इंदौर को प्रदूषण मुक्त करवाना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती - सांसद लालवानी!!

इंदौर। इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे तेजी से बढ़ता शहर है, लेकिन इस विकास के साथ समस्याएं और चुनौतियां भी बढ़ती जा रही हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर सांसद शंकर लालवानी से नईदुनिया ने बात की तो उन्होंने विकास का खाका सामने रखने के साथ ही चुनौतियों को भी खुले मन से स्वीकारा। उनका मानना है कि शहर को प्रदूषण से मुक्ति दिलाना और यातायात को बेहतर बनाना बड़ी चुनौती है। यातायात समस्या से निपटने का बेहतर विकल्प मेट्रो रेल प्रोजेक्ट बन सकता है, लेकिन इसके लिए हमें मेट्रो को पीथमपुर और उज्जैन तक विस्तार देना होगा। इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। सांसद ने सड़क, रेलवे और वायु सेवाओं के विस्तार और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि शहर को यातायात की दृष्टि से बेहतर देखना मेरा सपना है। इसके लिए सरकार के साथ मिलकर हम प्रयास में लगे हैं। सांसद के रूप में लालवानी को पौने चार साल हो चुके हैं। बचे सवा साल में वे कुछ महत्वपूर्ण कामों करने के लिए प्रयासरत हैं।

प्रश्न - रेलवे के क्षेत्र में इंदौर की प्रगति किस तरफ जा रही है? आपका क्या इसमें योगदान है?
उत्तर - रेलवे के क्षेत्र में हमने कुछ रुकी हुई परियोजनाओं को शुरू कराने के प्रयास किया हैं। हमे सरकार का इसमें काफी सहयोग मिला है। दो साल से रेलवे का इंदौर-दाहोद प्रोजेक्ट बंद था। फिर से इसका काम शुरू करवाया है। महू-सनावद रेल लाइन का काम भी शुरू होने वाला है। इंदौर-फतेहाबाद-उज्जैन का काम पूरा होने वाला है। इंदौर-देवास-उज्जैन रेल मार्ग का दोहरीकरण चल रहा है। वर्षों से रुकी इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के लिए भी इस बार बजट में प्रविधान किया गया है। इसका सर्वे शुरू हो गया है।
प्रश्न - आइडीए अध्यक्ष रहने के बाद अब सांसद के रूप में भी आप फ्लायओवर ब्रिज पर काफी ध्यान दे रहे हैं। यातायात सुधार के लिए शहर में फ्लायओवर कितने जरूरी हैं?
उत्तर - शहर के विस्तार, बढ़ती जनसंख्या, बढ़ते वाहनों को देखते हुए यातायात सुधारने के लिए फ्लायओवर बेहद जरूरी हो गए हैं। केंद्र सरकार ने हमको 10 फ्लायओवर ब्रिज दिए हैं। इनमें राऊ सर्कल के ब्रिज का काम शुरू हो चुका है। बचे हुए नौ ब्रिज में से चार के टेंडर हो चुके हैं। इनमें बायपास रोड पर रालामंडल, एमआर-10, बेस्ट प्राइस के आगे झलारिया, अर्जुन बड़ौदा के पास के फ्लायओवर ब्रिज शामिल हैं। शेष पांच ब्रिज शहर के अंदर बनाए जाएंगे। इनके लिए राशि तो केंद्र सरकार दे रही है, लेकिन निर्माण राज्य सरकार की एजेंसियां करेंगी। इनकी डीपीआर पर काम शुरू हो गया है।
प्रश्न - अब तो एयरपोर्ट भी विस्तार और विकास की राह पर है। इस क्षेत्र में आप अपनी क्या उपलब्धि मानते हैं?
उत्तर - इंदौर एयरपोर्ट से दुबई के लिए इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू कराने के लिए हमने काफी प्रयास किए। यह एक उपलब्धि के तौर पर है। शहर के लिए दुबई की सीधी फ्लाइट की मांग लंबे समय से चल रही थी,जिसे नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सहयोग से पूरा किया गया। एयरपोर्ट पर कार्गो की शुरुआत भी बड़ा काम है। यहां पहले दो एयरोब्रिज थे। अब पांच हो चुके हैं। एयरपोर्ट के विस्तार के लिए प्रशासन से 22 एकड़ जमीन भी दिलवाई है।
प्रश्न - जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। यहां छोटे शहरों व गांवों से काफी युवा भी आ रहे हैं। इंदौर में रोजगार का संकट बना हुआ है। इससे निपटना भी बड़ी चुनौती है। इसके लिए क्या प्रयास हैं?
उत्तर - इंदौर पांच क्लस्टर का निर्माण प्रक्रिया में है। इनमें रेडीमेड गारमेंट, फर्नीचर, टाफी, खिलौना और आइटी क्लस्टर शामिल हैं। इन क्लस्टर से करीब 50 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। जल्द ही मुख्यमंत्री इनका भूमिपूजन भी करेंगे। कुछ क्लस्टर में जमीन संबंधी दिक्कतें हैं, उनको दूर किया जा रहा है।


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