देशव्यापी आम हड़ताल के समर्थन में ट्रेड यूनियन काऊंसिल ने बाईक रैली निकालकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा




भारत सागर न्यूज, देवास। दस बड़े ट्रेड यूनियन व कर्मचारी संगठनों द्वारा सरकार की तमाम जनविरोधी नीतियों के खिलाफ अखिल भारतीय हड़ताल के समर्थन में सिटी ट्रेड यूनियन काऊंसिल , देवास (म.प्र.) द्वारा  एक बाईक रैली निकाली गई। बाईक रैली स्थानीय एल आई सी कार्यालय देवास से प्रारंभ होकर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए युनियन बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र होते हुए कलेक्टरेट कार्यालय पहुँची जहां जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा गया। ज्ञापन का वाचन राजुल श्रीवास्तव ने किया व रैली का संचालन सिटी ट्रेड यूनियन काऊंसिल देवास के संयोजक मोहन जोशी ने किया। एटीयूटीसी से एड राजुल श्रीवास्तव, बैंक ऑफ़ बड़ौदा से देवेन्द्र राठौर, ऑल इंडिया इन्श्योरेन्स एम्प्लाईज एसोसिएशन  देवास के अध्यक्ष मोरसिंह राजपूत, सचिव शुभम जैन, अमित संगाते, विनोद कुमार बंशीलाल, बीएसएनएल युनियन से  अध्यक्ष दिलीप नायक एवं राम सकल यादव एवं छात्र संगठन एआयडीएसओ से जिला संयोजक विनोद प्रजापति, सेंट्रल बैंक से नरेंद्र पिशाल, बीएसएनएल से शकील खान, डाकघर से संजय गोहलित, जानकीलाल मोदी, इंश्योरेंस पेंशनर्स एसोसिएशन देवास से मोहन जेठीवाल,एल आई सी से जगदीश पिण्डलया,मैडम अश्विन झारबड़े,युनियन बैंक से रवि डोंगरे, इंडियन बैंक से जय शर्मा, बैंक ऑफ़ इंडिया से जे. पी.शर्मा, एल आई सी से ईश्वर मोदी, आदि ने सम्बोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि यह आम हड़ताल एक ऐसे समय पर बुलाई गई है, जब आम जनता को बहुत हद तक सस्ती सेवाएं व रोजगार देने वाले तमाम सार्वजनिक उपक्रमों जैसे रेल्वे, बैंक, बीमा, भेल, गेल, आयुध कारखाने, बीपीसीएल आदि के निजीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया। इन सार्वजनिक उपक्रमों का पूंजीपतियों के हित में  निजीकरण किया जा रहा है जिसके कारण कर्मचारियों में भारी रोष है। सरकार की जनविरोधी नीतियों के चलते  खाने पीने की वस्तुओं सहित तमाम उत्पादों और सेवाओं में महंगाई भयंकर रूप से बढ़ रही है,और भयावह बेरोजगारी से देश की आम जनता त्रस्त है।  खाने-पीने की आवश्यक वस्तुएं- दवाएं, बिजली बिल, पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस को महंगे से महंगा कर दिया गया है । मजदूरों के अथक संघर्ष से हासिल  44 श्रम कानूनों को  मालिकों के पक्ष में चार संहिता के रुप में लागू कर दिया गया है। जिनके तहत मजदूरों के 8 घंटे काम के अधिकार को 12 घंटे कर दिया गया, उनको यूनियन बनाने, हड़ताल करने अपनी हक की बात कहने का अधिकार लगभग खत्म कर दिए गया है। अभी तीन दिन में पेट्रोलियम में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 126 डालर प्रति बैरल से घटकर 104 डालर प्रति बैरल हो गया यानि 26 प्रतिशत की कमी आई पर केंद्र सरकार ने पिछले तीन दिन में ही पेट्रोल डीजल पर तीन रुपये से ज्यादा की वृद्धि कर दी है। सभी ने इन समस्याओं के खिलाफ जोरदार ढंग से आंदोलन की अपील की।

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