टीएमयू के प्रो. राजुल ने वियना में प्रेजेंट किए 13 शोध पेपर्स

यूरोपियन कांग्रेस ऑफ रेडियोलॉजी-2024 कांन्फ्रेस की थीम थी- द फ्यूचर ऑफ रेडियोलॉजी- ब्लरिंग द लाइन्स बिटवीन साइंस फिक्शन एंड रियल्टी, दुनिया के 67 देशों के 2003 प्रतिभागियों ने की शिरकत 

  • 67 देशों के 2,003 स्पीकर्स ने किए अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत 
  • टीएमयू के प्रो. राजुल रस्तोगी समेत 20 भारतीय हुए शामिल
  • वर्ल्ड की सेकेंड लारजेस्ट रेडियोलॉजी कॉन्फ्रेंस है ईसीआर 
  • इस सोसायटी के दुनियाभर में हैं 1,30,316 सदस्य
 








भारत सागर न्यूज़/मुरादाबाद - तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर में रेडियोलॉजी के सीनियर प्रो. राजुल रस्तोगी ने वर्ल्ड की सेकेंड लारजेस्ट पांच दिनी रेडियोलॉजी कॉन्फ्रेंस- ईसीआर- यूरोपियन कांग्रेस ऑफ रेडियोलॉजी-2024 में 13 रिसर्च प्रेजेंटेशन दी हैं। ऑस्ट्रिया के वियना में आयोजित इस कांन्फ्रेस की थीम- द फ्यूचर ऑफ रेडियोलॉजी- ब्लरिंग द लाइन्स बिटवीन साइंस फिक्शन एंड रियल्टी थी। टीएमयू की ओर से वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट प्रो. राजुल रस्तोगी ने एमआरआई ब्रेन से मनोरोग की प्रारम्भिक अवस्था में पहचान, एआई से ब्रेन सेल्स के सिकुडने का पता करना, एमआरआई और अल्ट्रासाउंड से बच्चेदानी के नीचे उतरने का पता लगाना, एआई से ब्रेन के सीएसएफ का वॉल्यूम पता करना, कुष्ठ रोग में अल्ट्रासाउंड से जल्दी उपचार शुरू करना, फेफड़ों की बीमारी में एमआरआई की भूमिका आदि पर अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किए। प्रो. राजुल ने गुर्दे या गुर्दे की नली में एमआरआई या सीटी स्कैन में कौन-सा और कब प्रभावी है? सर्वाइकल कंसिस्टेंसी इंडेक्स का प्रयोग करके प्री टर्म लेबर का पता करना, डिफ्यूजन टेंसर इमेजिंग से ब्रेन स्ट्रोक के इलाज और सुधार में सहायता आदि पर भी विस्तार से अपने शोध का नजरिया पेश किया।  

कॉन्फेंस में दुनिया के 67 देशों के 2003 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। इसमें प्रो. राजुल रस्तोगी समेत 20 भारतीय शामिल थे। उल्लेखनीय है, रेडियोलॉजी की यूरोपीय सोसायटी एक गैर-राजनीतिक और गैर-लाभकारी संगठन है, जो सभी यूरोपीय देशों में रेडियोलॉजी की वैज्ञानिक, परोपकारी, बौद्धिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और समन्वय करने के लिए समर्पित है। हर समय सोसाइटी का मिशन विज्ञान, शिक्षण और अनुसंधान के समर्थन और रेडियोलॉजी के क्षेत्र में सेवा की गुणवत्ता के माध्यम से आम जनता की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं की सेवा करना है। दुनिया भर में 1,30,316 सदस्यों के वाली यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रेडियोलॉजिकल सोसायटी है। यह सोसायटी हर साल ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में सबसे बड़ी और सबसे नवीन वैज्ञानिक रेडियोलॉजी की यूरोपीय कांग्रेस की मेजबानी करती है।

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