देवास की महिला ने दिया दो सिर वाली बच्ची को जन्म, डॉक्टर्स की निगरानी में...!






भारत सागर न्यूज/इंदौर।  इंदौर के एमटीएच अस्पताल में एक असामान्य डिलीवरी में सामने आई जिसमें दुर्लभ प्रसव के दौरान दो सिर वाली बच्ची का जन्म हुआ है। यह बच्ची देवास जिले के हरनगांव के पलासी गांव की 22 वर्षीय महिला के गर्भ से जन्मी, जिसे 22 जुलाई को गंभीर प्रसव पीड़ा के चलते एमटीएच अस्पताल लाया गया था। जानकारी के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान महिला की चार बार जाँच कराई गई थी, लेकिन किसी प्रकार की असामान्यता की पहचान नहीं हो सकी।





लेबर दर्द के दौरान जटिलताओं को देखते हुए डॉक्टरों ने विशेष निर्णय लेते हुए सामान्य प्रक्रिया से हटकर सिजेरियन डिलीवरी की। डिलीवरी के बाद जो बच्ची जन्मी, वह एक ही धड़ और दो सिरों के साथ पैदा हुई। नवजात बच्ची का वजन 2.8 किलोग्राम है। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में 'पैरापैगस डेसिफेल्स ट्विन्स' कहा जाता है, जो अत्यंत दुर्लभ होती है। फिलहाल नवजात को एमटीएच अस्पताल की सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) में निगरानी में रखा गया है।




बच्ची में दो रीढ़ की हड्डियाँ, दो लिवर, एक दिल, दो फेफड़े और दो अलग-अलग आंत तंत्र पाए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति अत्यधिक संवेदनशील है और बच्ची की संपूर्ण शारीरिक संरचना की बारीकी से जाँच की जा रही है। 

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मेडिकल टीम द्वारा सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद एक सिर को अलग करने की संभावना पर फैसला लिया जाएगा।




एमटीएच अस्पताल की अधीक्षक एवं सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अनुपमा दवे ने स्पष्ट किया कि यह कोई अनुवांशिक विकार नहीं है। यह आमतौर पर मां के स्वास्थ्य से भी संबंधित नहीं होता। जब एक निषेचित अंडाणु पूरी तरह दो भ्रूणों में विभाजित नहीं हो पाता है, तब ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जिसमें दो भ्रूण शरीर के किसी हिस्से से जुड़े रह जाते हैं। यह एक दुर्लभ विकासात्मक विसंगति होती है, जिसे वैज्ञानिक रूप से 'विकासात्मक दुर्घटना' माना जाता है। इसका सटीक कारण अभी तक ज्ञात नहीं है और इसकी संभाव्यता प्रति 50 हजार से 2 लाख गर्भधारण में एक बार पाई जाती है।





अब डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम — जिसमें सर्जन, शिशु रोग विशेषज्ञ और इमेजिंग विशेषज्ञ शामिल हैं — आगे की संभावित सर्जरी को लेकर रणनीति बनाएगी। टीम यह तय करेगी कि यदि एक सिर को हटाने की प्रक्रिया अपनाई जाती है, तो क्या अन्य अंग सुरक्षित रूप से कार्य कर पाएंगे। इस जटिल डिलीवरी को डॉ. निलेश दलाल के नेतृत्व में डॉ. अल्का पटेल, डॉ. शीतल टेटाओ, डॉ. इंटरलता सोलंकी, डॉ. नेटा राजापन एवं अन्य डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक संपन्न किया।

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