देवास में कलेक्टर के आदेश के बाद जिम संचालक और रेस्टोरेंट संचालकों की अजीविका मझधार में ?



देवास। कोरोना को लेकर जारी कलेक्टर के आदेश जिनमें जिम, रेस्टोरेंट और सिनेमाघर आदि बंद किये जाने का उल्लेख है, को लेकर कुछ दिनों से शहर में कई प्रकार के प्रश्न उठ रहे हैं । कही सोशल मिडिया पर दारु की दुकानों पर कोरोना नियमों का पालन नही किये जाने पर आक्रोश था तो कहीं पर रेस्टोरेंट और जिम को बंद किये जाने को लेकर। हालांकि कलेक्टर के आदेश आमजन को कोरोना से बचाने के उद्देश्य से दिये गए हैं। लेकिन इसी आदेश के बाद जिम संचालक और रेस्टारेंट संचालक अपनी अजीविका पर खतरा अनुभव कर रहे हैं। मंगलवार को देवास जिला बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन द्वारा सभी जीमो की मांग को लेकर पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया वहीं रेस्टारेंट संचालन करने वालों का एक समूह जिला कलेक्टर से मिलने के लिए पंहुचा। 

    जिम संचालकों को कहना है कि हमने पहले सरकार के सभी नियमों का पालन करते हुए हमारे संस्थानों का संचालन किया है। और अब फिर से हमारे संस्थानों को बंद करने के आदेश दे दिये गए हैं। ऐसे में हमारे ट्रेनर और जिम के खर्चों का निर्वहन कैसे होगा ? जबकि हमारे कई संस्थानों पर बैंक लोन और बिजली के बिलों का भार भी पड़ता है। साथ ही हमारे यहां ट्रेनिंग करने वाले कई लोगों को पुनः अपनी वार्षिक सदस्यता का भार अलग उठाना होगा। इससे हमारे संस्थान पर आर्थिक भार पडे़गा। 

    देवास जिला बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष खुमान सिंह बैस ने सभी जिम संचालकों की ओर से बताया कि जिम बंद होने से सभी जिम संचालको ओर वहां कार्य करने वाले ट्रेनरो को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है सभी अपना घर व अन्य खर्च जैसे बैंकों की क़िस्त व जिम का किराया बिजली बिल सभी जिम चलने पर ही निर्भर है यदि जिम बन्द हो गए तो सभी की आर्थिक स्थिती बिगड़ जाएगी इसलिए हम जिला प्रशासन और मध्यप्रदेश शासन से यह चाहते है कि हमे पुरानी नियम शर्तो पर जिम चालू रखने की अनुमति दी जावे हम जीमो में आने वाले प्रत्येक सदस्य का टेम्परेचर चेक करके व सेनिटाइजर से हाथ धुलवाकर ही जिम में इंट्री देते है और समय समय पर मशीनों को भी सेनेटाइज करते रहते है व एक समय मे सिर्फ 10 सदस्यों को ही जिम में इंट्री दी जाती है इन सभी शर्तो के साथ ही जिम चलाने की अनुमति दी जाए जिससे सभी जिम संचालक अपनी आजीविका चला सके । 

    प्रेस वार्ता के बाद जिम संचालकों ने कलेक्टर को लिखित आवेदन देने का भी कहा है।  इधर रेस्टोरेंट संचालक भी जिला कलेक्टर के पास अपनी मांगों को लेकर पंहुचे। जहां उन्होने भी इस दौरान अपने रेस्टोरेंट्स को नियमानुसार खोलने की मांग जिला कलेक्टर के पास रखी है। आपको बता दें जिले में आज कोरोना के कुल 34 संक्रमित मरीज सामने आये हैं। जिन्हें मिलाकर जिले में एक्टीव मरीजों की संख्या 212 पर पंहुच गई हैं। ऐसे में कौन सही है कौन गलत है, यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है लेकिन दोनों ओर जिम्मेदारियों का वजन बराबर है। शहर के होटल व्यवसायी असोसिएशन के पदाधिकारियों तथा सदस्यों ने आज  जिलाधीश के नाम एक ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि सीमित संख्या में ही सही होटल में ग्राहकों को बैठकर खाने की अनुमति दी जाए ।

   रेस्टोरेंट संचालको ने  कहा कि बीते एक साल में कोरोना के चलते होटल व्यवसाय की यों भी कमर टूट चुकी है अभी थोड़ा व्यवसाय सम्भला ही था कि कोरोना की दूसरी लहर के कारण प्रशासन ने सिर्फ पार्सल सुविधा की छूट के साथ व्यवसाय करने का आदेश दिया है ।



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