाते हुए हितबद्ध एवं पात्र व्यक्तियों को शासन योजनाओं अनुसार आवासीय पट्टे तथा मकान निर्माण हेतु राशि एवं शौचालय की राशि प्रदान किया जाना आवश्यक है। किंतु समय-समय पर हुए सर्वे में एक सूत्री में 58 शौचालय निर्माण एवं दूसरी सूची में 46 नाम शौचालय निर्माण के ना है, नियमानुसार 12,000 रूपए प्रति पात्र व्यक्ति को मिलना चाहिए, किंतु उन्हें उपरोक्त राशि नही दी गई। पंचायत के पदाधिकारी लोगों के मौखिक कहने पर काफी लोगों ने कर्जा लेकर शौचालय निर्माण करवा भी लिया है, किंतु उन्हें राशि नही दी गई। कुछ लोगों को मरम्मत के नाम पर 9800 रूपए किसी को मात्र 7200 रूपए खाते में डाले गए और किसी के व्यक्ति में आज दिनांक तक पैसा नही आया है। बल्कि शौचालय निर्माण की राशि उन्हें दी जाना चाहिए ना कि मरम्मत की राशि एवं जो परिवार छूटा है। उन्हे सर्वे करवाकर नाम जोड़े जाए। अगर जवादार अधिकारी द्वारा बिना निष्पक्ष एवं उचित जाँच किए अगर ग्राम पंचायत को ओडीएफ किया गया है तो ऐसे अधिकारी पर उचित कार्यवाही की जाए। 

     ग्रामीणों ने कलेक्टर से मांग की है कि गांव के जिन लोगों योजनाओं का लाभ नही मिला है उन्हें तुरंत कार्यवाही कर लाभ दिया जाए और योजनाओं को देखने वाले अधिकारीध्कर्मचारी जो अभी तक ग्रामीणों को योजनाओं का दिलाने में असमर्थ रहे उन पर कठोर कार्यवाही की जाए। यदि शीघ्र ही ग्रामीणो की समस्याओ का हल नही किया गया तो ग्रामीणो द्वारा धरना प्रदर्शन कर चक्काजाम किया जाएगा, जिसकी समस्त जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी। इस अवसर पर विष्णु मंडोर, गंगाराम मालवीय, मुकेश सोलंकी, उमा झिनीवाल, राहुल हरियाला, दिलीप राजोरिया, जितेंद्र मंडोर, लाखन टिपानिया, राजेश अहिरवार, दिलीप राजोरिया सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

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