देवास में अनूठी पहल: मोबाइल की दुनिया से बाहर, किताबों की गोद में लौटे बच्चे!
इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए देवास के उज्जैन रोड स्थित सांवरिया एकेडमी के संचालक श्रवण जायसवाल ने एक प्रेरणादायक पहल की है। उन्होंने बच्चों और युवाओं को फिर से पुस्तकों से जोड़ने के उद्देश्य से निःशुल्क लाइब्रेरी की शुरुआत की है। यहां पाठकों के लिए फिलहाल 2,000 से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं।
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इनमें शैक्षणिक किताबों से लेकर आध्यात्मिक ग्रंथ, ऐतिहासिक दस्तावेज, प्रेरक जीवनियां, मनोविज्ञान, उपन्यास, कविता संग्रह, करियर मार्गदर्शन और सामान्य ज्ञान से जुड़ी पुस्तकें शामिल हैं। सभी किताबें हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध हैं, ताकि हर आयु वर्ग के पाठक इसका लाभ उठा सकें।
लाइब्रेरी में निःशुल्क पठन की सुविधा है। कोई भी छात्र, शिक्षक, अभिभावक या नागरिक यहां आकर बिना किसी शुल्क के पुस्तकें पढ़ सकता है। इसके अतिरिक्त चयनित पुस्तकों को कुछ दिनों के लिए घर ले जाने की अनुमति भी दी जाती है। यहां ‘बुक एक्सचेंज’ सेवा भी उपलब्ध है, जिसके तहत पाठक अपनी पुरानी किताबें देकर नई किताबें ले सकते हैं। अध्ययन के लिए शांत वातावरण, उचित रोशनी और आरामदायक बैठने की व्यवस्था भी की गई है।
श्रवण जायसवाल का मानना है कि किताबें केवल जानकारी नहीं देतीं, वे सोच, संस्कार और कल्पनाशक्ति को भी विकसित करती हैं। मोबाइल के बदलते कंटेंट की तुलना में किताबें मन को केंद्रित रखने की कला सिखाती हैं। नियमित पठन से न केवल तनाव कम होता है बल्कि नींद की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। साथ ही, बच्चों को विज्ञान, इतिहास और जीवन से जुड़ी गहराइयों को समझने में मदद मिलती है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को मोबाइल की दुनिया से बाहर निकालकर किताबों की दुनिया से जोड़ें। हर दिन केवल 30 मिनट का नियमित पठन भी बच्चों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।
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