"लिफ्ट में बंद थे सांसें! चरक भवन में आधे घंटे तक घुटता रहा इंतज़ार, कोई नहीं आया मदद को"
उज्जैन के चरक भवन में लिफ्ट व्यवस्था फिर से सवालों के घेरे में, आधा घंटे तक लिफ्ट में फंसे रहे मरीज के परिजन.....
भारत सागर न्यूज/उज्जैन(संजय शर्मा)। के चरक भवन में लिफ्ट व्यवस्था एक बार फिर से विवादों में घिर गई है। आधा घंटे तक लिफ्ट बंद होने से मरीज के परिजन परेशान होते रहे, लेकिन कोई भी जिम्मेदार मदद के लिए नहीं पहुंचा। यह घटना उस समय हुई जब मरीज के परिजन लिफ्ट में फंस गए और उन्हें बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला।
चरक भवन में लगी हुई आठ लिफ्टों में से चार लिफ्ट बंद और चार लिफ्ट चालू हैं। जो लिफ्ट चालू हैं, उनकी हालत इतनी खराब है कि वह कभी भी बंद हो जाती हैं। लिफ्ट नंबर 1 की हालत तो इतनी खराब है कि वह ऑटोमैटिक ही बंद हो जाती है। मरीज लिफ्ट में बाहर निकल रहे हों या अंदर जा रहे हों, उसके पहले ही बिना बटन दबाए ही बंद हो जाती है। ऐसे में जो व्यक्ति नीचे या ऊपर जाने के लिए लिफ्ट में घुसता है, वह उसमें ही रह जाता है।
लिफ्ट नंबर 2, लिफ्ट 4 और लिफ्ट 8 पूरी तरह से बंद पड़ी हुई हैं। वहीं लिफ्ट नंबर 6 भी अधिकतर बंद पड़ी रहती है। जिला अस्पताल बंद होने के बाद यहां के सभी मरीज शिफ्ट कर दिए गए हैं, जिससे लिफ्टों का उपयोग बढ़ गया है। ऐसे में मरीजों का पहली मंजिल से लेकर पांचवीं तक मरीजों का सबसे ज्यादा आना-जाना रहता है।
इन लिफ्टों में से कुछ में तो पंखे भी बंद हैं, जिससे गर्मी के मौसम में लोग घबरा जाते हैं। इतनी लापरवाही के बावजूद जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सिविल सर्जन डॉक्टर अजय दिवाकर का कहना है कि लिफ्ट सभी बढ़िया हैं,
लेकिन लाइट नहीं रहने से यह समस्या बार-बार आती है। हालांकि लिफ्ट खराब होने की बात पहली बार सामने नहीं आई है, लेकिन अस्पताल प्रशासन हमेशा अन्य किसी विभाग का या दूसरे कारण का हवाला देता हुआ नजर आता है।
इस घटना के बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है और जल्द से जल्द लिफ्ट की व्यवस्था सुधारने की मांग की है। देखना होगा कि अस्पताल प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और मरीजों को राहत प्रदान करने के लिए क्या कदम उठाता है।
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