देवास जिले में फिर से टिड्डी दल के प्रवेश की संभावना, कृषकों के लिए उपयोगी सलाह /उपाय


देवास / उपसंचालक कृषि नीलमसिंह चौहान ने बताया कि जिले में कई स्थानों पर टिड्डी दल का आक्रमण किया, जिसमें विकासखण्ड विकासखण्ड टोंकखुर्द के ग्राम बेरदु, गुराडिया, सुरदास, इकलेरामाताजी एवं सोनकच्छ के ग्राम कुमारिया बनवीर, डेहरिया पेड, अमोना के जंगल, पटाडिया नजदीक आदि ग्राम शामिल है। उक्त ग्रामों में भारत सरकार का केन्द्रीय दल एवं किसान कल्याण तथा कृषि विकास, विभाग के कृषि अधिकारियों एवं मैदानी अमले के साथ ही स्थानीय कृषकों के सहयोग से ध्वनि विस्तार यंत्रों एंव अन्य माध्यमों से टिड्डी दल को जिले की सीमा क्षेत्र से बाहर किया गया। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सत्त निगरानी रखी जाकर टिड्डियों के नियंत्रण के लिए किसानों को जागरूक कर सलाह दी जा रही है। टिड्डियों का एक बड़ा दल पुनः देवास जिले में प्रवेश करने की संभावना है चूंकि सघनता ( 2-3 किलो मीटर का दायरा ) अधिक होने के कारण सभी को समाप्त नही किया जा सकता ऐसी स्थिति में आगे बढ़ने की प्रबल संभावना है। जिले की सभी किसान भाई सजग एवं सतर्क रहे।  


टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु कृषकों के लिए उपयोगी सलाह /उपाय


    टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु ट्रेक्टर चलित स्प्रेपम्प, फायर बिग्रेड की व्यवस्था सुनिश्चित की जावें। टिड्डी दल सामान्यतः सूर्यास्त होने के पश्चात् रात्रि 8:00 बजे के लगभग एक स्थान पर रूकता है। इसकी सूचना प्राप्त होते ही इसके नियंत्रण के लिए रात्रि में ही संसाधनों की व्यवस्था कर प्रातः 4:00 बजे से सूर्यास्त के पूर्व नियंत्रण हेतु कार्यवाही करें। ध्वनि विस्तारक यंत्रो के माध्यम से आवाज कर उनको अपने खेतो पर बैठने ना दे। प्रकाश प्रपंच लगाकर के एकत्रित करें। खेतों में कल्टीवेटर या रोटावेटर चलाकर के टिड्डी को तथा उसके अण्डों को नष्ट करें। यदि अतिआवश्यक हो तो बेनडियोकार्य 80 डब्ल्यूपी की 125 ग्राम को 500 लीटर पानी में मिलाकर के प्रति हेक्टेयर की दर से छिडकाव करें या मेलाथियान 5 प्रतिशत डीपी की 25 किलो मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें। यदि शाम के समय टिड्डी दल का प्रकोप हो गया है तो सुबह 3 से 5 बजे तक तुरन्त अनुशंसित कीटनाशी दवाये ट्रेक्टर चलित स्प्रेपम्प ( पावर स्प्रे ) द्वारा जैसे क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी 1200 मिली 0 या डेल्टामेथिन 2.8 प्रतिशत ईसी 600 मिली 0 अथवा लेमडासाइलोथिन 5 प्रतिशत ईसी 400 मिली 0 प्रति हेक्टेयर 600 लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें। कृषकगण टिड्डी दल के आक्रमण के समय यदि कीटनाशी दवा उपलब्ध नही होने पर ट्रेक्टर चलित स्प्रेपम्प ( पावर स्प्रे ) के द्वारा तेज बौछार से भगाया जा सकता।



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